रेखा गुप्ता – नवीनतम खबरें एक जगह
अगर आप रेखा गुप्ता द्वारा लिखे लेखों को फॉलो करना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिये है। यहाँ हम उनके सबसे ताज़ा और असरदार पोस्ट्स का सार दे रहे हैं, ताकि आप बिना घुमा‑फिरा पढ़ सकें।
राजनीति व अर्थव्यवस्था की मुख्य बातें
रेखा ने 19 अक्टूबर 1987 के डॉव गिरावट को आज के ट्रेड नीतियों से जोड़ा, यह समझाया कि कैसे एल्गो मॉनिटरिंग और सेंट्रल बैंकों की तरलता सुविधा अब भी बाजार में अस्थिरता पैदा करती है। उनके विश्लेषण से पता चलता है कि इतिहास दोहराता नहीं, पर जोखिम अभी मौजूद हैं।
एक और लेख में उन्होंने IMF के पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर ऋण देने पर भारत की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया। रेखा ने बताया कि यह कदम सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है और दोनों देशों के रिश्तों में तनाव जोड़ता है। पढ़ने से समझेंगे क्यों आर्थिक मदद कभी‑कभी सुरक्षा जोखिम बनती है।
खेल, मनोरंजन व तकनीकी अपडेट
क्रिकेट प्रेमियों के लिये रेखा ने IPL 2025 की कई रोचक बातें लिखी – सूनिल नरेन का रिकॉर्ड तोड़ना, RCB में बदलाव और इशान किशन के विवादित आउट पर चर्चा। उनका लेख न केवल स्कोरिंग बताता है बल्कि अंपायरिंग नियमों और टीम स्ट्रैटेजी पर भी प्रकाश डालता है।
बॉक्स ऑफिस का फैन रेखा की फिल्म ‘छावां’ के बारे में लिखते हैं – कैसे यह 300 करोड़ से ऊपर कमाई कर पहली ब्लॉकबस्टर बनी, कौनसे कारक इस सफलता को चलाते हैं, और दर्शकों की प्रतिक्रियाएं क्या थीं। सरल भाषा में समझें कि क्यों ये फिल्म अभी चर्चा में है।
तकनीकी सेक्शन में उन्होंने ओला एस1 ई‑स्कूटर का लॉन्च कवर किया – कीमत 79,999 रुपये से शुरू, डुअल एबीएस और ब्रेक‑बाय‑वायर जैसी फीचर्स के साथ। यह लेख आपको स्कूटर की रेंज, पावर और उपयोगिता समझाता है ताकि आप सही विकल्प चुन सकें।
इन सभी पोस्ट्स को पढ़कर आपको रेखा गुप्ता के विश्लेषण का अंदाज़ मिलेगा – तथ्यात्मक, सीधा और रोज़मर्रा की भाषा में लिखा हुआ। चाहे वह आर्थिक नीति हो या खेल‑समाचार, यहाँ सब कुछ समझदारी से पेश किया गया है।
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दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता: सच्ची ताकत या मात्र प्रतीकवाद?
रेखा गुप्ता बतौर दिल्ली की मुख्यमंत्री कितनी प्रभावी हैं या यह केवल प्रतीकात्मक है, इसे समझने की कोशिश की जा रही है। उनके नेतृत्व में पर्यावरण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें लैंडफिल को 2027 तक 80-90% तक घटाने, यमुना की सफाई, तथा प्रदूषण नियंत्रण शामिल हैं। यह भी देखा जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के तहत उनकी भूमिका कितनी स्वायत्त है।