क्रिकेट रैंकिंग: अभी कौन सबसे आगे?
अगर आप क्रिकेट फैन हैं तो रैंकिंग देखना रोज़ का काम बन जाता है। लेकिन अक्सर हम देखते‑देखते उलझन में पड़ जाते हैं कि क्यों कोई खिलाड़ी एक हफ्ते में 20 पोजीशन गिर गया, या फिर नई टीम की रैंक कैसे तय होती है। इस लेख में मैं आपको आसान भाषा में बताता हूँ कि रैंकिंग कैसे काम करती है और अभी कौन‑कौन टॉप पर है।
रैंकिंग का आधार क्या होता है?
क्रिकेट बोर्ड (ICC) मुख्य रूप से तीन प्रकार की रैंकिंग रखता है – बैटिंग, बॉलिंग और ऑल‑राउंडर। हर मैच में खिलाड़ी के स्कोर, विकेट या रन‑सॉन्स पर अंक मिलते हैं। ये अंक पिछले 12 महीनों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए औसत निकालते हैं। इसलिए लगातार अच्छा खेलना जरूरी है, एक ही शानदार इन्गेजमेंट से नहीं।
इंटरनेशनल टी20 और वनडे दोनों की अलग‑अलग लीडरबोर्ड होती है, जबकि आईपीएल जैसी लीग में टीम के कुल पॉइंट्स तय करते हैं कि कौन प्लेऑफ़ तक पहुँचेगा। इसलिए जब आप रैंकिंग देखते हैं तो यह ध्यान रखें कि किस फॉर्मेट का डेटा दिख रहा है।
अभी की टॉप बॅटर्स और बॉलर्स
2025 के शुरुआती महीनों में बैटिंग में सुनिल नरैन ने लगातार हाई स्ट्राइक रेट से अपना नाम पहले नंबर पर रखा। उनका फ़ॉर्म इस बात का संकेत है कि वे आने वाले टेस्ट सीरीज में भी असरदार रहेंगे। बॉलिंग में श्रीधर पांडे ने अपने सटीक लीडर शॉक्स के कारण टॉप तीन में जगह बना ली, खासकर स्पिन परिदृश्य में उनका नियंत्रण सराहनीय है।
ऑल‑राउंडर्स की बात करें तो हिमांशु शर्मा का संतुलित प्रदर्शन दोनों पक्षों में उन्हें लगातार रैंकिंग में ऊपर रखता है। उनके recent IPL मैच में 40 रन और 2 विकेट ने उनकी वैल्यु को और बढ़ा दिया।
ध्यान देने वाली बात ये है कि रैंकिंग केवल आंकड़े नहीं, बल्कि खिलाड़ी की वर्तमान फ़ॉर्म का भी प्रतिबिंब होती है। यदि कोई खिलाड़ी चोट से वापस आए या नया फॉर्म दिखाए तो उसकी स्थिति जल्दी बदल सकती है।
रैंकिंग में बदलाव क्यों आते हैं?
मुख्य कारण दो होते हैं – नई मैचों की जीत‑हार और पुरानी मैचों का समय सीमा समाप्त होना। जब कोई टीम लगातार जीतती है, उसके खिलाड़ी के अंक बढ़ते हैं, जबकि वही टीम अगर हारें तो अंक घटते हैं। साथ ही 12 महीने पुराना डेटा हटने पर उन अंकों की कमी भी रैंकिंग को प्रभावित करती है।
उदाहरण के लिए, पिछले महीने इशान किशन ने एक मैच में शानदार फिफ़्टी किया, लेकिन दो महीने पहले उनका 30‑रन इन्गेजमेंट अब अवधि बाहर हो गया, इसलिए कुल औसत थोड़ा गिरा। इससे उनकी बैटिंग रैंकिंग में छोटे बदलाव आए।
इसलिए जब आप नई रैंकिंग देखते हैं तो पीछे के मैचों की याद रखें – वही अक्सर परिवर्तन का कारण होते हैं।
रैंकिंग को कैसे फॉलो करें?
सबसे आसान तरीका है आधिकारिक ICC वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाना। वहाँ आप फ़ॉर्मेट अनुसार लीडरबोर्ड, ग्राफ़ और मैच‑वाइस ब्रेकडाउन पा सकते हैं। कई भारतीय साइटें जैसे हिंदी यार समाचार भी साप्ताहिक रैंकिंग अपडेट देती हैं, जिसमें छोटे नोट्स होते हैं कि किस कारण से कौन आगे या पीछे गया।
सोशल मीडिया पर क्रिकेट विश्लेषकों को फॉलो करना भी मददगार है – वे अक्सर आँकड़े के साथ व्याख्या देते हैं, जिससे आप समझ पाते हैं कि रैंकिंग में क्या असर डाल रहा है।
याद रखें, रैंकिंग सिर्फ एक गाइड है, असली मज़ा तो मैदान पर खेलते समय का होता है। लेकिन अगर आप जानते हैं कौन टॉप पर है और क्यों, तो मैच देखना और भी रोमांचक बन जाता है।
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ICC के टीम और खिलाड़ी रैंकिंग की प्रक्रिया: जानें पूरविधि और नियम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की रैंकिंग प्रणाली क्रिकेट टीमों और खिलाड़ियों के प्रदर्शन को मापने के लिए एक व्यापक पद्धति प्रदान करती है। पॉइंट्स-आधारित प्रणाली पर आधारित यह तरीका खिलाड़ियों और टीमों को उनके मैच प्रदर्शन के आधार पर अंक देता है। रैंकिंग परियोजना में हाल के प्रदर्शन को अधिक महत्व देकर खिलाड़ियों को औसत रूप से स्केल पर अंकित किया जाता है।