कांग्रेस – भारतीय राजनीति में प्रमुख विपक्षी दल
जब आप कांग्रेस, भारत की पुरानी और सबसे बड़े राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों में से एक, जिसका मूल 1885 में मिला, आज भी प्रमुख विपक्षी भूमिका निभाता है. Also known as भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, यह पार्टी कई बार सत्ता में रही है और कई बार विपक्ष में। यह केंद्रीय सरकार के साथ-साथ राज्य स्तर की विधानसभाओं में भी सक्रिय है।
कांग्रेस का प्रभाव अक्सर अमित शाह, जिन्हें पार्टी के मुख्य कार्यकारियों में से एक माना जाता है और जो हाल ही में स्वदेशी ई‑मेल सेवा अपनाने पर चर्चा का केंद्र रहे जैसे व्यक्तियों पर निर्भर करता है। उनका नेतृत्व टिकट चयन, चुनावी रणनीति और नीति निर्माण में बड़ा असर डालता है। साथ ही, पार्टी का विधानसभा, भारत की हाईयर हाउस, जहाँ कांग्रेस के सदस्य बहस, विधेयकों पर चर्चा और सरकार को चुनौती देते हैं के साथ सीधा जुड़ाव दर्शाता है कि कांग्रेस कैसे विधायी प्रक्रिया को shape करती है।
सिर्फ नेतृत्व ही नहीं, बल्कि कांग्रेस की विपक्षी भूमिका भी इसके पहचान का मुख्य हिस्सा है। यह सरकार के विभिन्न कदमों को scrutinize करती है, सामाजिक न्याय, आर्थिक सुधार और विदेशी नीति पर अपने दृष्टिकोण से आवाज़ उठाती है। जैसे: "कांग्रेस नीति निर्माण में समानता को प्राथमिकता देती है" – यह semantic triple कांग्रेस के मूल मूल्य को दर्शाता है। दूसरा triple: "अमित शाह कांग्रेस की रणनीति को दिशा देता है" – यह नेतृत्व और रणनीति के बीच का संबंध बताता है। तीसरा triple: "विधानसभा में कांग्रेस बहस को मजबूती देता है" – यह विधायी मंच पर प्रभाव को उजागर करता है। इन संबंधों से आप समझेंगे कि कांग्रेस सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में सक्रिय तत्व है।
कांग्रेस की प्रमुख पहल और वर्तमान परिदृश्य
आज के समय में कांग्रेस कई प्रमुख मुद्दों पर फोकस कर रही है – किसानों के कर्ज़ में राहत, महिलाओं की सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना। इन पहलें अक्सर राज्यों में चयनित प्रतिनिधियों के माध्यम से कार्यान्वित होती हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर भी असर पड़ता है। अमित शाह ने हाल ही में स्वदेशी जोहो मेल को अपनाकर सरकारी ई‑मेल सुरक्षा को बेहतर बनाने की पहल की, जो डिजिटल भारत की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है। यह उदाहरण दर्शाता है कि कांग्रेस कैसे तकनीकी बदलाव को भी अपने एजेण्डा में शामिल करती है।
कांग्रेस के चुनावी मोर्चे पर भी कई बदलाव देखे जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी ने गठबंधन की रणनीति को दोबारा परखा है, जबकि राज्य स्तर पर स्थानीय मुद्दों को उजागर कर वोटर बेस को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। हालिया समाचारों में पार्टी ने विभिन्न राज्यों में प्रगति रिपोर्ट जारी की, जिसमें आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा के क्षेत्रों में सुधार की दिशा दिखायी गई है।
इन सभी पहलुओं को देखते हुए, नीचे दिए गए लेखों में आप कांग्रेस के विभिन्न आयामों को गहराई से समझ पाएँगे – चाहे वह पार्टी के नेतृत्व के अपडेट हों, चुनावी रणनीति की चर्चा, या नीति-निर्माण में उनके योगदान की जानकारी। अब आगे पढ़िए, और देखिए कैसे कांग्रेस भारतीय राजनीति में अपनी जगह बनाये रख रही है।
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मनमोहन सिंह अंत्यसंस्कार: निगामबोध घाट पर राज्य शोक का मार्च
दिखर के 92 वर्षीया उम्र में हार्ट अटैक से गुजरने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का निगामबोध घाट पर 28 दिसंबर को पूर्ण राज्य सम्मान के साथ अंत्यसंस्कार हुआ। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कांग्रेस के प्रमुख और विश्व के कई नेता इस शोक में शामिल हुए। संस्कार सिख रीति‑रिवाजों के अनुसार संपन्न हुए, जिसमें 21 गोलियों की सलामी भी दी गई। भारत की आर्थिक उदारीकरण के बड़े वास्तुकार को विदाई देते विश्व ने श्रद्धांजलि अर्पित की।