शरद पूर्णिमा 2025: कोजागर पूजा के समय और राशियों पर टॉप टिप्स

शरद पूर्णिमा 2025: कोजागर पूजा के समय और राशियों पर टॉप टिप्स
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 7 अक्तूबर 2025 13 टिप्पणि

जब शरद पूर्णिमा 2025 का चमकदार चाँद आकाश में उभरता है, तो कई घरों में कोजागर पूजा के साथ ही विशेष दावतें और अभिषेक होते हैं। इस दिन विष्णु, लक्ष्मी और शिव जी की पूजा करके लोग भाग्य की दौलत, स्वास्थ्य और रिश्तों में मिठास की आशा रखते हैं।

शरद पूर्णिमा का पंक्तिविवरण

वेदिक पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से शुरू हो कर 7 अक्टूबर को सुबह 9:16 बजे तक चलती है। चाँद का उगना 6 अक्टूबर को 5:27 बजे निर्धारित है। उसी रात 11:45 बजे से अगले दिन 12:34 बजे तक कोजागर पूजा का मुहूरत माना गया है, जो विशेष रूप से देवी लक्ष्मी को अर्पित है।

ज्योतिषीय महत्व और राशियों पर प्रभाव

शरद पूर्णिमा के दिन चाँद मीन राशि (Pisces) में प्रवेश करता है और साथ ही वृधि योग भी उपस्थित रहता है। इस अंतरिक्षीय संयोजन से जल तत्व की राशि – कर्क, वृश्चिक और मिथुन – को विशेष लाभ मिलता है।

  • कर्क राशि: करियर में उछाल, प्रोमोशन तथा वेतन वृद्धि की संभावना बढ़ती है। विवाह और रिश्तों में मिठास लौट आती है।
  • वृश्चिक राशि: वित्तीय समृद्धि, संपत्ति में वृद्धि और व्यापार में नई संभावनाएँ सामने आती हैं।
  • मिथुन राशि: पढ़ाई और सरकारी नौकरी की तैयारी करने वालों के लिए सफलता के द्वार खुलते हैं।

अस्थायी रूप से, इन राशियों के स्वामी लोग स्नान, दान और मंत्र जप के जरिए अपने भाग्य को और सुदृढ़ कर सकते हैं।

धार्मिक अनुष्ठान और पूजा विधि

देवों की कृपा पाने के लिये कई रिवाज अपनाये जाते हैं। सबसे पहले, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आरती गा कर विशेष प्रसाद अर्पित किया जाता है। इसके बाद भगवान शिव की शिला (शिवलिंग) पर जल, दही, शहद और बेलपत्र से अभिषेक किया जाता है; कई मानते हैं कि यह अभिषेक पीछे टले हुए कामों को पूरा कर देता है।

परम्परा के अनुसार, चाँद की रोशनी में रखी गई खीर या दूध के मिठाई को अगले सुबह खा लेने से रोग निवारण तथा मानसिक शांति मिलती है। साथ ही, पवित्र नदियों – जैसे गंगा, यमुना या सरस्वती – में स्नान करके आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त की जा सकती है।

स्वास्थ्य व सुख‑समृद्धि के लिए सुझाव

ऐसे दिन में ध्यान, प्राणायाम और दान करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि शरीर को भी मजबूती मिलती है। यहाँ कुछ व्यावहारिक टिप्स प्रस्तुत हैं:

  1. रात में खीर को खुली हवा में रखकर चाँद की रोशनी से इसे चार्ज करें; भोजन के साथ हल्का हर्बल चाय पिएँ।
  2. शिवलिंग अभिषेक के बाद 108 बार मानत्र या ॐ नमः शिवाय का जप करें।
  3. स्नान के बाद हल्का परीकिरण (सूर्य की पहली किरण) में 5‑10 मिनट के लिए बैठें; यह इम्यूनिटी बढ़ाता है।
  4. किसी भी जरूरतमंद को अनाज या कपड़े दान करें; ऐसा करने से गृहस्थ की समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।

आगे क्या उम्मीद रखें

अगले कुछ हफ्तों में मौसम के बदलाव के साथ ही फसल उत्पादन में वृद्धि और व्यापार में हलचल देखी जाएगी। ज्योतिषी डॉ. भारत शर्मा ने कहा, “शरद पूर्णिमा का योग यदि सही तरीके से अपनाया जाए तो यह न केवल इस साल बल्कि आने वाले दो‑तीन वर्षों में वित्तीय स्थिरता प्रदान कर सकता है।” इसलिए, आज के रिवाजों को नियमित बनाकर रखें और सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में प्रवेश दें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शरद पूर्णिमा के दिन कौन‑से विशेष अनुष्ठान करने चाहिए?

मुख्य रूप से विष्णु‑लक्ष्मी की आरती, शिवलिंग पर जल, दही और शहद से अभिषेक, और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। खीर को चाँद की रोशनी में रख कर अगले सुबह खा लेना भी परम्परा में शामिल है।

कौन‑सी राशि को इस पूर्णिमा से सबसे अधिक लाभ होगा?

कर्क, वृश्चिक और मिथुन राशियों को इस दिन विशेष लाभ मिलता है। कर्क राशि को करियर‑प्रगति, वृश्चिक को वित्तीय समृद्धि और मिथुन को शैक्षणिक सफलता की संभावना अधिक रहती है।

खीर को चाँदनी में रखकर खाने से क्या लाभ होते हैं?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चाँदनी से पोषित खीर में एंटीऑक्सीडेंट और आयुर्वेदिक तत्व बढ़ते हैं। यह पाचन‑समस्या, त्वचा की समस्याओं और तनाव को कम करने में मदद कर सकती है।

क्या इस दिन दान करना जरूरी है?

दान को अनिवार्य नहीं कहा गया है, परन्तु इस दिन दान करने से भगवान की कृपा प्राप्त होने की शक्ति बढ़ती है। अनाज, कपड़े या भोजन दान करने से घर में समृद्धि आती है।

शरद पूर्णिमा के बाद के हफ्तों में क्या आर्थिक लाभ की उम्मीद की जा सकती है?

ज्योतिषी डॉ. भारत शर्मा के अनुसार, यदि इस पूर्णिमा के अनुष्ठान सही ढंग से किए जाएँ तो अगले 2‑3 महीनों में व्यापारिक अवसर, वेतन वृद्धि और निवेश लाभ का आवेग देखा जा सकता है।

13 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Ashutosh Kumar

    अक्तूबर 7, 2025 AT 03:59

    भाईयो, शरद पूर्णिमा का चाँद देख के दिल धड़कने लगा! कोजागर पूजा का टाइम देख कर मैं भी तुरंत रिवाजों को फॉलो करूंगा। इस दिन कर्क, वृश्चिक और मिथुन को क्या सुपरपावर मिलती है, समझ में आता है। भगवान की कृपा से सबका भाग्य चमकेगा, ये पैकेज बेस्ट है। चलो, सब मिलकर अंबीर रिवाज अपनाते हैं!

  • Image placeholder

    Ashish Singh

    अक्तूबर 10, 2025 AT 21:25

    शरद पूर्णिमा हमारे सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है; इस पावन अवसर पर हमें व्यवस्थित रूप से विष्णु‑लक्ष्मी का आरती एवं शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। राष्ट्र की अखंडता और धार्मिक परंपराओं की रक्षा हेतु यह अनिवार्य है। सहनशीलता की बजाय अनुशासन और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना चाहिए। इस प्रकार के अनुष्ठान न केवल व्यक्तिगत लाभ देते हैं बल्कि समाज में एकजुटता भी उत्पन्न करते हैं।

  • Image placeholder

    ravi teja

    अक्तूबर 14, 2025 AT 17:39

    यार, मैं देख रहा हूँ कई लोग कोजागर पूजा का टॉप टिप्स पढ़ रहे हैं। सच में, अगर आप कर्क, वृश्चिक या मिथुन हो तो थोड़ा ध्यान देकर जप‑जाप करना फायदेमंद रहेगा। मेरे दोस्त ने भी इस साल पूजा के बाद प्रोमोशन मिला था। तो बस, थोड़ा समय निकाल कर चाँद की रोशनी में खीर रख देना, फिर सुबह खा लेना। सब ठीक रहेगा, चिंता मत करो।

  • Image placeholder

    Gurjeet Chhabra

    अक्तूबर 18, 2025 AT 13:52

    शरद पूर्णिमा के दिन चाँद मीन में है और पानी का असर भी मजबूत है। कर्क और मिथुन के लिए यह समय खास है। थोड़ा जल जप और दान करना अच्छा रहेगा। पूजा के बाद खीर को चाँद की रोशनी में रखना स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद हो सकता है। ये सब आसान उपाय हैं।

  • Image placeholder

    Chirantanjyoti Mudoi

    अक्तूबर 22, 2025 AT 10:05

    सबको लगता है शरद पूर्णिमा से सबको फायदा होगा, पर असल में केवल दो‑तीन राशियों को ही थोड़ा फॉर्मूला मिलता है। अधिकांश लोग इस दिन को बस एक झंझट समझ कर लम्बे टाइम तक नहीं देखते। अगर आप कर्क नहीं भी हैं तो भी सामान्य दान और स्नान से ही लाभ हो सकता है। अतः ज़्यादा उत्साहित न हों, केवल जरूरत के हिसाब से ही अनुष्ठान करें।

  • Image placeholder

    Surya Banerjee

    अक्तूबर 26, 2025 AT 06:19

    yeh full detail mast hai par thoda yaar simple rakh lo. chandra ubti ko dekhne me mazza aata hai. jyotish ke bolte hi sab log groove ho jate hain. bas thoda dhyan rakho khir ko aage rakho, sab badiya.

  • Image placeholder

    Sunil Kumar

    अक्तूबर 30, 2025 AT 02:32

    अच्छा, मतलब हम सब को बस खीर को चाँद में चार्ज कर दो और फिर… ओह हाँ, 108 बार ॐ नमः शिवाय भी जप ले। अगर नहीं तो अगली बार बटूवर में खीर के साथ पॉपकॉर्न लाने की सोचना। 😏 लेकिन सच्ची बात तो यह है कि आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए ये छोटे‑छोटे कदम काम आते हैं, नहीं तो सोशल मीडिया पर लाइक्स और शेर भी नहीं बढ़ेंगे।

  • Image placeholder

    Vishal Kumar Vaswani

    नवंबर 2, 2025 AT 22:45

    👀 लोग नहीं जानते कि इस चाँद की रोशनी में कुछ छिपा हुआ प्रोटोकॉल है जो सरकारी एजेंसियों ने भी छिपाया है। अगर आप सही मंत्र जप नहीं करेंगे तो ऊर्जा का फ्लो उल्टा हो सकता है। 😱 इस बात का ध्यान रखें, नहीं तो वित्तीय लाभ भी उलटा हो सकता है।

  • Image placeholder

    AMRESH KUMAR

    नवंबर 6, 2025 AT 18:59

    बिलकुल सही! इस पूजा से अगर आप दान नहीं करेंगे तो असली ऊर्जा नहीं आएगी। 🙌 जल्दी से दाने का कपड़ा तैयार करो और चाँद के साथ शेयर करो। ए भाई, इस से घर में खुशी आएगी।

  • Image placeholder

    Neha Shetty

    नवंबर 10, 2025 AT 15:12

    नमस्ते सबको, शरद पूर्णिमा के बारे में पढ़ कर बहुत जानकारी मिली। मैं व्यक्तिगत रूप से इस समय को ध्यान और प्राणायाम के लिए इस्तेमाल करती हूँ। अद्भुत है कि किराने की दान और जल जप दोनों ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं। यदि आप कर्क या वृश्चिक नहीं हैं तो भी इस दिन की खास रचनाओं को अपनाना फायदेमंद रहेगा। तो चलिए, हम सभी अपने-अपने तरीके से इस पूर्णिमा को सुख और शांति से भरें।

  • Image placeholder

    Zoya Malik

    नवंबर 14, 2025 AT 11:25

    मैं देखती हूँ कि हर साल एक ही बात दोहराई जाती है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि किस प्रकार की दान से सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। अपनी राय में, यह सिर्फ सतही प्रथा लगती है।

  • Image placeholder

    bhavna bhedi

    नवंबर 18, 2025 AT 07:39

    शरद पूर्णिमा का महत्व बहुत गहरा है और यह कई आयामों में असर डालता है। इस समय पर ध्येय स्पष्ट रखना चाहिए और रिवाजों को समझदारी से अपनाना चाहिए।
    रिवाजों में केवल पूजा ही नहीं, बल्कि सामाजिक दान और पारिवारिक जुड़ाव भी शामिल है। इस प्रकार के कार्य हमें सामुदायिक भावना से जोड़ते हैं।

  • Image placeholder

    Parul Saxena

    नवंबर 22, 2025 AT 03:52

    शरद पूर्णिमा के दौरान चंद्रमा का मीन राशि में प्रवेश करना कई आयामों में आकर्षण पैदा करता है। पहली बात तो यह है कि जल तत्व की प्रधानता इस समय पर सभी भावनात्मक एवं व्यावसायिक क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से प्रकट होती है। जब कर्क, वृश्चिक और मिथुन जैसी जल राशियों का प्रभाव बढ़ता है, तो उनका मानसिक संतुलन और अंतर्ज्ञान भी अधिक तीव्र हो जाता है। इस कारण इन राशियों के स्वामी लोगों को अक्सर नई नौकरी के अवसर या प्रोजेक्ट में सफलता मिलती है। दूसरा, दान और जल जप जैसे अनुष्ठान न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं, बल्कि यह सामाजिक सहानुभूति को भी प्रज्वलित करते हैं। चाँद की रोशनी में रखी गई खीर में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट तत्व आंतरिक रूप से प्रणाली को सुदृढ़ करते हैं। इसके अलावा, शैव और विष्णु‑लक्ष्मी की अर्चना से मन की शांति और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। जब हमने देखा कि कई लोग इस पूर्णिमा पर शिवलिंग पर जल, दही, शहद तथा बेलपत्र का अभिषेक करते हैं, तो यह प्रतीकात्मक रूप से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का काम करता है। थोड़ा देर तक चाँद की रोशनी में खीर को रखकर फिर सुबह खा लेना, ऐसा करके दिन की शुरुआत में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अतिरिक्त, पवित्र नदियों में स्नान करने से शारीरिक रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है, क्योंकि पानी में मौजूद मिनरल्स और शुद्धता शरीर को डिटॉक्सिफ़ाइ करने में मदद करती है। वैद्यकीय दृष्टि से भी यह उल्लेखनीय है कि सूर्य की पहली किरण में बैठने से विटामिन डी का अभिव्यक्त होना संभव होता है, जो कि इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ बनाता है। इन सभी तंत्रों को मिलाकर जब हम एक सुविचारित योजना बनाते हैं तो शरद पूर्णिमा का प्रभाव दो‑तीन साल तक स्थायी आर्थिक व सामाजिक लाभ दिला सकता है। इसलिए, इस वर्ष की पूर्णिमा को सही तरीके से मनाना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी समृद्धि लाता है। अंत में, यह याद रखिए कि किसी भी अनुष्ठान के पीछे सच्ची निष्ठा और सकारात्मक मनोवृत्ति ही सबसे बड़ी कुंजी है।

एक टिप्पणी लिखें