सैन्य गतिरोध – क्या चल रहा है?
आपने शायद टीवी या सोशल मीडिया पर "सैन्य गतिरोह" शब्द सुना होगा। लेकिन इसका असल मतलब क्या है? साधारण भाषा में, यह वो सभी घटनाएँ हैं जहाँ भारतीय सेना या अन्य सुरक्षा बलों की गतिविधियाँ जनता की आँखों के सामने आती हैं – चाहे वह बड़े पैमाने पर परीक्षण हो, सीमा पर तनाव या नई रणनीति का एलेवेशन। इस लेख में हम उन प्रमुख पहलुओं को समझेंगे जो आजकल सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं।
1. हालिया सीमाई टकराव और उनका असर
पिछले महीने उत्तर भारत की सीमा पर कुछ हलचल देखी गई थी। सेना ने तेज़ी से डिप्लॉयमेंट किया, ड्रोन का उपयोग बढ़ाया और नई एंटी‑टैंक प्रणाली टेस्ट की। ये कदम सिर्फ तकनीकी उन्नति नहीं बल्कि सुरक्षा में भरोसा बनाने के लिए हैं। अगर आप इस क्षेत्र में रहने वाले हैं तो स्थानीय खबरों पर नज़र रखें – अक्सर सड़क बंद या ट्रैफ़िक बदलाव इन ऑपरेशन्स से जुड़े होते हैं।
2. रक्षा नीति में नया मोड़
सन् 2025 के बजट में सैन्य खर्च को पिछले साल की तुलना में 12% बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसका मतलब अधिक फ़ौजी उपकरण, बेहतर वेतन और नई प्रशिक्षण सुविधाएँ। साथ ही भारत ने कई विदेशी साझेदारों से मिलते‑जुलते प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया है – जैसे रूस के साथ टैंक अपग्रेड और फ्रांस के साथ एंटी‑एयर सिस्टम। ये बदलाव सीधे सैन्य गतिरोह को तेज़ कर रहे हैं, क्योंकि नई तकनीकें जल्दी मैदान में उतरती हैं।
सैन्य गतिरोह का असर सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है; यह रोजगार, स्थानीय व्यापार और राष्ट्रीय भावना पर भी पड़ता है। अगर आप इस विषय में गहराई से जानना चाहते हैं तो हमारी साइट के अलग‑अलग लेखों को देखिए – हर पोस्ट में आसान भाषा में विस्तार दिया गया है।
अब जब आपने सैन्य गतिरोह की बेसिक जानकारी ले ली, तो अगली बार किसी बड़े ऑपरेशन या नई नीति की घोषणा पर सिर्फ हेडलाइंस नहीं, बल्कि उसकी वजह और असर को समझना शुरू करें। यही समझ आपको देश के सुरक्षा माहौल से जुड़े सही फैसले लेने में मदद करेगी।
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पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध समाप्ति को लेकर चीन और भारत के बीच सहमति
चीन ने पुष्टि की है कि उसने भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध समाप्त करने के लिए एक समझौता किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों ने सीमा विवाद पर राजनयिक और सैन्य माध्यमों से समीपता में बातचीत की है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत समझौतों की कार्यान्विति पर काम करेंगे। यह विकास गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चार से अधिक वर्षों के सैन्य गतिरोध को समाप्त करेगा।