भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने जेईई एडवांस्ड 2024 के परिणामों की घोषणा कर दी है। आईआईटी दिल्ली जोन के वेद लाहोटी ने 99% अंक और कुल 360 में से 355 अंक के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। वेद की इस उपलब्धि ने उन्हें पूरे देश में चर्चित बना दिया है। बहुत ही कम लोग इतने अधिक अंक प्राप्त कर पाते हैं और वेद ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से यह सिद्ध कर दिखाया है।
आईआईटी बॉम्बे जोन की द्विजा धर्मेशकुमार पटेल महिला टॉपर के रूप में उभरी हैं। उन्होंने 332 अंक प्राप्त किए हैं, जो कुल अंकों का 92% होता है। द्विजा की यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई का परिणाम है। उन्होंने महिला प्रत्याशियों के लिए एक नया मानक स्थापित किया है और उनमें विशेष प्रेरणा की भावना भरी है।
जेईई एडवांस्ड 2024 के लिए कुल 186,584 उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया था, जिनमें से 180,200 ने दोनों पेपरों में भाग लिया। सफल घोषित उम्मीदवारों की संख्या 48,248 है, जिसमें 40,284 पुरुष और 7,964 महिलाएं शामिल हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि परीक्षा कितनी कठिन होती है और मात्र कुछ ही विद्यार्थी इसे पार कर पाते हैं।
उम्मीदवार अपने परिणाम आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर जाकर देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना पंजीकरण संख्या, जन्म तिथि और फोन नंबर दर्ज करना होगा। यह प्रक्रिया बहुत ही सरल और सुचारू रूप से डिज़ाइन की गई है ताकि सभी उम्मीदवार आसानी से अपने परिणाम देख सकें।
परिणामों की घोषणा से पहले, उत्तर कुंजी 31 मई को जारी की गई थी। उम्मीदवारों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 2 और 3 जून 2024 को समय दिया गया था। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों को अपने संदेहों को स्पष्ट करने और शुद्धता सुनिश्चित करने का एक अवसर प्रदान करती है।
वेद लाहोटी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। उन्होंने कहा कि निरंतर अभ्यास और सही मार्गदर्शन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। वहीं, द्विजा पटेल ने भी अपनी सफलता को गुरु और परिवार के समर्थन का फल माना है। दोनों ने सभी विद्यार्थियों को सख्त मेहनत करने और कभी हार न मानने की सलाह दी है।
विद्यालयों और कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी खुशी व्यक्त की है और इसे उत्साहजनक बताया है। उन्होंने कहा कि यह सफलता केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।
जेईई एडवांस्ड के टॉपर बनने के बाद, वेद लाहोटी और द्विजा पटेल के लिए आईआईटी में दाखिले की राह खुल चुकी है। वे अपने भविष्य के लिए उच्चतम शिक्षा के अवसरों का लाभ उठाएंगे। इस परीक्षा के परिणाम ने अन्य विद्यार्थियों को भी और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।
इस सफलता के साथ ही वेद और द्विजा ने यह साबित कर दिया है कि समर्पण और कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। उनके उदाहरण से यह सिखने को मिलता है कि चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, लगातार कोशिश और सही दिशा में परिश्रम अंततः सफलता दिलाता है।