रवि योग: क्रिकेट, राजनीति और अर्थव्यवस्था के गहन विश्लेषक
जब रवि योग, एक भारतीय पत्रकार और विश्लेषक हैं जो खेल, राजनीति और आर्थिक नीतियों को सरल भाषा में प्रस्तुत करते हैं. Ravi Yoga को अक्सर “तीन‑क्षेत्र विशेषज्ञ” कहा जाता है क्योंकि वह क्रिकेट के आँकड़े, सरकारी योजना और बाजार रुझानों को आपस में जोड़ते हुए पाठकों को स्पष्ट समझ देते हैं। उनका करियर 15 साल से अधिक का है और उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय अख़बारों व डिजिटल पोर्टलों पर नियमित कॉलम लिखा है। इस परिचय में हम उनके तीन मुख्य कार्य‑क्षेत्र – क्रिकेट, भारतीय राजनीति और आर्थिक नीति – को अलग‑अलग देखते हैं, ताकि नीचे सूचीबद्ध लेखों की पृष्ठभूमि स्पष्ट हो सके।
क्रिकेट विश्लेषण में रवि योग का अनूठा अंदाज़
रवि योग का क्रिकेट, भारत और विश्व के प्रमुख टूर्नामेंटों की गहरी समझ पर लेख अक्सर आँकड़े‑आधारित हो जाते हैं, लेकिन वे सिर्फ संख्याएं नहीं देते। उनके अनुसार "एक मैच में टीम की जीत स्टैटिस्टिक्स से शुरू होती है, लेकिन मोमेंटम और खिलाड़ी की मानसिक स्थिति से पूरी होती है" – यह एक प्रमुख semantic triple है: क्रिकेट ⟶ सम्बंधित है ⟶ स्टैटिस्टिक्स और मोमेंटम. उन्होंने अहमदाबाद में भारत‑वेस्ट इंडियज़ मैच, ऑस्ट्रेलिया‑शारजाह टकराव और एशिया कप 2025 की सुपर‑फोर बातें भी विस्तृत रूप से लिखी हैं। इन लेखों में उनका विश्लेषण यह बताता है कि किन पिच‑कंडीशन्स में बैट्समैन का औसत स्कोर बढ़ता है, और कब बॉलर को तेज़ स्पिन देना चाहिए। यही कारण है कि जब आप नीचे दिया गया लेख ‘भारत ने अहमदाबाद में वेस्ट इंडीज़ को मात दी…’ पढ़ेंगे, तो आपको सिर्फ परिणाम नहीं बल्कि रणनीति‑परिणाम भी मिलेंगे। इस तरह उनका क्रिकेट विश्लेषण सिर्फ फॉलो‑अप नहीं, बल्कि भविष्य के खेल‑निर्णयों के लिए एक गाइड बन जाता है।
रवि योग ने महिलाओं के क्रिकेट को भी बराबर जगह दी है। शारजाह में ऑस्ट्रेलिया‑न्यूज़ीलैंड की लड़ाई या भारत‑इंग्लैंड महिला ODI पर उनका लेख यह दर्शाता है कि कैसे टीम की बॅटिंग क्रम और फील्डिंग सेट‑अप बदलते हुए जीत का रास्ता बनता है। इस पर उनका कहना है, “महिला क्रिकेट में यूटिलिटी ऑल‑राउंडर की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है; एक ही खिलाड़ी के पास बैट, बॉल और फील्डिंग में संतुलन होना चाहिए” – यह एक और semantic triple बनाता है: महिला क्रिकेट ⟶ आवश्यकता ⟶ ऑल‑राउंडर. इस दृष्टिकोण से पाठक केवल स्कोर नहीं, बल्कि खेल के विकास को भी समझते हैं।
रवि योग की कवरेज में भारतीय राजनीति, देश के चुनावी माहौल, नीति‑निर्माण और सरकारी योजनाओं की जाँच भी शामिल है। उन्होंने RSS के बिहार दौरे, मनमोहन सिंह के अंत्यसंस्कार, और IBPS RRB भर्ती जैसे सामाजिक‑राजनीतिक घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट लिखी है। उनके अनुसार "राजनीति का विश्लेषण बिना आँकड़ों के अधूरा है"; इसलिए वे प्रत्येक लेख में वोट‑शेयर, उम्मीदवार‑प्रोफ़ाइल और नीति‑परिणाम के आँकड़े जोड़ते हैं। यह “राजनीति ⟶ डेटा‑ड्रिवेन ⟶ निर्णय” का एक सटीक semantic triple बनाता है। बॉक्स‑आउट में उनके द्वारा लिखे गए ‘बिहार पुलिस भर्ती 2017’ या ‘बिहार दौरे पर RSS चीफ मोहन भागवत’ को पढ़ने से पाठक को समझ आता है कि कैसे स्थानीय स्तर की पार्टी रणनीतियाँ राष्ट्रीय नीति को प्रभावित करती हैं।
आर्थिक नीति पर बात करे तो रवि योग के ‘GDP 7.8%’ और ‘EPFO 3.0’ जैसी कवरेज यह बताती है कि वे किस तरह के डेटा‑बेस्ड विश्लेषण करते हैं। उनका मानना है कि “आर्थिक वृद्धि को सिर्फ प्रतिशत नहीं, बल्कि सेक्टर‑वार योगदान से देखना चाहिए” – यह आर्थिक नीति ⟶ सेक्टर‑विश्लेषण ⟶ विकास दिशा जैसी semantic triple बनाता है। उन्होंने विनिर्माण, सेवा और उपभोग के विभिन्न वृद्धि दरों को टेबल‑फ़ॉर्म में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक आसानी से समझ सके कि कौन सा सेक्टर आगे बढ़ रहा है। इसी प्रकार EPFO 3.0 के बारे में लिखते समय उन्होंने बताया कि “UPI और ATM के माध्यम से तत्काल पेंशन निकासी का लक्ष्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है”, यानी EPFO 3.0 ⟶ सुविधा ⟶ डिजिटल इन्क्लूजन. इस तरह के विश्लेषणों से आर्थिक नीति के पीछे के कारण‑परिणाम साफ़ होते हैं।
रवि योग के लेखों में एक सामान्य पैटर्न है: किसी भी टॉपिक को इंट्रो‑डाटा, मुख्य‑विश्लेषण और सारांश‑इम्पैक्ट में तोड़ना। चाहे वह खेल, क्रिके‑बॉल, टेनिस या एशिया कप हो या आर्थिक आँकड़े, GDP, PF निकासी, टैक्स डेडलाइन, उनका ढांचा हमेशा एक ही रहता है। इससे पाठक को हर लेख में परिचित संरचना मिलती है और पढ़ते‑पढ़ते वह मुख्य बिंदु नहीं खोता। इस प्रणाली को समझकर आप नीचे दी गई सूची में किसी भी लेख को जल्दी से स्कैन कर सकते हैं और अपनी रुचि के अनुसार जानकारी निकाल सकते हैं।
अब आप तैयार हैं देखते‑देखते उन खबरों में डुबकी लगाने के लिए, जहाँ रवि योग ने इन सभी पहलुओं को जोड़ कर एक समग्र तस्वीर पेश की है। नीचे की सूची में क्रिकेट मैच रिव्यू, राजनीति‑समाचार और आर्थिक रिपोर्टिंग के मिश्रण को देखेंगे, जिससे आपका ज्ञान आसान और गहरा दोनों होगा।
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दशहरा 2025 की तिथि – 2 अक्टूबर गुरुवार, शुभ मुहूर्त और रावण दहन की घड़ी
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