ट्रैविस हेड: अब तक का सफर और आगे क्या?
अगर आप क्रिकेट फैन हैं तो ट्रैविस हेड का नाम सुनते ही दिमाग में एक तेज़ ओवर की तस्वीर आती है, जहाँ उन्होंने सिर्फ एक नहीं दो विकेट लिये थे। वही ओवर बोरडर-गावसकर टॉफ़ी में उनके करियर की सबसे बड़ी चमक बन गया। इस लेख में हम उनके शुरुआती दिनों से लेकर आज तक के प्रमुख आँकों और भविष्य की संभावनाओं को देखेंगे.
कैसे शुरू हुआ ट्रैविस का सफर?
ट्रैविस ने घरेलू क्रिकेट में अपनी तेज़ गेंदबाजी से कई बार विरोधियों को चौंका दिया। उनकी गति 140 किमी/घंटा के आसपास है और बाउंस पर उनका नियंत्रण कमाल का है, इसलिए उन्हें जल्दी ही राष्ट्रीय टीम में बुलाया गया। पहले मैचों में वह अक्सर सैंडलिंग बॉल्स डालते थे, लेकिन समय के साथ उन्होंने स्विंग और स्पिन दोनों को मिलाकर एक संतुलित पैकेज बना लिया.
सबसे यादगार ओवर: दो वीक़ेट का जादू
बोरडर-गावसकर टॉफ़ी में वह ओवर सभी के ज़ुबां पर था। पहले विकेट के साथ उन्होंने सैम कॉन्स्टास को लिव किया, फिर तुरंत ट्रैविस हेड खुद ही आउट हो गए – लेकिन यही नहीं, अगले बॉल में उन्होंने दो वीक़ेट लेकर टीम का मोड़ बदल दिया. इस प्रकार उनका एक ओवर 2-0 बना और भारत की जीत पक्की हुई.
इस घटना ने न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया बल्कि टीम के रणनीति बनाने वालों को भी बताया कि कठिन परिस्थितियों में ट्रैविस पर भरोसा किया जा सकता है। अब जब भी कोई टॉप ऑर्डर बॉलर्स का दबाव बनता है, ट्रेनिंग कैंप में उनका नाम ज़रूर लिया जाता है.
आगे के सीज़न में उनकी भूमिका और बढ़ेगी. अभी के अनुसार कोचेज़ चाहते हैं कि वह शुरुआती ओवरों में लाइन और लेंथ पर ध्यान दें, ताकि विरोधी टीम को जल्दी से सत्रंगित किया जा सके. साथ ही फील्डिंग ड्रिल्स पर भी काम चल रहा है, क्योंकि एक तेज़ फील्डर की जरूरत हर मैच में होती है.
तो अगर आप अगले भारत बनाम विदेशियों के मुकाबले देख रहे हैं, तो ट्रैविस हेड के ओवर को मिस मत करना. उनकी गति और सटीकता अक्सर गेम प्लेयर बनती है. उम्मीद है कि आगे भी ऐसे ही कई रोमांचक क्षण हम देखेंगे.
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इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया 5वीं ODI हाइलाइट्स: ट्रैविस हेड की शानदार पारी से ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 49 रनों से हराया
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांचवीं और अंतिम ODI मुकाबला ब्रिस्टल के सीट यूनिक स्टेडियम में खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। श्रृंखला 2-2 की बराबरी पर होने के कारण यह मैच निर्णायक था। ऑस्ट्रेलिया के ट्रैविस हेड ने अपनी शानदार पारी से ऑस्ट्रेलिया को 49 रनों की जीत दिलाई, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने श्रृंखला पर कब्जा कर लिया।