कार्डिनल्स क्या हैं? आसान शब्दों में समझिए
जब हम कहते हैं ‘कार्डिनल्स’, तो आमतौर पर चार मुख्य दिशाओं – उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की बात होती है. ये दिशा सिर्फ नक्शे या कंपास में नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी छुपी हुई हैं. चलिए जानते हैं इनके बारे में कुछ रोचक बातें.
कार्डिनल्स के इतिहास का छोटा सफर
प्राचीन काल से ही मानव ने दिशा को पहचानना सीख लिया था. पहली बार कार्डिनल पॉइंट्स को सटीक रूप से मापने का काम मैग्नेटिक कंपास से शुरू हुआ, जो 13वीं सदी में चीन में विकसित हुआ और यूरोप तक पहुँचा. आज भी कंपास के बिना मोबाइल की GPS मदद ले सकते हैं, पर मूल सिद्धांत वही रहता है – चार मुख्य दिशा.
दैनिक जीवन में कार्डिनल्स का उपयोग
घर बनाते समय, वास्तु शास्त्र में अक्सर ‘उत्तरी कोना’ या ‘पूरबी साइड’ की बात होती है. खेती‑बाड़ी में सूर्य के मार्ग को देखते हुए फसल रोपण दिशा तय करनी पड़ती है. यहां तक कि हमारे फोन पर मैप खोलते ही स्क्रीन के ऊपर दिखने वाला नीला तीर वही कार्डिनल पॉइंट दर्शाता है.
यदि आप यात्रा करने वाले हैं तो एक आसान ट्रिक अपनाएँ: सुबह सूरज उगता है पूर्व में, शाम को पश्चिम में डुबता है. इस तरह बिना किसी उपकरण के भी आप मूल दिशा का अनुमान लगा सकते हैं. रात में अगर तारों से मदद लेनी हो तो ‘उत्तरी तारा’ (पोलारिस) देखना एक भरोसेमंद तरीका है.
कार्डिनल्स को याद रखने की सबसे सरल विधि – “N.E.S.W.” लिखें और हर अक्षर के नीचे उसका हिंदी रूप रखें: N‑नॉर्थ (उत्तर), E‑ईस्ट (पूर्व), S‑साउथ (दक्षिण), W‑वेस्ट (पश्चिम). इसको अपने नोटबुक या मोबाइल में सेव कर लें, कभी भी जरूरत पड़ने पर जल्दी देख सकते हैं.
एक और उपयोगी टिप: जब आप GPS के बिना जंगली इलाके में हों तो अपने हाथ की लकीर को देखें. सूरज से बनी छाया अक्सर दिशा बताती है – सुबह की छाया उत्तर की ओर होती है, दोपहर में दक्षिण की ओर.
कार्डिनल्स सिर्फ दिशा नहीं, बल्कि हमारे निर्णयों का मार्गदर्शक भी होते हैं. उदाहरण के तौर पर, अगर आप नई नौकरी या प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हों तो ‘उत्तरी दिशा’ – यानी स्थिरता और लक्ष्य‑केन्द्रित सोच अपनाएँ; ‘पूर्वीय दिशा’ – यानी नयी शुरुआत और ऊर्जा को याद रखें.
संक्षेप में कहा जाए तो कार्डिनल्स हमारे जीवन के कई पहलुओं में मददगार हैं. चाहे वह यात्रा हो, घर बनाना या व्यक्तिगत विकास, सही दिशा चुनना सफलता की कुंजी है. अब जब भी आप कंपास खोलें या नक्शा देखें, इन चार बिंदुओं को याद रखें – यह आपको हमेशा रास्ते पर रखेंगे.
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पोप फ्रांसिस ने नियुक्त किए 21 नए कार्डिनल, यूक्रेन सहित कई देशों को मिला प्रतिनिधित्व
पोप फ्रांसिस ने 21 नए कार्डिनल्स की नियुक्ति की, जिससे कार्डिनल्स की नस्ल का आकार काफी बढ़ गया। इस कदम के माध्यम से पोप फ्रांसिस ने अपने उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए कार्डिनल्स कॉलेज में निर्णायक प्रभाव डाला है। यूक्रेन के बिशप माईकोला बायचोक, जो ऑस्ट्रेलिया में यूक्रेनी ग्रीक कैथोलिक चर्च के प्रमुख हैं, को यूक्रेन का एकमात्र कार्डिनल नामित किया गया।