नीट-यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय करेगा सुनवाई, पेपर लीक का आरोप

नीट-यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय करेगा सुनवाई, पेपर लीक का आरोप

नीट-यूजी 2024 परीक्षा पर पेपर लीक का आरोप

नीट-यूजी 2024 परीक्षा के संदर्भ में पेपर लीक का आरोप सामने आया है, जिससे हजारों छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। शिवांगी मिश्रा और नौ अन्य लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें परीक्षा को रद्द करने और पुनः परीक्षा कराने की मांग की गई है।

सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई

आज सर्वोच्च न्यायालय एक विशेष अवकाश खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमनुल्लाह शामिल हैं, इस याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं ने 1 जून को यह याचिका दाखिल की थी, और यह सुनवाई उस वक्त हो रही है जब परिणामों की घोषणा से पहले ही यह याचिका दाखिल की गई थी।

नतीजों की घोषणा पर प्रश्नचिन्ह

इस मामले में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 17 मई को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पूरे भारत की परीक्षा के परिणामों को रोका नहीं जा सकता है। इसके बाद परिणामों की घोषणा की गई, और कई छात्रों ने इस पर पुनर्विचार की मांग की। कई अन्य याचिकाएं भी दायर हुई हैं, जिनमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा कुछ उम्मीदवारों को मिले ग्रेस मार्क्स को चुनौती दी गई है।

ताजा याचिका और उसकी स्थिति

वरिष्ठ वकील जे साई दीपक ने परीक्षा परिणामों को चुनौती देने वाली एक नई याचिका का जिक्र किया है, जिसे न्यायाधीशों ने रजिस्ट्री के समक्ष उल्लेख करने का निर्देश दिया है। इस नई याचिका पर आज की सुनवाई में चर्चा नहीं की जाएगी, मगर इसे भी ध्यान में रखा जाएगा।

याचिकाकर्ताओं की मांग

याचिकाकर्ताओं की मांग

शिवांगी मिश्रा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने अपने दावे में कहा है कि पेपर लीक की घटनाओं ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा की सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता पर गंभीर प्रभाव डाला है। उन्होंने पुनः परीक्षा की मांग की है ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके और किसी की भी मेहनत व्यर्थ न जाए।

छात्रों और अभिभावकों की चिंताएं

इस पूरे मामले ने छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता और असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। सभी को उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में उचित न्याय करेगा और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करेगा। पेपर लीक जैसी घटनाओं से सिर्फ छात्रों का ही नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र का विश्वास भी कमजोर होता है।

आने वाले समय का महत्वपूर्ण फैसला

आज की सुनवाई से यह स्पष्ट हो सकता है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा पुनः आयोजित की जाएगी या नहीं। यदि अदालत याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला करती है, तो यह उन सभी छात्रों के लिए एक राहत का संदेश होगा जो इस समय अनिश्चितता में हैं।

सभी की निगाहें आज न्यायालय के निर्णय पर टिकी हैं, और उम्मीद की जा रही है कि यह निर्णय शिक्षा के मानकों को बनाए रखने और निष्पक्षता को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।