बंधन बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ बैड लोन के तकनीकी राइट-ऑफ के कारण 93.24% घटकर ₹54.62 करोड़ रहा

बंधन बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ बैड लोन के तकनीकी राइट-ऑफ के कारण 93.24% घटकर ₹54.62 करोड़ रहा

बंधन बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में 93.24% की भारी सालाना गिरावट दर्ज की है। बैंक का शुद्ध लाभ ₹54.62 करोड़ रहा, जो मुख्य रूप से ₹3,852 करोड़ के बैड लोन के तकनीकी राइट-ऑफ के कारण कुल प्रावधानों में दोगुनी वृद्धि के कारण हुआ। ये बैड लोन ज्यादातर बैंक के माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट से थे।

बैंक ने इस कदम को अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने के लिए 'विवेकपूर्ण और रूढ़िवादी' बताया, साथ ही महामारी के दौरान माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय के सामने आई चुनौतियों का हवाला दिया। तिमाही के लिए बैंक के कुल प्रावधान बढ़कर ₹1,774.32 करोड़ हो गए, जो पिछले साल की इसी अवधि में ₹734.77 करोड़ थे।

इसके बावजूद, बैंक की जमा पुस्तिका में सालाना आधार पर 25% की वृद्धि हुई और उसकी कुल ऋण पुस्तिका भी इसी अवधि के दौरान 14% बढ़ी। तिमाही के लिए शुद्ध ब्याज आय (NII) सालाना आधार पर 16% बढ़कर ₹2,866 करोड़ हो गई।

बैंक की एसेट क्वालिटी में भी सुधार

बैंक की एसेट क्वालिटी में भी सुधार हुआ, जिसमें गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) सालाना आधार पर 9.69% घटीं और सकल NPA अनुपात 103 आधार अंकों की गिरावट के साथ 3.84% रहा।

बैंक अपने एमडी और सीईओ, चंद्र शेखर घोष के 9 जुलाई को सेवानिवृत्त होने के साथ प्रबंधन परिवर्तन से गुजरने वाला है। उनके उत्तराधिकारी को ढूंढने के लिए एक खोज समिति का गठन किया गया है।

नई मैनेजमेंट टीम और भविष्य के विकास पर भरोसा

घोष ने नई प्रबंधन टीम और बैंक के भविष्य के विकास पर विश्वास व्यक्त किया, जिसे 'बंधन 2.0' नाम दिया गया है। उन्होंने एक गारंटी योजना के तहत बैंक द्वारा दायर किए गए ऋण दावों पर नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (NCGTC) द्वारा चल रहे ऑडिट से एक सकारात्मक परिणाम की भी उम्मीद जताई।

बंधन बैंक की वित्तीय हाइलाइट्स

वित्तीय मैट्रिक्स Q4 FY23 Q4 FY22 बदलाव (%)
शुद्ध लाभ (₹ करोड़ में) 54.62 806.60 -93.24%
शुद्ध ब्याज आय (₹ करोड़ में) 2,866 2,470 +16%
जमा (₹ करोड़ में) 1,02,283 81,793 +25%
ऋण पुस्तिका (₹ करोड़ में) 99,338 87,054 +14%
सकल NPA (%) 3.84% 4.87% -103 bps

हालांकि बंधन बैंक को चौथी तिमाही में भारी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन बैंक के प्रमुख वित्तीय मैट्रिक्स जैसे जमा, ऋण पुस्तिका और शुद्ध ब्याज आय में अच्छी वृद्धि देखी गई। बैंक ने तकनीकी राइट-ऑफ के जरिए अपने पोर्टफोलियो की गुणवत्ता बेहतर करने की कोशिश की है।

भविष्य की संभावनाएं

नई मैनेजमेंट टीम के नेतृत्व में 'बंधन 2.0' के रूप में बैंक के भविष्य के विकास की संभावनाएं उज्ज्वल दिखती हैं। NCGTC ऑडिट का सकारात्मक परिणाम भी इसमें मददगार होगा। माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट में बैंक की मजबूत उपस्थिति और ग्रामीण इलाकों में इसकी पहुंच भविष्य में विकास के नए अवसर प्रदान कर सकती है।

हालांकि, बंधन बैंक को अपने क्रेडिट मूल्यांकन और जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाओं को और मजबूत करने पर ध्यान देना होगा ताकि भविष्य में बैड लोन की समस्या से बचा जा सके। कुल मिलाकर, बंधन बैंक लंबी अवधि में विकास की संभावना रखता है, लेकिन अल्पावधि में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।