प्रियंका गांधी: विरोधियों का उत्साह जब विनेश फोगाट ने पेरिस में टॉप सीड युई सुसाकी को हराकर बनाया इतिहास

प्रियंका गांधी: विरोधियों का उत्साह जब विनेश फोगाट ने पेरिस में टॉप सीड युई सुसाकी को हराकर बनाया इतिहास

विनेश फोगाट की एतिहासिक जीत

विनेश फोगाट, जो 29 वर्ष की भारतीय पहलवान हैं, ने अपने कुश्ती करियर में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। पेरिस 2024 ओलंपिक में उन्होंने जापान की युई सुसाकी को हराया, जो वर्तमान में गोल्ड मेडलिस्ट और चार बार की विश्व चैंपियन हैं। यह जीत केवल खेल की दृष्टि से नहीं बल्कि व्यक्तिगत संघर्ष और संकल्प की भी कहानी है।

फोगाट का संघर्षमय सफर

विनेश फोगाट का सफर कभी आसान नहीं रहा। उन्होंने न केवल कुश्ती में उत्कृष्टता पाई, बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन में भी कठिनाइयों का सामना किया। पूर्व भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाकर वे सुर्खियों में आईं। इस प्रकरण ने उन्हें खेल से एक वर्ष की बड़ी दूरी पर साबित किया। जंतर मंतर की सड़कों पर बिताए गए रातों और अपने अधिकारों के लिए किए गए संघर्ष ने उन्हें और भी मजबूत बनाया।

प्रतिभाओं से भरा करियर

हालांकि, विनेश फोगाट ने अपने कुश्ती करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इसमें तीन कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक, दो विश्व चैंपियनशिप्स के कांस्य पदक और एक एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक शामिल हैं। इन पदक के माध्यम से उन्होंने साबित किया है कि वह विश्व की श्रेष्ठ पहलवानों में से एक हैं।

सुसाकी के खिलाफ ऐतिहासिक जीत

पेरिस 2024 ओलंपिक में सुसाकी के खिलाफ हुई जीत को खेल के जानकार और प्रशंसकों ने सराहा है। यह मैच विनेश फोगाट के लिए एक बड़े माइलस्टोन के तरह रहा। युई सुसाकी को हराना न केवल जीत की दृष्टि से बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी एक बड़ी उपलब्धि है।

विरोधी दलों का उत्साह

फोगाट की इस जीत पर विरोधी दलों ने भी खुशी जाहिर की है। विपक्षी दल कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने इसे विनेश फोगाट की संघर्ष की विजय कहा है। उन्होंने बताया कि फोगाट का संघर्ष उनको और भी विस्तृत ऊचाइयों तक ले जाएगा।

आगामी सेमीफाइनल मुकाबला

अब विनेश फोगाट के सामने अगली चुनौती क्यूबा की गुज़मैन लोपेज़ के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला है। यह मैच भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इस जीत के साथ ही विनेश अपने पहले ओलंपिक पदक से बस एक कदम दूर हैं।

विनेश फोगाट की यह जीत और उनकी कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। यह दिखाती है कि किसी भी बाधा के बावजूद, दृढ़ संकल्प और मेहनत के साथ हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। आइए, हम सभी उनके इस असाधारण सफर को सलाम करते हैं और उनके सेमीफाइनल मुकाबले में भी सफलता की कामना करते हैं।