पोप फ्रांसिस ने नियुक्त किए 21 नए कार्डिनल, यूक्रेन सहित कई देशों को मिला प्रतिनिधित्व

पोप फ्रांसिस ने नियुक्त किए 21 नए कार्डिनल, यूक्रेन सहित कई देशों को मिला प्रतिनिधित्व

पोप फ्रांसिस की नई पहल - 21 नए कार्डिनल की नियुक्ति

पोप फ्रांसिस ने कैथोलिक चर्च के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 21 नए कार्डिनल्स की घोषणा की है। इन नई नियुक्तियों के माध्यम से, कार्डिनल्स का समूह, जो भविष्य में पोप के उत्तराधिकारी का चुनाव करेगा, में पोप फ्रांसिस का प्रभाव और अधिक बढ़ गया है। इस नियुक्ति में यूक्रेनी ग्रीक कैथोलिक चर्च के बिशप माईकोला बायचोक का नाम प्रमुखता से जुड़ा है। 44 वर्षीय माईकोला ऑस्ट्रेलिया में यूक्रेनी ग्रीक कैथोलिक चर्च के प्रमुख हैं और वे यूक्रेन के एकमात्र कार्डिनल बन गए हैं।

इस नियुक्ति को पूरे विश्व में एक राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के संदर्भ में। पोप के इस कदम की सराहना यूक्रेन के वेटिकन में राजदूत एंड्रीय यूराश ने भी की है। पोप फ्रांसिस ने यह निर्णय कीव में स्थित प्रमुख सव्याटोस्लाव शेवचुक की बजाय बायचोक को चुनने का लिया है, जो चर्च में एक गंभीर परिवर्तन का संकेत देता है।

सबसे बड़े और सबसे बुजुर्ग कार्डिनल्स की नियुक्ति

लिस्ट में सबसे बड़े उमरेदार कार्डिनल्स मोनसिग्नर एंजेलो एसेरबी थे, जो 99 वर्ष की उम्र में वेटिकन के पूर्व राजनयिक रह चुके हैं। इन्होंने कोलंबिया में वामपंथी गुरिल्लाओं द्वारा छः सप्ताह की कैद का सामना भी किया था। एसेरबी नए कार्डिनल उच्च आयु समूह के एकमात्र सदस्य हैं, जिन्होंने मतदान के लिए अयोग्य करार दिया गया है।

दिसंबर में होने वाला प्रतिष्ठित समारोह

दिसंबर में होने वाला प्रतिष्ठित समारोह

इन नए कार्डिनल्स को उनके लाल टोपी में दिसंबर 8 को एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा, जिसे एक 'कंसीस्टोरी' के रूप में जाना जाता है। यह दिन पोप फ्रांसिस के पोंटिफिकेट्स की 11वीं वर्षगांठ का प्रतीक होगा और कार्डिनल्स कॉलेज में एक नई युग का प्रारंभ करेगा।

दक्षिण अमेरिका की प्रमुखता

नए कार्डिनल्स में कुछ प्रमुख दक्षिण अमेरिकी डायोसिस और आर्चडायोसिस के प्रमुख भी शामिल हैं, जैसे कि अर्जेंटीना के सैंटियागो डेल एस्टेरो के आर्चबिशप विसेंट बोकालिक इगलिक और ब्राज़ील के पोर्टो एलेगरे के आर्चबिशप जेमी स्पेंगलर। इन नियुक्तियों से दक्षिण अमेरिकी के क्षेत्रों में कैथोलिक चर्च की पकड़ बढ़ी है।

विश्वभर के प्रतिनिधित्व का विस्तार

विश्वभर के प्रतिनिधित्व का विस्तार

पोप फ्रांसिस ने अपने नये कार्डिनल्स की सूची में उत्तर अमेरिका से केवल एक नया कार्डिनल नियुक्त किया है, जो टोरंटो के आर्चबिशप फ्रांसिस लियो हैं। लेकिन इसके विपरीत, एशिया, अफ्रीका, और मध्य पूर्व के नए प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।

जैसे मोंसिग्नेर डोमिनिक जोसेफ मैथ्यू, तेहरान के आर्चबिशप, और इंडोनेशिया के बोगोर के बिशप पस्कालिस ब्रूनो स्युकौर ने चर्च के वैश्विक प्रतिनिधित्व की पुष्टि की है।

इन सभी नियुक्तियों से यह स्पष्ट है कि पोप फ्रांसिस कार्डिनल्स कॉलेज को अधिक विविधता और व्यापक बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि जब भी नए पोप के चुनाव का समय आएगा, तो यह विविधता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ताकि चर्च के हर कोने से आवाज सुनाई दे सके।