सुप्रिम कोर्ट के ताज़ा फैसले और ख़बरें – क्या बदल रहा है?
अगर आप रोज़मर्रा की खबरों में देख रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई बड़ा फ़ैसला दिया, तो शायद आप सोचते होंगे कि इसका असर आपके जीवन पर कितना पड़ेगा। असल में कई बार कोर्ट के आदेश सीधे हमारे अधिकारों, कर‑छूट या बैंकिंग नियमों को बदल देते हैं। इसलिए यहाँ हम आसान भाषा में बताएँगे कि हाल के फैसलों से आपको क्या‑क्या जानना ज़रूरी है।
मुख्य मामले और उनका असर
पिछले दो हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने UPI लेन‑देनों की नई सीमा तय की। अब 1 लाख रुपये तक के ट्रांसफर में अतिरिक्त दस्तावेज़ नहीं मांगे जाएंगे, लेकिन 5 लाख से ऊपर जाने पर रीयल‑टाइम KYC प्रमाणन अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि छोटे व्यापारियों को तेज़ भुगतान मिलेगा और बड़ी रकम वाले लेन‑देनों में सुरक्षा बढ़ेगी।
एक और अहम केस फूड प्राइस कंट्रोल एक्ट से जुड़ा था। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें अनावश्यक मूल्य नियंत्रण नहीं लगा सकतीं, जब तक कि बाजार में वास्तविक संकट न हो। इससे किसान‑उत्पादकों को अपने सही दाम मिलने की संभावना बढ़ी है और उपभोक्ताओं के लिए भी अस्थायी कीमतों में अचानक गिरावट कम होगी।
सुप्रिम कोर्ट का डिजिटल भारत पर नजरिया
डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने वाले कई नियम अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हैं। हाल ही में डेटा प्रोटेक्शन बिल के बारे में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जहाँ न्यायालय ने कहा कि व्यक्तिगत डेटा का संग्रह केवल स्पष्ट सहमति से होना चाहिए। इससे ऑनलाइन शॉपिंग, ऐप‑डिवेलपर्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को उपयोगकर्ता की जानकारी सुरक्षित रखने पर ज़्यादा दायित्व मिलेगा।
इसी तरह, ऑनलाइन शिक्षा के अधिकारों पर भी कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार को हर बच्चे तक इंटरनेट पहुँच सुनिश्चित करनी चाहिए। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन क्लासेस का विस्तार करने वाले प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से लागू कर सकता है।
इन सब फैसलों को समझना मुश्किल लग सकता है, लेकिन मुख्य बात ये है कि कोर्ट अक्सर सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है। अगर आप छात्र हैं तो डिजिटल डेटा सुरक्षा आपके अकादमिक प्रोफ़ाइल को बचाएगी; अगर व्यापारी हैं तो नई UPI सीमा से लेन‑देनों में आसानी होगी; और अगर किसान या उपभोक्ता हैं तो फूड प्राइस कंट्रोल के फैसले सीधे आपकी जेब पर असर डालेंगे।
आगे भी हम नियमित रूप से सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख सुनवाईयों का सारांश देंगे, ताकि आप बिना कानूनी जार्गन के समझ सकें कि आपके अधिकार कैसे बदल रहे हैं। कोई सवाल या विशिष्ट केस है जिसके बारे में आप जानकारी चाहते हैं? हमें कमेंट सेक्शन में बताइए, हम यथासंभव जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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कांवड़ यात्रा विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के आदेश पर लगाई रोक, मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश स्थगित
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित eateries, होटलों, दुकानों और ढाबों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देशों पर रोक लगा दी है। यह निर्णय कई याचिकाओं के आधार पर लिया गया है, जिनमें इन आदेशों की वैधता को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने राज्यों को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख मुकर्रर की है।
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नीट-यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय करेगा सुनवाई, पेपर लीक का आरोप
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