पुणे में भारी बारिश से बाढ़ का खतरा बढ़ा, मकान जलमग्न, नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

पुणे में भारी बारिश से बाढ़ का खतरा बढ़ा, मकान जलमग्न, नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 5 अगस्त 2024 6 टिप्पणि

पुणे में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा

पुणे शहर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा गहरा गया है। रातभर हुई तेज बारिश और रविवार से जारी बौछारों के कारण मुथा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे नदी के किनारे बसे नीचले इलाकों में पानी भरने लगा है।

निवास क्षेत्र जलमग्न

मुथा नदी किनारे बसे ईकतनगरी और निम्बाजनगर जैसे क्षेत्रों में पानी घुसने के कारण नागरिकों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। इस संबंध में प्रशासन ने सेना, एनडीआरएफ और फायर बिग्रेड की मदद ली है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बचाव दल ने अपने नाव और बचाव उपकरणों के साथ तैनात कर दिया है।

खड़कवासला बांध से पानी की निकासी

मुथा नदी के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए खड़कवासला बांध से पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। रविवार सुबह से बांध से 35,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और और अधिक बारिश होने पर यह दर बढ़ाई जा सकती है। खतरे को देखते हुए क्षेत्र के निवासियों को सतर्क कर दिया गया है।

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही पुणे शहर और जिले के घाट सेक्शनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। IMD के क्लाइमेट रिसर्च सेंटर के मौसम निगरानी दल ने अगले 24 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है।

लोनावला और अंबेगांव तहसील में भारी बारिश

लोनावला हिल स्टेशन ने शनिवार और रविवार के बीच 232.5 मिमी बारिश दर्ज की, जबकि अंबेगांव तहसील के मलीन क्षेत्र में 116 मिमी बारिश दर्ज की गई। अंबेगांव तहसील के अधिकारियों ने widening cracks के कारण गांवों को खाली कराने की योजना बनाना शुरू कर दिया है।

वाहन यातायात पर असर

पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारी बारिश और कम दृश्यता के कारण वाहन चलाना धीमा रहा, जबकि पुणे-सतारा हाईवे पर गड्ढों के कारण यातायात धीमा था। पुणे एयरपोर्ट पर पांच प्रस्थान और पांच आगमन में हल्की देरी दर्ज की गई, लेकिन कोई बड़ी रुकावट नहीं आई। पुणे रेलवे डिवीजन ने भी सामान्य संचालन की रिपोर्ट दी।

मुख्यमंत्री और अधिकारियों की बैठक

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जो पुणे जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं, ने जिला, पुलिस और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ इस स्थिति पर चर्चा की है। संभावित बाढ़ के लिए आवश्यक सहायता के लिए सेना के अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है।

शहर में भारी जलभराव की रिपोर्टें आ रही हैं, और प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। पुणे के विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिंचवाड़, दपोडी, पाषाण, शिवाजीनगर और एनडीए में अलग-अलग मात्रा में बारिश दर्ज की गई है।

जलभराव और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, नागरिकों को सतर्क और सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन द्वारा कोई भी जोखिम उठाने से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, और जलभराव वाले क्षेत्रों में एनडीआरएफ और बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं।

6 टिप्पणि

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    Anshul Jha

    अगस्त 5, 2024 AT 01:54

    बिजली की तरह बाढ़ आ रही है, सरकारी ठगी फिर से दिखाई दे रही है

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    Anurag Sadhya

    अगस्त 5, 2024 AT 02:10

    हम सभी को मिलकर मदद करनी चाहिए 😊 सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना बहुत जरूरी है

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    Sreeramana Aithal

    अगस्त 5, 2024 AT 02:27

    जमीं पर धंसते घरों के साथ ही हमारे नैतिक मूल्यों का भी बवंडर शुरू हो गया है :) यह बाढ़ निराशा नहीं, बल्कि एक प्रीक्शनरी संदेश है :D हमें ठीक से सोच समझ कर कदम उठाने चाहिए, नहीं तो आगे और भी तबाही होगी।

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    Anshul Singhal

    अगस्त 5, 2024 AT 02:44

    बाढ़ की जलधारा हमें प्रकृति के अद्भुत शक्ति की याद दिलाती है।
    ऐसे समय में हमें एक-दूसरे की पीठ पीछे नहीं, बल्कि कंधे पर कंधा रखकर चलना चाहिए।
    मुंबई‑पुणे एक्सप्रेसवे पर गड़गड़ाहट सुनाई देती है, लेकिन मदद का हाथ बढ़ाना सबसे ज़रूरी है।
    हर बूंद पानी वास्तव में एक आशा का प्रतीक हो सकता है, यदि हम उसे सही दिशा में मोड़ें।
    इस बाढ़ में फँसे परिवारों को तुरंत सुरक्षित आश्रय देना चाहिए।
    सरकारी एजेंसियों का सहयोग सराहनीय है, पर आम जनता को भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
    बचाव दलों के जहाज़ों की आवाज़ में हमें उत्साह और भरोसा मिलता है।
    जलस्तर बढ़ते ही हमें अपने घरों के आधारभूत संरचनाओं को भी जांचना चाहिए।
    बच्चों को इस तरह की आपदा में शांत रखना एक चुनौती है, पर संभव है।
    सोशल मीडिया पर सच्ची जानकारी फैलाने से अफवाहों का मुकाबला किया जा सकता है।
    यदि हम व्यक्तिगत रूप से मदद करेंगे तो सामुदायिक पुनरुत्थान तेज़ होगा।
    इस कठिन घड़ी में हम सभी का मनोबल ऊँचा रखना आवश्यक है।
    बाढ़ के बाद सफाई कार्य में स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।
    हमें पर्यावरण संरक्षण को भी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन ही इस बाढ़ का मूल कारण है।
    अंत में, मिलजुल कर हम इस संकट से उबर सकते हैं और एक सशक्त पुणे बना सकते हैं।

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    DEBAJIT ADHIKARY

    अगस्त 5, 2024 AT 03:00

    सभी नागरिकों से अनुरोध है कि निर्दिष्ट सुरक्षित स्थलों पर शीघ्रतम समय में पहुंचें। आपका सहयोग इस आपदा प्रबंधन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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    abhay sharma

    अगस्त 5, 2024 AT 03:17

    ओह बाप रे बाढ़ फिर से आ गई कोई नई बात नहीं

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