नवरात्रि द्वितीय दिवस – द्वितीय दिन का महत्व, पूजा और व्रत विधि

नवरात्रि के नौ दिनों में दूसरा दिन खास माना जाता है क्योंकि इस दिन दुर्गा के स्वरूप भुवनश्री की पुकार होती है। लोग अक्सर इसे ‘अभय’ या ‘नृत्य’ के रूप में देखते हैं, इसलिए इस दिन का उत्सव भी थोड़ा अलग रहता है। अगर आप भी इस दिन को खास बनाना चाहते हैं तो नीचे बताई गई आसान विधियों को अपनाएँ।

द्वितीय दिन का धरम और कहानियाँ

द्वितीय दिन की कथा बताती है कि माँ दुर्गा ने अपने पहले रूप भुवनश्री से बुरे राक्षसों को हराया था। इस कहानी को सुनते समय लोग अपने घर में छोटी‑छोटी दीपक जलाते हैं और माँ की शौर्य गाथा को याद करते हैं। घर के छोटे बच्चे भी इस कथा को खेल‑खेल में दोहरा सकते हैं, जिससे माहौल और भी जीवंत हो जाता है।

व्रत और अनुष्ठान – सरल और प्रभावी टिप्स

व्रत रखने वाले लोग इस दिन सत्रह फाल (सत्रह फूल) या सात फाल (सात फाल) का प्रयोग कर सकते हैं। केवल फल, साबूदाना, चावल या कुटी के आटे से बना हल्का भोजन ठीक रहेगा। पानी में थोड़ा सा तुलसी का पत्ता डालकर पीने से पाचन में मदद मिलती है।

पूजा के लिये तेज़ पानी में सुंफला (सोवा) रखकर कलश बनाते हैं, फिर उसमें गंगाजल या पवित्र जल डालते हैं। माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र के सामने ये कलश सजाएँ, फिर उसे ‘त्रिशूल’ और ‘आभूषण’ से अलंकृत करें। इस समय गणगौरव* (काम) के गीत गाएँ या भजनों की ताल पर नाचें।

भोजन में साबूदाना खिचड़ी या कटहल का हलवा पसंद किया जाता है। दोनों आसान बनते हैं और व्रती को ऊर्जा देते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं तो आप चना दाल पुड़िया भी बना सकते हैं।

इस दिन कुछ काम नहीं करना चाहिए: घर के बड़े काम, धूमधाम वाले समारोह या कोई ऐसी चीज़ जो माँ दुर्गा की शांति को बाधित करे। रात को जल्दी सोने की कोशिश करें, क्योंकि यही शरीर को संतुलित रखता है।

अगर आप घर से बाहर हैं तो भी व्रत रख सकते हैं। दोपहर के बाद एक छोटा छोटा पवित्र जल का सेवन और भजन सुनना ही पर्याप्त है। इस तरह से दीक्षा का असर घर के भीतर भी बना रहता है।

नवरात्रि के इस दूसरे दिन को अपने परिवार के साथ मिलकर मनाने से आपको आध्यात्मिक शांति मिलती है और सामाजिक बंधन भी मजबूत होते हैं। छोटे‑बड़े सब मिलकर ‘अभय’ की धुन पर थिरकें, माँ की कथा सुनें और सादे भोजन का आनंद लें।

तो, इस नवरात्रि द्वितीय दिवस पर इन सरल तरीकों को अपनाएँ और अपने घर को माँ दुर्गा की कृपा से भरपूर बनायें। आप भी अपने अनुभव कमेंट में शेयर कर सकते हैं, ताकि और लोग भी इस विशेष दिन को सही तरीके से मनाएँ।

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नवरात्रि द्वितीय दिवस: माँ ब्रह्मचरिणी के व्रत, लाल रंग और राशियों पर विशेष प्रभाव
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 23 सितंबर 2025 0 टिप्पणि

नवरात्रि द्वितीय दिवस: माँ ब्रह्मचरिणी के व्रत, लाल रंग और राशियों पर विशेष प्रभाव

23 सितंबर 2025 को नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचरिणी को समर्पित है। इस दिन को शुद्धता और तपस्या का प्रतीक माना जाता है और लाल रंग की सिफारिश की जाती है। जास्मिन, चावल, चंदन और शुद्ध दूध से किए जाने वाले विशेष अनुष्ठान व शास्त्रीय समय में व्रत का पालन मन को शुद्ध करता है। दो राशियों को इस दिव्य ऊर्जा से विशेष लाभ मिलता है।