विष्णु – भारतीय धर्म और संस्कृति की शिरस्थायी धारा
जब हम विष्णु, हिंदू धर्म में चार हाथों वाले, शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करने वाले संरक्षणकर्ता देवता. Also known as भगवान विष्णु, वह सृष्टि के रखवाले और धर्म के प्रवर्तक के रूप में पूजा जाता है। इनके प्रमुख रूपों में अवतार, विष्णु के सात प्रमुख भाग्यशाली रूप, जैसे राम, कृष्ण, नरसिंह आदि शामिल हैं, और त्रिमूर्ति, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का तिकड़ी, जो सृष्टि, संरक्षण और संहार को दर्शाते हैं धर्म की बुनियाद बनाते हैं।
विष्णु की कथा सिर्फ पुराणों तक सीमित नहीं है; अवतार के माध्यम से वह विभिन्न युगों में समाज के मूलभूत नैतिक सिद्धांतों को स्थापित करता है। उदाहरण के तौर पर, राम अवतार ने न्याय, आदर्श राज‑शासक और भाई‑भतीजियों के बीच प्रेम को दिखाया, जबकि कृष्ण ने गीता में अलौकिक ज्ञान और कर्म‑क्षेत्र की समझ दी। त्रिमूर्ति में विष्णु की भूमिका संतुलन बनाने की है: ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, महेश ने उसका विनाश किया, जबकि विष्णु ने दोनों के बीच जीवन‑धारा को बहाकर रखी। इस संतुलन को समझना हिंदू धर्म में आध्यात्मिक प्रगति के लिये ज़रूरी है।
हिंदी यार समाचार में आप विष्णु से जुड़ी कई रोचक लेख पाएँगे – चाहे वह धर्म‑सम्बन्धी विश्लेषण हो, इतिहास के अनछुए पहलू, या आधुनिक समय में विष्णु व्रत‑पर्व की घटनाएँ। इस संग्रह में प्राचीन कथा‑स्रोतों से लेकर आज के सामाजिक प्रभाव तक के विषय शामिल हैं, जो आपके ज्ञान को गहरा करेंगे और दैनिक जीवन में लागू करने योग्य अंतर्दृष्टि देंगे। नीचे आप इन लेखों को पढ़कर विष्णु के विभिन्न पहलुओं की समग्र समझ बना सकते हैं।
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6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा 2025 पर कोजागर पूजा, विष्णु‑लक्ष्मी‑शिव अभिषेक और कर्क‑वृश्चिक‑मिथुन राशियों के लिए विशेष लाभ की भविष्यवाणी।