मुंबई के मलाड इलाके के निवासी ब्रेंडन फेरेओ के जीवन में हाल ही में एक बेहद विचलित करने वाली घटना घटी। पेशे से डॉक्टर, 26 वर्षीय ब्रेंडन ने युम्मो कंपनी से ऑनलाइन ऑर्डर की गई बटरस्कॉच आइसक्रीम के अंदर एक कटा हुआ मानव अंग पाया। यह अंग एक अंगूठे के समान लग रहा था जिसमें नाखून भी शामिल था। इस चौंकाने वाली घटना ने न केवल ब्रेंडन को हिला कर रख दिया, बल्कि पूरे स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा समुदाय में हड़कंप मचा दिया है।
अपने काम के बीच आराम के लिए ब्रेंडन ने ऑनलाइन आइसक्रीम ऑर्डर की थी। लेकिन मजा लेने के बजाए उन्हें कुछ बेहद डरावना अनुभव हुआ। जैसे ही उन्होंने बटरस्कॉच आइसक्रीम का एक टुकड़ा खाने के लिए लिया, उन्हें एक कठोर और अनियमित आकार का टुकड़ा मिला। शुरू में उन्हें लगा कि यह कुछ और हो सकता है, लेकिन जैसे ही उन्होंने इसे नजदीक से देखा, उनकी नजर नाखून पर पड़ी।
ब्रेंडन ने तुरंत पुलिस में संपर्क किया और मलाड पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र आदाने इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने युम्मो कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 272 (विषाक्त भोजन या पेय अभियोग), धारा 273 (घातक प्रकृति का भोजन या पेय बिक्री) और धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने तुरंत संदिग्ध अंग को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इस बात की पुष्टि की जा रही है कि यह अंग किसी मानव शरीर का ही है या नहीं। इस जांच के नतीजे पुलिस के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे, ताकि यह पता चल सके कि यह अंग आइसक्रीम में कैसे और कहां से आया।
ब्रेंडन ने घटना के तुरंत बाद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी कंपनी से इस मामले में शिकायत की थी। परंतु उन्हें वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उनका कहना है कि इस अनुभव ने उन्हें मानसिक रूप से बेहद प्रभावित किया है और उनके चिकित्सकीय ज्ञान ने उन्हें यह पहचानने में मदद की कि यह वास्तव में एक मानव अंग हो सकता है।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र आदाने ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि आइसक्रीम के निर्माण के दौरान ऐसा कैसे हो सकता है। इसके लिए निर्माण स्थल और उत्पादन प्रक्रिया की भी जांच की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण विजिलेंस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिरकार, अगर आइसक्रीम जैसी चीज में भी इस तरह की गंभीर चूक हो सकती है, तो अन्य खाद्य उत्पादों की स्थिति क्या होगी? यह घटना एक सख्त निगरानी और तुरंत प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देती है।
ब्रेंडन का यह अनुभव न केवल व्यक्तिगत रूप से दुखदायी है बल्कि इसने एक व्यापक सामाजिक सवाल को जन्म दिया है। यदि इस मामले में दोषी पाए गए, तो युम्मो कंपनी को न केवल कानूनी परिणाम भुगतने होंगे बल्कि उनकी बाजार विश्वसनीयता भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।
कुल मिलाकर, यह घटना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, जो आने वाले समय में सभी खाद्य उद्योगों को सतर्क और जिम्मेदार बनाने में मदद कर सकती है।