तुलसी विवाह 2025: 2 नवंबर को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र, बन जाएंगे दूर सब बाधाएं

तुलसी विवाह 2025: 2 नवंबर को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र, बन जाएंगे दूर सब बाधाएं
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 1 नवंबर 2025 0 टिप्पणि

2 नवंबर 2025 को भारत और विश्वभर के हिंदू भक्त तुलसी विवाह का पावन अवसर मनाएंगे, जब तुलसी विवाह की द्वादशी तिथि सुबह 7:31 बजे आईएसटी में शुरू होगी और 3 नवंबर की सुबह 5:07 बजे समाप्त होगी। यह दिन राधा कृष्ण मंदिर और जेके योग जैसे प्रमाणित धार्मिक संस्थानों द्वारा निर्धारित किया गया है। लेकिन यह केवल एक रिश्ते की शुभ अनुष्ठान नहीं — यह एक आत्मा के अंदर की यात्रा है, जहां एक पौधा, एक मूर्ति और एक मंत्र एक साथ भक्ति की अनंत शक्ति को जगाते हैं।

तुलसी क्यों है माता, और विष्णु क्यों हैं प्रिय

कई पुराणों में तुलसी को महालक्ष्मी का अवतार माना गया है — धन, शांति और पवित्रता की देवी। और शलिग्राम, जो विष्णु का प्रतीक है, उसे भगवान का स्वयंभू रूप माना जाता है। जब ये दोनों एक साथ विवाह करते हैं, तो यह केवल एक बाह्य अनुष्ठान नहीं होता। यह एक आंतरिक संकल्प है: मन के अहंकार को त्यागना, भक्ति के बल से अपने जीवन को समर्पित करना। स्वामी मुकुंदानंद, राधा कृष्ण मंदिर और जेके योग के संस्थापक, कहते हैं, "तुलसी विवाह आपको याद दिलाता है कि ईश्वर केवल मंदिरों में नहीं, बल्कि हर सांस में बसते हैं।"

कैसे करें तुलसी विवाह — विधि और मंत्र

इस अनुष्ठान की शुरुआत शलिग्राम को पंचामृत और गंगाजल से स्नान करके की जाती है, जैसा कि इंडिया टीवी न्यूज ने 27 अक्टूबर 2024 को रिपोर्ट किया। फिर तुलसी माता को गंगाजल से स्नान कराया जाता है, और उन्हें एक चुनरी पहनाई जाती है। इस दौरान जप किए जाने वाले मंत्रों में से एक है: "ॐ तुलसी श्रीमहालक्ष्मि विष्णुप्रिये नमोऽस्तुते। नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये॥ विवाहं ते करिष्यामि देहि मे परमं सुखम्॥" — जिसका अर्थ है: "हे तुलसी, महालक्ष्मी के रूप में, विष्णु की प्रिया, मैं तुम्हारे चरणों में नमन करता हूं। तुम पापों को हरने वाली हो, मुझे परम सुख दो। मैं तुम्हारा विवाह करूंगा।" एक और प्राचीन मंत्र है: "तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी..." — जिसे जनसत्ता ने 26 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित किया। इन मंत्रों का जप अकेले नहीं, भाव से किया जाना चाहिए। जैसे कि जेके योग के अनुसार, "जब आप तुलसी को चुनरी पहनाते हैं, तो अपने दिल में भी किसी को अपना बना लीजिए — ईश्वर को।"

बिना बेटी के भी करें ये विवाह — क्यों?

कई परिवारों में यह मान्यता है कि जिनके पास बेटी नहीं है, उन्हें जीवन में कम से कम एक बार तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए। लाइव हिंदुस्तान की 29 अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, यह विवाह शादी की बाधाओं को दूर करता है — चाहे वह विवाह के बाद आए विवाद हों, या बच्चे पाने में देरी। यह एक आध्यात्मिक नियम नहीं, बल्कि एक ऐसा रिवाज है जो घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

क्यों यह तिथि? और क्यों कार्तिक महीना?

तुलसी विवाह का समय देव उठानी एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक रखा गया है — जो विष्णु के चार महीने के योग निद्रा के बाद उनके जागने का समय है। इस दौरान भक्ति का अधिकार बढ़ जाता है। कार्तिक महीना ही विष्णु भक्ति के लिए सबसे शुभ माना जाता है। गुप्त वृंदावन धाम के अनुसार, कुछ परंपराओं में इसे 5 नवंबर 2025 को भी मनाया जाता है — चतुर्मास के अंत के रूप में। लेकिन 2 नवंबर, द्वादशी की तिथि, सबसे शक्तिशाली मानी जाती है।

विश्वव्यापी असर: डॉलस, लंदन, न्यूयॉर्क तक

अमेरिका के डॉलस में भी भक्त इस दिन का इंतजार कर रहे हैं। वहां द्वादशी तिथि 1 नवंबर को रात 9:01 बजे शुरू होती है। माई3इओनेट्रा ने लिखा है: "यह केवल एक रीति नहीं, यह दिव्य प्रेम का उत्सव है।" यह दुनिया भर में घरों, मंदिरों और भक्ति समूहों में एक एकता का प्रतीक बन गया है — जहां भाषा, संस्कृति और दूरी भी भक्ति के आगे हार जाती है।

आध्यात्मिक संदेश: बाहरी अनुष्ठान, अंदर का समर्पण

स्वामी मुकुंदानंद का संदेश सादा लेकिन गहरा है: "जब आप तुलसी को चुनरी पहनाते हैं, तो अपने दिल में भी किसी को अपना बना लीजिए — ईश्वर को।" यह विवाह आपको याद दिलाता है कि असली शुभ काम वही हैं जो भाव से किए जाएं। जब आप मंत्र जपते हैं, तो सोचिए: क्या मैं अपने अहंकार को त्याग रहा हूं? क्या मैं अपने जीवन के सारे बिगड़े कामों को ईश्वर के हवाले कर रहा हूं? यही तो सच्ची तुलसी विवाह है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

तुलसी विवाह के लिए क्या तैयारियां करें?

शलिग्राम के लिए पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गुड़) और गंगाजल, तुलसी के लिए चुनरी, फूल, दीपक और अक्षत तैयार करें। रात के समय या सुबह के शुरुआती घंटों में अनुष्ठान करें। भाव से जप करें — यह अनुष्ठान नहीं, भक्ति है।

क्या बिना बेटी के भी तुलसी विवाह करना चाहिए?

हां। कई परंपराओं में यह माना जाता है कि जिनके पास बेटी नहीं है, वे तुलसी विवाह करके शादी की बाधाओं को दूर कर सकते हैं। यह बेटी की जगह नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आह्वान है — जिससे घर में समृद्धि और शांति का प्रवाह बढ़ता है।

क्या तुलसी विवाह का मंत्र बिना दीक्षा के जप सकते हैं?

हां, बिना दीक्षा के भी जप किया जा सकता है। लेकिन जिस तरह तुलसी ने अपने भक्ति से भगवान को अपना बना लिया, वैसे ही आप भी भाव से जपें। अहंकार छोड़कर, शुद्ध भक्ति के साथ यह मंत्र आपके जीवन में शांति लाएगा।

तुलसी विवाह के बाद क्या करें?

तुलसी को घर में सुरक्षित जगह पर रखें और रोज सुबह-शाम पानी दें। उसके चारों ओर दीपक जलाएं। यह आपके घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाता है। याद रखें — तुलसी का सम्मान करना ही सच्ची भक्ति है।

क्या यह विवाह केवल हिंदू ही मना सकते हैं?

नहीं। यह एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है जो किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध है जो प्रकृति के प्रति सम्मान रखता हो और भक्ति की भावना को स्वीकार करता हो। दुनिया भर में लोग इसे अपने तरीके से मना रहे हैं — यह भक्ति की एकता का प्रमाण है।

इस वर्ष तुलसी विवाह क्यों खास है?

2025 का तुलसी विवाह अपने आप में खास है क्योंकि यह देव उठानी एकादशी के बाद सीधे आता है, और कार्तिक महीने के शुरुआती दिनों में पड़ता है — जो विष्णु भक्ति के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस वर्ष अधिकांश मंदिरों में विशेष पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।