बेंगलुरु, जिसकी कभी फिजा 'गार्डन सिटी' के रूप में जानी जाती थी, आजकल कुछ अन्य कारणों से सुर्खियों में है। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण शहर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बारिश ने न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित किया है, बल्कि लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है। एक भयंकर वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक बाइक सवार बेंगलुरु के पनथुर रेलवे अंडरपास की बाढ़ भरे पानी में गिरता हुआ दिखता है।
यह वीडियो, जो कि शहर के एक स्थानीय निवासी द्वारा सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर साझा किया गया था, चर्चा का विषय बन गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बाइक सवार जब उस अंडरपास से गुजरने की कोशिश करता है, तो अचानक से बाढ़ का पानी मजबूती से उसकी ओर बढ़ने लगता है। बाढ़ के इस तीव्र पानी ने बाइक सवार को चौंका दिया और पानी की तेजी की वजह से वह अपना संतुलन खो बैठा। देश के इस आईटी हब में इस तरह की स्थिति कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह वाकिया निश्चित रूप से डरावना था।
हालांकि इस हादसे में सवार को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना शहर की तैयारी और आधारभूत संरचना में सुधार के लिए चिंतन का विषय बन गई है। शहर के निवासी लंबे समय से बेंगलुरु की बाढ़ प्रबंधन प्रणाली की स्थिति पर चिंता जताते आ रहे हैं, खासकर जब से मानसून की अनियमितताएं दिखाई देती हैं। सोशल मीडिया पर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रशासन को बाढ़ नियंत्रण उपायों को जल्द से जल्द प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस वायरल वीडियो ने 20,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रिया प्राप्त की है, जिसमें दर्शक शहर के आधारभूत ढांचे की वर्तमान स्थिति की आलोचना कर रहे हैं। वे स्थानीय प्रशासन से बेहतर योजना बनाने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे घटनाक्रम में जल निकासी व्यवस्था को सुधारने की सख्त जरूरत महसूस हो रही है, ताकि भविष्य में इन समस्याओं को नजरअंदाज न किया जा सके और जनजीवन को सुरक्षित रखा जा सके।
यह घटना बताती है कि कैसे शहर के जल निकासी प्रणाली की कमजोरियाँ नागरिकों के लिए खतरनाक परिस्थितियाँ पैदा कर सकती हैं। स्थानीय निकायों को इस दिशा में गंभीरता से काम करना पड़ेगा ताकि बेंगलुरु का मानसून का संकट सुलझ सके। बेहतर नियोजन और परियोजनाओं के माध्यम से जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करना होगा।
यह समय की मांग है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन इन सभी चिंताओं पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि बेंगलुरु भविष्य में मानसून या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण संकट में न आए।