इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांचवीं और अंतिम ODI का मुकाबला ब्रिस्टल के सीट यूनिक स्टेडियम में खेला गया। श्रृंखला के चार मैचों के बाद दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं, जिससे यह अंतिम मैच एक निर्णायक मुकाबला बन गया। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया के स्टैंड-इन कप्तान स्टीवन स्मिथ ने बताया कि मिशेल मार्श को पिछले मैच की थकान के कारण आराम दिया गया है। इसके बजाय मैथ्यू शॉर्ट और आरोन हार्डी को टीम में शामिल किया गया। इसके अलावा, कूपर कॉनॉली ने ODI में अपना पदार्पण किया।
इंग्लैंड के स्टैंड-इन कप्तान हैरी ब्रूक ने बताया कि जोफ्रा आर्चर को अगले साल की चैम्पियंस ट्रॉफी को ध्यान में रखते हुए इस मैच में नहीं खेलाया गया है, और उनकी जगह ओली स्टोन को टीम में लिया गया। हैरी ने अपनी टीम की जीत की उम्मीद जताई और कहा कि टीम के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुकाबला है।
इंग्लैंड की टीम में फिल सॉल्ट और बेन डकेट ओपनिंग में उतरे, जबकि ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी की कमान मिचेल स्टार्क ने संभाली। इंग्लैंड की टीम अच्छी शुरुआत न कर सकी और शुरुआती ओवरों में ही कुछ अहम विकेट खो दिए।
इस मैच में ट्रैविस हेड ने बल्ले और गेंद, दोनों से अपना कमाल दिखाया। उन्होंने बल्ले से 75 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली और गेंदबाजी में भी चार महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। ट्रैविस हेड की इस शानदार प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया को 49 रनों से जीत दिलाई और श्रृंखला को 3-2 से अपने नाम करने में मदद की।
ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए 256 रनों का स्कोर खड़ा किया। इस दौरान डेविड वॉर्नर और स्मिथ की साझेदारी ने टीम को एक मजबूत आधार दिया। लेकिन ट्रैविस हेड की पारी सर्वोच्च रही। जवाब में, इंग्लैंड की टीम 207 रनों पर सिमट गई, जिसमें फिल सॉल्ट और बेन डकेट की पारियों का योगदान भी शामिल था।
चौथे ODI में बारिश ने खेल में बाधा उत्पन्न की थी, लेकिन इंग्लैंड ने उस मैच में बढ़िया प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया को परास्त किया। लेकिन पांचवें मैच में मौसम साफ था और खेल बिना किसी व्यवधान के पूरा हुआ।
इस श्रृंखला ने दोनों टीमों के सफेद गेंद क्रिकेट में कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहले दो मैचों में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा, जबकि अगले दो मैचों में इंग्लैंड ने वापस अपने प्रदर्शन से श्रृंखला में गति पकड़ी। पांचवां मैच निर्णायक साबित हुआ और ऑस्ट्रेलिया ने विजेता बनकर श्रृंखला पर कब्जा किया।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही टीमें आगे आने वाले टूर्नामेंट्स के लिए अपनी योजनाओं पर ध्यान देंगी। इंग्लैंड के लिए यह हार एक सीख होगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया अपनी जीत के साथ आगे के मैचों के लिए उत्सुक रहेगा।
इसी के साथ, क्रिकेट प्रशंसकों को इस श्रृंखला में जबरदस्त रोमांच, कौशल और संघर्ष देखने को मिला, जिससे यह मु़काबला ऐतिहासिक बन गया।