शुक्रवार को लोअर दिबांग घाटी और वेस्ट सियांग जिलों में विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं के साथ विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। इस वर्ष का थीम 'बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना' था, जिसे जनसभाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। लोअर दिबांग घाटी के स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थानों में निबंध लेखन प्रतियोगिताओं और जागरूकता सभाओं का आयोजन किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नांगकोंग यिरांग ने छात्रों को तंबाकू उपयोग के हानिकारक प्रभावों और कोटपा अधिनियम के बारे में व्याख्यान दिए।
विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित कार्यक्रमों में छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और तंबाकू के नकारात्मक प्रभावों के बारे में अपने विचार प्रकट किए। वीकेवी रोइंग स्कूल को 'तंबाकू-मुक्त शैक्षणिक संस्थान' के रूप में प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया, जिससे वह जिले का पहला ऐसा संस्थान बना। यह प्रमाण पत्र न केवल स्कूल की उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
वेस्ट सियांग के ANM स्कूल के कॉन्फ़्रेंस हॉल में जिला तंबाकू नियंत्रण सेल (DTCC) ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जिला चिकित्सा अधिकारी (DMO) डॉ. डुबोम बागरा, MS डॉ. के रिना, मदर विज़न की अध्यक्ष जुमडे गमलिन, अस्पताल स्टाफ, स्कूल प्रधानाचार्य, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।
DTCC की नोडल अधिकारी डॉ. टी वांगमु ने तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने तंबाकू के कारण होने वाली बिमारियों और उनके निदान की चर्चा की। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और अभिभावकों के बीच तंबाकू के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना था ताकि भविष्य में युवा पीढ़ी को इस विनाशकारी लत से बचाया जा सके।
तंबाकू निषेध के प्रयास न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाते हैं, बल्कि शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने का कार्य भी करते हैं। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्र और शिक्षक तंबाकू के खिलाफ इस युद्ध में अपने हिस्से का योगदान देने के लिए प्रेरित हुए। यह दिन न केवल लोगों को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करता है, बल्कि समाज की भलाई के लिए एकजुटता और सहयोग की भावना को भी बढ़ाता है।
अरुणाचल प्रदेश में इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों की सफलता से प्रेरणा लेते हुए आगे भी विभिन्न स्थानों पर ऐसे आयोजन किए जाने की योजना है। यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि छात्रों और आम जनता को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। यह योजना धीरे-धीरे तंबाकू मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
इस प्रकार, विश्व तंबाकू निषेध दिवस ने अरुणाचल प्रदेश में जन-जागरूकता को बढ़ाने और तंबाकू के खतरों से बच्चों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम जारी रहेंगे और तंबाकू मुक्त समाज का सपना साकार हो सकेगा।