फिलिप ह्यूज का नाम लेना भर है और क्रिकेट जगत में उनके योगदान की कहानी अपने आप उभर जाती है। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के इस नायाब चमकदार प्रतिभा ने क्रिकेट के मैदान को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि अपने जुनून का अखाड़ा बनाया। ह्यूज ने किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन उनकी यात्रा का सफर उस दिन अचानक थम गया, जब 27 नवंबर, 2014 को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर चौंकाने वाली घटना घटी। मित्रवत अमिताभ, जुनून के धनी और हाजिरजवाबी से भरी मुस्कान वाले ह्यूज को एक बाउंसर ने उनकी गर्दन पर चोट की थी।
उनकी मृत्यु की दसवीं वर्षगांठ पर उनके परिवार और टीम के साथियों ने उन पर गहरा प्रेम और आदर प्रकट किया। उनके परिवार ने यह कहते हुए उन्हें याद किया कि वे इस खेल के लिए 'सही कारणों से खेले और हर परिस्थिति को सहजता से लिया'। ह्यूज को टीम का एक अभिन्न अंग होना और ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करना अत्यंत प्रिय था। उनकी टीम ने उन्हें 'हमारे जीवन की रोशनी' और 'मधुर, हास्यपूर्ण और संक्रामक व्यक्तित्व का' नाम दिया।
सीन एबॉट, जो उस दुर्भाग्यपूर्ण गेंदबाज़ी का हिस्सा थे, ह्यूज के प्रति श्रद्धांजलि के असाधारण क्षणों में भावुक दिखाई दिए। उनके सहकर्मियों द्वारा उन्हें सांत्वना देते देखा गया, जिन्होंने अपने भावनाओं को संयमित किया और सीन ने इस घटना पर कभी सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की।
ह्यूज की मृत्यु ने न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि विश्व क्रिकेट को भी झंझोड़ा। खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्रिकेट में ऐसे पल ने कवच बनाए, जिससे क्रिकेट हेलमेट के डिजाइन बेहतर हुए और चिंतनशीलता का स्तर उन्नत हुआ। न्यूरोलॉजिकल सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए खेल के नियमों में सुधार किए गए। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ह्यूज की याद में एक श्रृंखला का आयोजन किया जिसमें खिलाड़ियों ने उनकी स्मृति में काले बैंड पहने।
ह्यूज की मृत्यु के बाद कई युवा क्रिकेटरों को प्रेरणा मिली। उनका जीवन केवल खेल में ही नहीं बल्कि वे क्रिकेट को मानवीय आख्यान बनाने में भी महत्वपूर्ण रहा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत के बड़े नाम जैसे इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स और न्यूज़ीलैंड के टेस्ट कप्तान टॉम लैथम ने उन्हें याद किया। इनकी श्रद्धांजलि न केवल एक खिलाड़ी की किंवदंती को बल्कि एक मित्र की भी प्रशंसा थी।
ह्यूज के निधन ने क्रिकेट में कई सुरक्षा उपायों की ओर रुख खड़ा किया। अब खिलाड़ियों के लिए बेहतर डिजाइन वाले हेलमेट उपलब्ध हैं जिनमें नये सुरक्षा मानदंड हैं। साथ ही, गंभीर चोटों की दिशानिर्देश सहूलियतपूर्वक विकसित किए जा चुके हैं। इससे युवा खिलाड़ियों को एक सुरक्षित खेल वातावरण प्राप्त हो रहा है।
ह्यूज के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री "द बॉय फ्रॉम मॅक्सविले" 6 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली है, जो इस युवा जुनूनी खिलाड़ी के जीवन के पहलुओं पर रोशनी डालेगी। ह्यूज ने क्रिकेट के हर एक फॉर्मेट में अपनी छाप छोड़ी थी और उनके योगदान को सदैव याद किया जाता रहेगा।