IPL 2025: इशान किशन के विवादित आउट पर MCC नियमों और अंपायर की भूमिका पर सवाल

IPL 2025: इशान किशन के विवादित आउट पर MCC नियमों और अंपायर की भूमिका पर सवाल

इशान किशन का हैरान कर देने वाला आउट, IPL 2025 में अंपायरिंग पर भारी सवाल

IPL 2025 का SRH बनाम MI मैच वैसे तो गेंद और बल्ले की जंग की वजह से मशहूर होना चाहिए था, लेकिन इशान किशन (इशान किशन) की विवादित आउट ने इस मुकाबले को यादगार बना दिया। मामला कुछ यूं था: तीसरे ओवर की एक गेंद पर इशान किशन ने डिपक चाहर की डिलीवरी पर फ्लिक करने की कोशिश की। गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी। विकेट के पीछे MI के विकेटकीपर रयान रिकेल्टन ने गेंद को पकड़ा, मगर न तो गेंदबाज और न ही किसी फील्डर ने अपील की। ऐसा लग रहा था कि यह एक सामान्य वाइड बॉल है, जिसे अंपायर विनोद सेशन ने भी शुरू में वाइड का इशारा दिया।

इसी बीच इशान किशन जो कि सिर्फ 1 रन (3 गेंद) बना चुके थे, क्रीज छोड़कर पैविलियन की ओर रवाना होने लगे। अंपायर ने बिना किसी अपील या रीप्ले देखे अचानक आउट देने का इशारा किया। यह नजारा फैंस, खिलाड़ियों और एक्सपर्ट सबको चौंकाने वाला था। टेलीविजन रीप्ले में साफ दिख गया कि गेंद बल्ले को छूकर दूर नहीं गई थी, यानि कोई एज नहीं था। सवाल यही उठने लगे—अगर न अपील हुई, न बल्ले को गेंद लगी, तो आखिर इशान किशन आउट कैसे हो गए?

MCC के '31.7' नियम पर बहस, अंपायर की भूमिका संदिग्ध

क्रिकेट के जाने-माने नियम, MCC के लॉ 31.7 के मुताबिक, अगर बल्लेबाज किसी गलतफहमी में क्रीज छोड़कर बाहर चले जाते हैं, तो अंपायर का काम है कि उन्हें वापस बुलाया जाए—बशर्ते वो मैदान से पूरी तरह बाहर न निकल चुके हों या इनिंग खत्म न हो गई हो। ऐसे में सबकी उम्मीद थी कि अंपायर इशान किशन को रोककर, नियम के मुताबिक वापस बुलाएंगे। लेकिन अंपायर विनोद सेशन ने चुप्पी साध ली, जिससे इस कदम पर क्रिकेट पंडितों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर तो यह चर्चा जोर पकड़ गई कि मैच रेफरी और अंपायरिंग टीम के भीतर इतनी बेसिक चीज़ें भी ठीक से मॉनिटर नहीं हो पा रहीं।

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गजों ने भी इस घटना को खेल की आत्मा के खिलाफ बताया। उनका कहना था कि इशान किशन को अपनी पारी जारी रखनी चाहिए थी, न कि अंपायर के बिना सुनवाई के खुद पैविलियन लौट जाना चाहिए था। सहवाग ने यह भी जोड़ा कि अगर बल्लेबाज खुद ऐसे फैसला करने लगे, तो खेल में भ्रम की स्थिति बनी रहेगी। वहीं फैंस ने अंपायरिंग को लेकर कड़ा गुस्सा जताया—कई लोगों का कहना था कि IPL जैसे बड़े टूर्नामेंट में इतनी गंभीर गलती माफ नहीं हो सकती।

एक तरफ खिलाड़ी की नैतिक जिम्मेदारी और आत्मविश्वास का मामला था, वहीं दूसरी ओर अंपायर की ओर से नियम पालन की अनदेखी ने मिक्सड सिग्नल्स दे दिए। क्रिकेट अनुसरण करने वाले नियमों में, अंपायर का फैसला अंतिम माना जाता है। परंतु यहां पर खुद फील्डिंग टीम की ओर से कोई अपील ही सामने नहीं आई थी। फैंस और विशेषज्ञों में यह सवाल भी उठाया गया कि आखिर मैदान पर कई अन्य अंपायर मौजूद रहते हैं, पर किसी ने दखल क्यों नहीं दिया?

मैच के बाद, सोशल मीडिया पर हर जगह इस घटना के वीडियो क्लिप की चर्चा थी, जिसमें बार-बार दर्शाया गया कि आखिर किस स्थिति में इशान किशन को आउट करार दे दिया गया जबकि न तो नियमों का पालन हुआ, न ही नियमानुसार अपील। इस तरह की घटनाएं क्रिकेट में कम ही देखने को मिलती हैं, लेकिन जब होती हैं तो खेल की निष्पक्षता, अंपायरिंग विवाद और खिलाड़ियों की भूमिका जोरदार बहस छेड़ देती है।

इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि IPL जैसे ग्लैमरस टूर्नामेंट में भी MCC नियमों की अनदेखी होना कितनी बड़ी चर्चा का विषय बन सकता है। आने वाले मैचों में अब हर अंपायरिंग निर्णय को फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट और भी बारीकी से देखेंगे। फिलहाल तो हर कोई यही पूछ रहा है—क्या क्रिकेट में न्याय और नियम दोनों एक साथ चल पा रहे हैं?