रूस के अधिकारियों ने एक अहम जानकारी साझा की है कि उन्होंने रात भर 144 यूक्रेनी ड्रोन पकड़े। यह हमले विभिन्न हिस्सों में हुए, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और आवासीय इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचा। मास्को के गवर्नर आंद्रेई वोरब्योव ने बताया कि कई अपार्टमेंट्स रमेंस्कोए नामक स्थान में आग की चपेट में आ गए। एक 46 वर्षीय महिला की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। इसके अलावा, 43 निवासियों को अस्थायी आश्रय स्थलों में ले जाया गया।
ड्रोन हमलों के कारण मास्को के चार प्रमुख हवाईअड्डे बंद होने की खबरें आई हैं, जिससे 30 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर पड़ा। हालांकि, कुछ समय बाद ऑपरेशन्स धीरे-धीरे शुरू हो गए। मास्को के डोमोदेदोवो, झुकोव्स्की और व्नुकोवो हवाईअड्डों पर संचालन वापस शुरू हुआ। इस घटना ने मास्को में हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
सबसे अधिक ड्रोन का पता ब्रायंस्क क्षेत्र में चला, जो कि मास्को क्षेत्र की पश्चिमी सीमा पर स्थित है। वहां लगभग 72 ड्रोन पकड़े गए। इसके अलावा, मॉस्को क्षेत्र में 20 और कुर्स्क क्षेत्र में 14 ड्रोन का पता चला। ये हमले वहाँ की सुरक्षा प्रणाली की ताकत और कमजोरियों को भी दर्शाते हैं।
यूक्रेनी एयर फोर्स ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि उन्होंने रूस द्वारा दागे गए 46 शहीद-स्टाइल ड्रोन में से 38 को मार गिराया है। यह ड्रोन हमलों की वृद्धि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष को और अधिक जटिल बना रही है। यूक्रेनी एयर फोर्स ने बताया कि रूस ने एक इस्कंदर-एम बैलिस्टिक मिसाइल और एक ख-31 एअर-टू-सर्फेस मिसाइल भी दागी।
मास्को का दावा है कि उन्होंने पूर्वी यूक्रेन में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है, जिनमें नोहोहडिवका नामक गांव का कब्जा भी शामिल है। यह गांव पोकरोवस्क के पास स्थित है, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। उधर, यूक्रेनी सेना ने वहां से अपनी स्थिति को वापस ले लिया है।
सत्रहवीं बार लगातार इस महीने रूस ने कई हत्यात्मक हमले किए हैं, जिनमें लवीव, पोलटावा और खार्किव जैसे शहरों को निशाना बनाया गया।
इसके मध्य यूक्रेन ने भी पिछले महीने कुर्स्क क्षेत्र में अपने अभियानों को बढ़ावा दिया है। दोनों देशों के बीच इस तरह की लगातार हो रही सैन्य कार्रवाइयों ने दुनिया भर में गंभीर चिंता का माहौल बना रखा है।यूक्रेन ड्रोन हमला, रूस-यूक्रेन युद्ध, मास्को हवाई हमले, ड्रोन तकनीक इस घटना को समझने और इसके प्रभावी समाधान की तलाश करने की आवश्यकता है। दोनों देशों के नेतृत्व को बातचीत के रास्ते तलाशने होंगे, ताकि इस जंग का अंत हो सके और शांति की बहाली हो सके।>