भगवान विष्णु: धर्म, रक्षा और भक्ति के प्रतीक

भगवान विष्णु भगवान विष्णु, हिंदू धर्म में संरक्षक देवता, जो धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं. इन्हें नारायण भी कहा जाता है, और ये त्रिदेव में से एक हैं — ब्रह्मा की रचना, शिव की लय के साथ, विष्णु की संरक्षण शक्ति से ब्रह्मांड टिका रहता है. आपने कभी सोचा है कि जब दुनिया में अधर्म बढ़ता है, तो भगवान विष्णु क्यों अवतार लेते हैं? ये सिर्फ धार्मिक कथा नहीं, बल्कि एक अदृश्य नियम है — जब अन्याय बहुत बड़ा हो जाता है, तो संतुलन बहाल करने के लिए एक नया रास्ता खुल जाता है।

भगवान विष्णु के अवतार, जैसे श्रीराम और श्रीकृष्ण, जो धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर आए भारतीय संस्कृति के दिल में बसे हुए हैं। रामायण में राम ने रावण के अहंकार को तोड़ा, और कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता, कर्म और धर्म की गहरी शिक्षा देने वाला ग्रंथ, जो विष्णु के अवतार कृष्ण द्वारा दिया गया का उपदेश दिया। ये कहानियाँ आज भी हमारे दैनिक फैसलों को आकार देती हैं — क्या सही है? क्या गलत है? ये सवाल विष्णु के अवतारों से जुड़े हैं। आपने शरद पूर्णिमा के दिन कोजागर पूजा की है? उस रात, लक्ष्मी और विष्णु का संगम होता है — धन और संरक्षण का एक अद्वितीय जोड़ा। लक्ष्मी, समृद्धि की देवी, जो विष्णु की शक्ति और साथी हैं वहीं बैठी होती हैं, जहाँ विष्णु की भक्ति होती है।

इन सबके बीच, आपको ये भी पता होना चाहिए कि विष्णु की भक्ति सिर्फ मंदिरों तक सीमित नहीं है। ये एक जीवन शैली है — जब आप ईमानदारी से काम करते हैं, जब आप अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं, जब आप अपने वादों का पालन करते हैं, तो आप विष्णु के अवतारों के सिद्धांतों को जी रहे होते हैं। इसी वजह से हमारे पोस्ट्स में शरद पूर्णिमा की पूजा के समय, विष्णु के अवतारों की कहानियाँ, और भक्ति के आधुनिक अर्थ तक शामिल हैं। यहाँ आपको बस धार्मिक नहीं, बल्कि जीवन के एक असली नियम का अनुभव मिलेगा — जो हजारों साल पुराना है, और आज भी बरकरार है।

नव॰

1

तुलसी विवाह 2025: 2 नवंबर को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र, बन जाएंगे दूर सब बाधाएं
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 1 नवंबर 2025 1 टिप्पणि

तुलसी विवाह 2025: 2 नवंबर को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र, बन जाएंगे दूर सब बाधाएं

तुलसी विवाह 2025 के लिए 2 नवंबर की तिथि घोषित, जब भक्त राधा कृष्ण मंदिर और जेके योग के अनुसार शलिग्राम और तुलसी माता के विवाह का अनुष्ठान करेंगे। मंत्र जप से विष्णु की कृपा पाएं।