जेईई एडवांस्ड परिणाम घोषित: आईआईटी दिल्ली के वेद लाहोटी टॉपर, 99% अंक और 355/360 स्कोर

जेईई एडवांस्ड परिणाम घोषित: आईआईटी दिल्ली के वेद लाहोटी टॉपर, 99% अंक और 355/360 स्कोर
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 9 जून 2024 17 टिप्पणि

जेईई एडवांस्ड के परिणाम: वेद लाहोटी बने टॉपर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने जेईई एडवांस्ड 2024 के परिणामों की घोषणा कर दी है। आईआईटी दिल्ली जोन के वेद लाहोटी ने 99% अंक और कुल 360 में से 355 अंक के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। वेद की इस उपलब्धि ने उन्हें पूरे देश में चर्चित बना दिया है। बहुत ही कम लोग इतने अधिक अंक प्राप्त कर पाते हैं और वेद ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से यह सिद्ध कर दिखाया है।

महिला टॉपर की उपलब्धि

आईआईटी बॉम्बे जोन की द्विजा धर्मेशकुमार पटेल महिला टॉपर के रूप में उभरी हैं। उन्होंने 332 अंक प्राप्त किए हैं, जो कुल अंकों का 92% होता है। द्विजा की यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई का परिणाम है। उन्होंने महिला प्रत्याशियों के लिए एक नया मानक स्थापित किया है और उनमें विशेष प्रेरणा की भावना भरी है।

उपलब्धि के आंकड़े

जेईई एडवांस्ड 2024 के लिए कुल 186,584 उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया था, जिनमें से 180,200 ने दोनों पेपरों में भाग लिया। सफल घोषित उम्मीदवारों की संख्या 48,248 है, जिसमें 40,284 पुरुष और 7,964 महिलाएं शामिल हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि परीक्षा कितनी कठिन होती है और मात्र कुछ ही विद्यार्थी इसे पार कर पाते हैं।

नतीजे कैसे देखें

उम्मीदवार अपने परिणाम आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर जाकर देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना पंजीकरण संख्या, जन्म तिथि और फोन नंबर दर्ज करना होगा। यह प्रक्रिया बहुत ही सरल और सुचारू रूप से डिज़ाइन की गई है ताकि सभी उम्मीदवार आसानी से अपने परिणाम देख सकें।

उत्तर कुंजी और आपत्ति प्रक्रिया

परिणामों की घोषणा से पहले, उत्तर कुंजी 31 मई को जारी की गई थी। उम्मीदवारों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 2 और 3 जून 2024 को समय दिया गया था। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों को अपने संदेहों को स्पष्ट करने और शुद्धता सुनिश्चित करने का एक अवसर प्रदान करती है।

जेईई एडवांस्ड 2024: विद्यार्थियों के विचार और प्रतिक्रियाएं

जेईई एडवांस्ड 2024: विद्यार्थियों के विचार और प्रतिक्रियाएं

वेद लाहोटी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। उन्होंने कहा कि निरंतर अभ्यास और सही मार्गदर्शन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। वहीं, द्विजा पटेल ने भी अपनी सफलता को गुरु और परिवार के समर्थन का फल माना है। दोनों ने सभी विद्यार्थियों को सख्त मेहनत करने और कभी हार न मानने की सलाह दी है।

विद्यालयों और कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी खुशी व्यक्त की है और इसे उत्साहजनक बताया है। उन्होंने कहा कि यह सफलता केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।

आगे की राह और संभावनाएं

आगे की राह और संभावनाएं

जेईई एडवांस्ड के टॉपर बनने के बाद, वेद लाहोटी और द्विजा पटेल के लिए आईआईटी में दाखिले की राह खुल चुकी है। वे अपने भविष्य के लिए उच्चतम शिक्षा के अवसरों का लाभ उठाएंगे। इस परीक्षा के परिणाम ने अन्य विद्यार्थियों को भी और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।

इस सफलता के साथ ही वेद और द्विजा ने यह साबित कर दिया है कि समर्पण और कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। उनके उदाहरण से यह सिखने को मिलता है कि चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, लगातार कोशिश और सही दिशा में परिश्रम अंततः सफलता दिलाता है।

17 टिप्पणि

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    PRITAM DEB

    जून 9, 2024 AT 18:20

    बधाई हो! वेद की मेहनत और अनुशासन का उदाहरण है। हर कोई इससे सीख ले।

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    Saurabh Sharma

    जून 9, 2024 AT 19:43

    JEE एडवांस्ड स्कोर मैट्रिक्स में वेद की 355/360 पॉइंट्स एक आर्टिफिशियल बाउंडरी सेट करते हैं। यह ट्रेंड हाई-परफॉर्मेंस एन्कोडिंग को रिफ्लेक्ट करता है।

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    Suresh Dahal

    जून 9, 2024 AT 21:06

    यह परिणाम शैक्षणिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर प्रस्तुत करता है। इससे आगे की नीति निर्माण प्रक्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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    Krina Jain

    जून 9, 2024 AT 22:30

    वध लाहोटी क्को मस्त काम किया है। सबको प्रेरणा देती है।।

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    Raj Kumar

    जून 9, 2024 AT 23:53

    सिर्फ अंक नहीं, ये तो पूरे सिस्टम की साजिश है जो अति उत्तेजना पैदा करती है! इतना हाई स्कोर देखकर लगता है कि प्रश्नपत्र में कुछ गड़बड़ है।

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    venugopal panicker

    जून 10, 2024 AT 01:16

    रंग बिरंगी सफलता की कहानी, वेद ने तो जैसे जादू किया! ऐसा उत्सव हर कोने में गूंजना चाहिए।

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    Vakil Taufique Qureshi

    जून 10, 2024 AT 02:40

    मैं यहाँ बस देख रहा हूँ, सब कुछ ठीक है।

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    Jaykumar Prajapati

    जून 10, 2024 AT 04:03

    वेद की उपलब्धि दिखाती है कि निरंतर अभ्यास और सही मार्गदर्शन से जैसे असंभव लक्ष्य भी संभव हो सकते हैं। दूसरी ओर, द्विजा की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि महिला छात्रों के लिए भी समान अवसर उपलब्ध हैं। इन दोनों कहानियों से राष्ट्रीय स्तर पर STEM शिक्षा की दिशा में सकारात्मक संकेत मिलते हैं।

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    PANKAJ KUMAR

    जून 10, 2024 AT 05:26

    हम सब मिलकर इस उपलब्धि को मनाएँ और आगामी पीढ़ी को प्रेरित करें। इस तरह के टॉपर्स हमारे शैक्षिक माहौल को और समृद्ध बनाते हैं।

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    Anshul Jha

    जून 10, 2024 AT 06:50

    इतना बड़ा नाटक देखकर असली मेहनत की कद्र कम होती है। टैबलॉटर और मिडिया को सच्ची कहानी दिखानी चाहिए।

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    Anurag Sadhya

    जून 10, 2024 AT 08:13

    क्या हरेक को इस तरह की तैयारी करनी पड़ती है? 😊

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    Sreeramana Aithal

    जून 10, 2024 AT 09:36

    ऐसी हाई स्कोर कुछ हद तक सिस्टम की खामियों को छुपाते हैं। प्रश्नपत्र की कठिनाई स्तर को फिर से देखना चाहिए।

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    Anshul Singhal

    जून 10, 2024 AT 11:00

    वेद लाहोटी की सफलता हमारी शिक्षा प्रणाली की संभावनाओं को उजागर करती है। यह बताती है कि सही दिशा और निरंतर अभ्यास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनका 99% अंक दर्शाता है कि उन्होंने प्रत्येक विषय में गहराई से अध्ययन किया। इसी तरह की मेहनत से द्विजा धर्मेशकुमार पटेल ने भी महिला टॉपर के रूप में इतिहास रचा। उनकी 332 अंक भी अत्यंत प्रशंसनीय हैं। इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि कभी भी लिंग या पृष्ठभूमि बाधा नहीं बनती। छात्रों को चाहिए कि वे अपने सपनों को ठोस लक्ष्य में बदलें। कठिनाइयों को चुनौती के रूप में देखना चाहिए न कि रोक के रूप में। सालों की तैयारी, सही मार्गदर्शन और निरंतर अभ्यास ने इन छात्रों को इस स्तर तक पहुंचाया। अब समय है कि स्कूल और कोचिंग संस्थान इस सफलता को एक मॉडल के रूप में अपनाएँ। अगले साल के टॉपर्स के लिए यह प्रेरणा का स्रोत बनना चाहिए। इस प्रकार की उत्कृष्टता राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगी। अंत में यह कहना चाहिए कि ऐसी उपलब्धियों को सिर्फ उजागर नहीं करना चाहिए, बल्कि पूरे सिस्टम में सुधार की दिशा में उपयोग करना चाहिए।

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    DEBAJIT ADHIKARY

    जून 10, 2024 AT 12:23

    इन्हीं परिणामों के आधार पर आगामी शैक्षणिक नीतियों का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। इससे भविष्य की योजना अधिक प्रभावी हो सकेगी।

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    abhay sharma

    जून 10, 2024 AT 13:46

    अरे वाह, फिर से टॉप स्कोर, कब तक चलेंगे ये चमत्कार?

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    Abhishek Sachdeva

    जून 10, 2024 AT 15:10

    ऐसी उपलब्धि बिना उचित मार्गदर्शन के संभव नहीं, इसलिए कोचिंग को मान्यता देनी चाहिए।

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    Janki Mistry

    जून 10, 2024 AT 16:33

    सभी को शुभकामनाएँ।

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