एक बार फिर से, भारतीय अर्थव्यवस्था की नॉर्थ स्टार माने जाने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट 2025-26 पेश करने जा रही हैं। यह भाषण भारतीय संसद के सेन्ट्रल हॉल में प्रातः 11:00 बजे प्रारंभ होगा। यह उनका लगातार आठवां बजट भाषण होगा, जो कि भारत के इतिहास में एक अनोखा रिकॉर्ड है।
जो लोग इस महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज़ को लाइव देखना चाहते हैं, वे इसे सरकार की आधिकारिक वेबसाइट indiabudget.gov.in और संसद टीवी पर देख सकते हैं। इसे राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर भी प्रसारित किया जाएगा और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाइव अपडेट्स उपलब्ध रहेंगे। यह व्यापक मीडिया कवरेज इस बजट को लेकर देश के आम जन के भीतर बढ़ी हुई उत्सुकता का संकेत है।
इस बजट में मुख्य तौर पर कई महत्वपूर्ण आर्थिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने की योजना है। मध्यवर्गीय नागरिकों के लिए कर राहत, उपभोग में वृद्धि के उपाय, महंगाई को नियंत्रित करने के निर्धारित कदम, और कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार सृजन के लिए बढ़ी हुई आवंटन प्राथमिकता के प्रमुख विषय हैं। विश्व की उथल-पुथल और धीमी आर्थिक वृद्धि के बावजूद यह बजट भारतीय जनमानस के लिए नई उम्मीद जगाने वाला हो सकता है।
भारत की आर्थिक स्थिति पर हालिया प्रस्तुत किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमानित किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद में 6.3% से 6.8% तक की वृद्धि हो सकती है। यह अनुमान देश में पैदा हो रही नई आर्थिक संभावनाओं को इंगित करता है। हालाँकि, ये वृद्धि पूर्वानुमान वैश्विक आर्थिक परिस्थिति और आंतरिक नीति बदलावों पर भी निर्भर करेंगे।
इस बजट सत्र के दो भाग हैं, जो 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान विधायी कामों की प्रमुखता के साथ-साथ विस्तृत विचार-विमर्श की भी संभावना होगी, जिससे कई लंबे समय से लंबित विषयों पर विचार किया जाएगा।
कुल मिलाकर, बजट 2025-26 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभावनाओं का एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। बढ़ते जोखिमों और अवसरों के बीच एक अहम कदम है। वित्त मंत्री की इस बजट के प्रति सोच निश्चित ही देश के विकास की नई राह तैयार करने में योगदान देगी।