हरियाणा विधायनसभा चुनाव 2024 – क्या बदल रहा है?

हरियाणा में इस बार की विधानसभा चुनाव पूरे देश की नज़र में है। कई लोग पूछते हैं, आखिर इस बार कौन सी पार्टियों को फायदा होगा और किसे सबसे बड़ा चुनौतियां झेलनी पड़ेंगी? चलिए, सीधे मुद्दों पर आते हैं – उम्मीदवार, मुख्य मुद्दे और पहले से दिख रहे रुझान.

मुख्य प्रतिद्वंद्वी और उनके ताकत‑कमजोरी

बिल्कुल, बीजेपी और कांग्रेस अब भी दो बड़े दिग्गज हैं। भाजपा ने अपने विकास कार्यों को प्रमुखता दी है – हवाई अड्डा, हाईवे, जलसंधारण प्रोजेक्ट्स. परंतु पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण इलाकों में असंतोष बढ़ रहा है। दूसरी तरफ़ कांग्रेस ने खेती‑बाड़ी और नौकरी के मुद्दे उठाए हैं, लेकिन उनके अंदरूनी संघर्ष अभी भी स्पष्ट नहीं हुए। स्थानीय स्तर पर इण्डिया फ़ोर इंडियाज़ (आईएफआई) और जनसत्ता जैसी छोटे दल भी कुछ सीटों को लक्ष्य बना रहे हैं।

वोटर पैटर्न में नया मोड़

युवा वोटरों का प्रतिशत इस बार 30% से ऊपर पहुंचा है, जिससे सोशल मीडिया अभियान बहुत असरदार हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी भी पिछले चुनावों की तुलना में 5-6% बढ़ी है। यह दो कारक पार्टियों के प्रचार‑प्रसार को बदल रहे हैं – अब केवल रैलियां नहीं, बल्कि ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम और डिजिटल घोषणाएं ज्यादा प्रभावी हो रही हैं।

अगर आप हरियाणा में रहते हैं या यहाँ की राजनीति में रुचि रखते हैं, तो इन बातों को ध्यान में रखें: स्थानीय मुद्दे (जैसे पानी की कमी, सड़कें) अभी भी सबसे बड़ा वोट‑ड्राइवर है, जबकि राष्ट्रीय स्तर के विकास योजना सिर्फ पूरक भूमिका निभा रहे हैं।

अंत में एक छोटा टिप – चुनावी परिणाम देखना चाहते हैं तो सरकारी वेबसाइट और प्रमुख न्यूज़ चैनलों के लाइव अपडेट पर नज़र रखें। अक्सर छोटे-छोटे जिलों में तेज़ बदलाव होते हैं, जो पूरे राज्य का संतुलन बदल सकते हैं। इस टैग पेज पर आप हरियाणा चुनाव 2024 से जुड़ी नई ख़बरें, विश्लेषण और उम्मीदवार प्रोफ़ाइल हमेशा अपडेट पा सकते हैं।

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हरियाणा अम्बाला विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: अनिल विज बनाम परविंदर पाल पर विशेष लेख
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 8 अक्तूबर 2024 0 टिप्पणि

हरियाणा अम्बाला विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: अनिल विज बनाम परविंदर पाल पर विशेष लेख

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में, अम्बाला कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा के अनिल विज ने स्वतंत्र उम्मीदवार चित्रा सरवारा को 7,248 वोटों के अंतर से हराया। अनिल विज की यह जीत तब आई जब शुरुआती रिपोर्टों में वह पीछे होते दिख रहे थे। विज के चुनाव प्रचार में उनके काम की अहमियत को उजागर करते हुए 'काम किया है, काम करेंगे' का नारा प्रमुख रहा।