जब शरद पूर्णिमा 2025 का चमकदार चाँद आकाश में उभरता है, तो कई घरों में कोजागर पूजा के साथ ही विशेष दावतें और अभिषेक होते हैं। इस दिन विष्णु, लक्ष्मी और शिव जी की पूजा करके लोग भाग्य की दौलत, स्वास्थ्य और रिश्तों में मिठास की आशा रखते हैं।
शरद पूर्णिमा का पंक्तिविवरण
वेदिक पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से शुरू हो कर 7 अक्टूबर को सुबह 9:16 बजे तक चलती है। चाँद का उगना 6 अक्टूबर को 5:27 बजे निर्धारित है। उसी रात 11:45 बजे से अगले दिन 12:34 बजे तक कोजागर पूजा का मुहूरत माना गया है, जो विशेष रूप से देवी लक्ष्मी को अर्पित है।
ज्योतिषीय महत्व और राशियों पर प्रभाव
शरद पूर्णिमा के दिन चाँद मीन राशि (Pisces) में प्रवेश करता है और साथ ही वृधि योग भी उपस्थित रहता है। इस अंतरिक्षीय संयोजन से जल तत्व की राशि – कर्क, वृश्चिक और मिथुन – को विशेष लाभ मिलता है।
- कर्क राशि: करियर में उछाल, प्रोमोशन तथा वेतन वृद्धि की संभावना बढ़ती है। विवाह और रिश्तों में मिठास लौट आती है।
- वृश्चिक राशि: वित्तीय समृद्धि, संपत्ति में वृद्धि और व्यापार में नई संभावनाएँ सामने आती हैं।
- मिथुन राशि: पढ़ाई और सरकारी नौकरी की तैयारी करने वालों के लिए सफलता के द्वार खुलते हैं।
अस्थायी रूप से, इन राशियों के स्वामी लोग स्नान, दान और मंत्र जप के जरिए अपने भाग्य को और सुदृढ़ कर सकते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान और पूजा विधि
देवों की कृपा पाने के लिये कई रिवाज अपनाये जाते हैं। सबसे पहले, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आरती गा कर विशेष प्रसाद अर्पित किया जाता है। इसके बाद भगवान शिव की शिला (शिवलिंग) पर जल, दही, शहद और बेलपत्र से अभिषेक किया जाता है; कई मानते हैं कि यह अभिषेक पीछे टले हुए कामों को पूरा कर देता है।
परम्परा के अनुसार, चाँद की रोशनी में रखी गई खीर या दूध के मिठाई को अगले सुबह खा लेने से रोग निवारण तथा मानसिक शांति मिलती है। साथ ही, पवित्र नदियों – जैसे गंगा, यमुना या सरस्वती – में स्नान करके आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त की जा सकती है।
स्वास्थ्य व सुख‑समृद्धि के लिए सुझाव
ऐसे दिन में ध्यान, प्राणायाम और दान करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि शरीर को भी मजबूती मिलती है। यहाँ कुछ व्यावहारिक टिप्स प्रस्तुत हैं:
- रात में खीर को खुली हवा में रखकर चाँद की रोशनी से इसे चार्ज करें; भोजन के साथ हल्का हर्बल चाय पिएँ।
- शिवलिंग अभिषेक के बाद 108 बार मानत्र या ॐ नमः शिवाय का जप करें।
- स्नान के बाद हल्का परीकिरण (सूर्य की पहली किरण) में 5‑10 मिनट के लिए बैठें; यह इम्यूनिटी बढ़ाता है।
- किसी भी जरूरतमंद को अनाज या कपड़े दान करें; ऐसा करने से गृहस्थ की समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
आगे क्या उम्मीद रखें
अगले कुछ हफ्तों में मौसम के बदलाव के साथ ही फसल उत्पादन में वृद्धि और व्यापार में हलचल देखी जाएगी। ज्योतिषी डॉ. भारत शर्मा ने कहा, “शरद पूर्णिमा का योग यदि सही तरीके से अपनाया जाए तो यह न केवल इस साल बल्कि आने वाले दो‑तीन वर्षों में वित्तीय स्थिरता प्रदान कर सकता है।” इसलिए, आज के रिवाजों को नियमित बनाकर रखें और सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में प्रवेश दें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शरद पूर्णिमा के दिन कौन‑से विशेष अनुष्ठान करने चाहिए?
मुख्य रूप से विष्णु‑लक्ष्मी की आरती, शिवलिंग पर जल, दही और शहद से अभिषेक, और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। खीर को चाँद की रोशनी में रख कर अगले सुबह खा लेना भी परम्परा में शामिल है।
कौन‑सी राशि को इस पूर्णिमा से सबसे अधिक लाभ होगा?
कर्क, वृश्चिक और मिथुन राशियों को इस दिन विशेष लाभ मिलता है। कर्क राशि को करियर‑प्रगति, वृश्चिक को वित्तीय समृद्धि और मिथुन को शैक्षणिक सफलता की संभावना अधिक रहती है।
खीर को चाँदनी में रखकर खाने से क्या लाभ होते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चाँदनी से पोषित खीर में एंटीऑक्सीडेंट और आयुर्वेदिक तत्व बढ़ते हैं। यह पाचन‑समस्या, त्वचा की समस्याओं और तनाव को कम करने में मदद कर सकती है।
क्या इस दिन दान करना जरूरी है?
दान को अनिवार्य नहीं कहा गया है, परन्तु इस दिन दान करने से भगवान की कृपा प्राप्त होने की शक्ति बढ़ती है। अनाज, कपड़े या भोजन दान करने से घर में समृद्धि आती है।
शरद पूर्णिमा के बाद के हफ्तों में क्या आर्थिक लाभ की उम्मीद की जा सकती है?
ज्योतिषी डॉ. भारत शर्मा के अनुसार, यदि इस पूर्णिमा के अनुष्ठान सही ढंग से किए जाएँ तो अगले 2‑3 महीनों में व्यापारिक अवसर, वेतन वृद्धि और निवेश लाभ का आवेग देखा जा सकता है।
Ashutosh Kumar
अक्तूबर 7, 2025 AT 03:59भाईयो, शरद पूर्णिमा का चाँद देख के दिल धड़कने लगा! कोजागर पूजा का टाइम देख कर मैं भी तुरंत रिवाजों को फॉलो करूंगा। इस दिन कर्क, वृश्चिक और मिथुन को क्या सुपरपावर मिलती है, समझ में आता है। भगवान की कृपा से सबका भाग्य चमकेगा, ये पैकेज बेस्ट है। चलो, सब मिलकर अंबीर रिवाज अपनाते हैं!