तंबाकू निषेध क्यों ज़रूरी है?
अगर आप सोचते हैं कि तम्बाकू सिर्फ एक आदत है, तो फिर से देखें. धूम्रपान हर साल लाखों लोगों की जान लेता है, और दूसरा हाथ धुआँ बच्चों व बुजुर्गों को भी नुकसान पहुंचाता है। सरकार ने कई बार चेतावनी दी, पर अब समय आया है जब तंबाकू निषेध को सख़्ती से लागू किया जाए।
स्वास्थ्य पर सीधा असर
तम्बाकू पीने से फेफड़े का कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती हैं। भारत में हर साल लगभग 12 लाख लोग धूम्रपान के कारण मरते हैं। अगर आप या आपका कोई जान‑पहचान वाला इस जोखिम से बचना चाहते हैं, तो निचली कीमत वाले सिगरेट, बिड़ी या पैन जैसे उत्पादों को पूरी तरह बंद करना ही सबसे अच्छा उपाय है.
क़ानूनी कदम और उनका प्रभाव
भारत में 2003 का धूम्रपान नियंत्रण अधिनियम (COTPA) पहले से मौजूद है, लेकिन हाल के सालों में कई राज्यों ने सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। अब कई शहरों में तम्बाकू बेचने वाले स्टॉल को लाइसेंस देना मुश्किल हो गया है और विज्ञापन भी बंद कर दिया गया है। यदि आप व्यापारिक मालिक हैं तो नई नीतियों के अनुसार अपना कारोबार बदलना पड़ेगा, लेकिन इससे समाज में धूम्रपान की कमी आएगी.
सरकार ने पैकेजिंग पर स्वास्थ्य चेतावनी चित्र भी अनिवार्य किया है। यह चित्र अक्सर लोगों को रोकता है क्योंकि देख कर ही कई लोग सोचते हैं कि क्या मैं वास्तव में इसे पीऊँ? ऐसी छोटी‑छोटी कदम बड़ी परिवर्तन लाते हैं.
क्या आप जानते हैं कि तंबाकू निषेध का असर सिर्फ स्वास्थ्य तक नहीं सीमित रहता? यह आर्थिक बोझ को भी कम करता है। अस्पतालों में धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों के इलाज पर खर्च बहुत ज्यादा होता है, और वही पैसा अगर बचा ले तो शिक्षा या बुनियादी सुविधाओं में लगाया जा सकता था.
अगर आप अभी भी तंबाकू इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तुरंत मदद लें। कई NGOs मुफ्त काउंसलिंग और निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी देते हैं। एक छोटा कदम—जैसे सुबह की सिगरेट छोड़ना—आपकी ज़िन्दगी को लंबी बना सकता है.
समाज में बदलाव लाने के लिए हर व्यक्ति का सहयोग चाहिए। अगर आप किसी दोस्त या रिश्तेदार को देख रहे हैं जो धूम्रपान करता है, तो बिना टोकन के मदद की पेशकश करें. कभी‑कभी एक सरल बात भी बड़ी प्रेरणा बन जाती है.
अंत में यह याद रखें: तंबाकू निषेध सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है। जब तक हम मिलकर इसे अपनाएँगे, तभी धूम्रपान के खतरों को कम किया जा सकेगा और स्वस्थ भारत बन पाएंगे.
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस: अरुणाचल प्रदेश में जन-जागरूकता कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन
अरुणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग घाटी और वेस्ट सियांग जिलों में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम और निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाने के महत्व पर जोर दिया गया।