सैम पित्रोदाः भारत की टेक्नोलॉजी यात्रा के मुख्य प्रेरक

जब हम आज के डिजिटल इंडिया, स्टार्ट‑अप बूम और नई तकनीकी नीतियों की बात करते हैं, तो सैम पित्रोदा का नाम सामने आता है। उन्होंने 1990 के दशक में टेलीकॉम को मोबाइल फ्रीक्वेंसी से जोड़कर भारत को एक नया मोड़ दिया।

डिजिटल इंडिया की कल्पना और उसका कार्यान्वयन

पित्रोदा ने 2000‑के शुरुआती सालों में सरकारी योजनाओं को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा। उनका मानना था कि ग्रामीण भारत तक इंटरनेट पहुँचाना विकास का सबसे बड़ा इंजन है। इस सोच से ही आज के ‘डिजिटल साक्षरता’ प्रोग्राम और राष्ट्रीय हाई‑स्पीड नेटवर्क का आधार बना।

उनके द्वारा प्रस्तावित सार्वजनिक बैंकरों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने कागज़ी काम को घटाया और सेवाओं की गति बढ़ाई। यह मॉडल अभी भी कई राज्य सरकारें अपनाती हैं।

नवाचार और स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम पर प्रभाव

पित्रोदा के कार्यकाल में ‘टेक्नोलॉजी हब’ का विचार आया, जिससे भारत में कई टेक इनक्यूबेटर खुले। उन्होंने उद्यमियों को आसान फंडिंग, सरकारी रिफ़ंड और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सुविधा दी। परिणामस्वरूप आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम बना हुआ है।

उनकी नीति ने सिर्फ बड़े प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि छोटे‑छोटे तकनीकी समाधान को भी बढ़ावा दिया—जैसे कि मोबाइल बैंकिंग ऐप्स, ग्रामीण स्वास्थ्य मॉनिटरिंग सिस्टम और सौर ऊर्जा से चलने वाले कनेक्टेड डिवाइस।

सैम पित्रोदा का योगदान सिर्फ नीति स्तर तक सीमित नहीं रहा; उन्होंने लोगों को तकनीक के साथ जुड़ना आसान बना दिया। अगर आप डिजिटल इंडिया की कहानी पढ़ते हैं, तो उनका नाम अनिवार्य है—क्योंकि वे वही व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को ‘टेक‑जंक्शन’ से ‘डिजिटल सिटी’ में बदला।

इस पेज पर हमने उनके प्रमुख प्रोजेक्ट्स, नीति बदलाव और आज के असर का सारांश दिया है। अगर आप टेक्नोलॉजी, सरकारी योजना या स्टार्ट‑अप जगत में रुचि रखते हैं तो यहाँ की जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।

जून

27

सैम पित्रोदा की कांग्रेस में वापसी, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने बताया 'अस्वीकार्य'
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 27 जून 2024 0 टिप्पणि

सैम पित्रोदा की कांग्रेस में वापसी, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने बताया 'अस्वीकार्य'

भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में सैम पित्रोदा की पुनर्नियुक्ति से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली टीडीपी ने इसे 'अस्वीकार्य' करार दिया है जबकि बीजेपी ने पित्रोदा को 'मध्यम वर्ग को सताने वाला' कहा है।