विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024: युवाओं को तंबाकू छोड़ने के लिए कैसे प्रेरित करें
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का उद्देश्य हमेशा से ही तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना रहा है। तंबाकू की लत एक गंभीर समस्या है जो विशेष रूप से युवाओं को प्रभावित करती है। नौ में से दस तंबाकू उपयोगकर्ता अपनी आदतें 18 साल की उम्र से पहले ही शुरू कर देते हैं। ऐसे में, उन्हें तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करना न केवल संभव है बल्कि आवश्यक भी है।
तंबाकू छोड़ना चुनौतीपूर्ण है और इसे छोड़ने के लिए औसतन 30 प्रयासों की आवश्यकता होती है। यह दिखाता है कि तंबाकू की लत कितनी गहरी और कठिन हो सकती है। तंबाकू के उपयोग से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी हानिकारक है। युवाओं को इस लत से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयासों की आवश्यकता है।
तंबाकू विपणन पर सख्त नियम
सबसे पहले, तंबाकू के विपणन पर सख्त नियमन जरूरी है। तंबाकू उत्पादों के साधारण पैकेजिंग, स्वाद और प्रचारक तत्वों पर प्रतिबंध, और धूम्रपान मुक्त क्षेत्र बनाना बेहद आवश्यक है। तंबाकू उत्पादों के रंग-बिरंगे और आकर्षक विज्ञापन युवाओं को आसानी से प्रभावित कर सकते हैं। इन्हें रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए, ताकि युवा और बच्चे इस धोखे से बच सकें।
तंबाकू उत्पादों पर कराधान
दूसरा प्रमुख कदम है तंबाकू उत्पादों पर कराधान को प्रभावी बनाना। इसमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों पर समान रूप से कर लगाया जाए और यह कर पड़ोसी देशों के स्तर के अनुरूप हो। इससे तंबाकू उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी और यह युवाओं के लिए कम सुलभ होंगी। कीमत में वृद्धि से तंबाकू छोड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
तंबाकू के नकारात्मक प्रभावों का प्रसार
तीसरा महत्वपूर्ण कदम तंबाकू के नकारात्मक प्रभावों के प्रसार को बढ़ाना है। तंबाकू उद्योग की रणनीतियों को उजागर करना, पर्यावरण पर धूम्रपान के प्रभावों को सामने लाना, और स्वास्थ्य संबंधी सटीक और प्रासंगिक चेतावनियों का प्रसार करना आवश्यक है। तंबाकू उपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने से युवा और अधिक सशक्त हो सकते हैं और वे इसका उपयोग छोड़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का तंबाकू नियंत्रण के लिए फ्रेमवर्क कंवेंशन (WHO Framework Convention on Tobacco Control) निकोटीन उपयोग को कम करने का लक्ष्य रखता है, लेकिन वर्तमान में उठाए जा रहे कदम पर्याप्त नहीं हैं। निर्णयकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिलकर अधिक कठोर कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य की पीढ़ियों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
Krina Jain
मई 31, 2024 AT 23:51भाईयो और बहनो हम सबको मिलके तंबाकू छोड़ने के लिए एक-दूसरे को सपोर्ट करना चाहिए
छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव ला सकते हैं
Raj Kumar
जून 1, 2024 AT 05:25अरे यार, इस पोस्ट का जो भी इस्तेमाल है, वो बस एक प्यारी रसोई की रेसिपी है, तंबाकू नहीं! असल में, धूम्रपान छोड़ना तो एक महाकाव्य है, जिसमें हर सिगरेट एक दुश्मन की तलवार बन जाती है।
venugopal panicker
जून 1, 2024 AT 10:58सभी को नमस्कार, तंबाकू के दुष्प्रभावों को लेकर उठाए गए कदम सराहनीय हैं, पर हमें और भी बहुआयामी उपायों की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर, स्कूलों में इंटरैक्टिव कार्यशालाएं, युवा नेतृत्व कार्यक्रम, और डिजिटल कैंपेन हमें इस दुर्योधन से लड़ने में मदद करेंगे। साथ ही, परिवारिक समर्थन को बढ़ावा देना, जैसे कि सिनेमा के ‘नो‑स्मोक’ इवेंट, सामाजिक जाल बनाता है जिसमें युवा खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।
Vakil Taufique Qureshi
जून 1, 2024 AT 16:31तंबाकू के विज्ञापन फैलाने वाले कंपनियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि उनका ये गुलाम बना देना अस्वीकार्य है।
Jaykumar Prajapati
जून 1, 2024 AT 22:05देखो दोस्तो, इस पूरे धुएँ के जाल की एक सच्ची कहानी है जो सरकार नहीं बताती-वास्तव में बड़े प्लैटफॉर्म पर डेटा कलेक्ट हो रहा है और हमें बार‑बार धुंए से बचाने के बहाने पर जो पैसे मिलते हैं, वो कहीं और पहुँचते हैं। इसलिए, केवल सख्त नियम बनाकर नहीं, हमें उस गुप्त वित्तीय बिखराव को भी उजागर करना पड़ेगा, तभी हम असली बदलाव देख पाएंगे। वो भी जब हम सब मिलकर इस बड़े षड्यंत्र को तोड़ें।
यह सिर्फ़ एक स्वास्थ्य मुद्दा नहीं, यह एक शक्ति संघर्ष है।
PANKAJ KUMAR
जून 2, 2024 AT 03:38मैं सहमत हूँ कि टैक्स बढ़ाने से कीमत बढ़ती है, पर साथ ही हमें वैकल्पिक अवकाश गतिविधियों को भी प्रोमोट करना चाहिए, जैसे खेल, शौक, और युवा क्लब, जिससे वे तंबाकू की ओर आकर्षित न हों।
Anshul Jha
जून 2, 2024 AT 09:11आज का भारत हमें कमजोर नहीं दिखा सकता, हमें अपने राष्ट्रीय चेतना को जागरूक करना होगा और तंबाकू की लुढ़ी को तोड़ना होगा, नहीं तो विदेशी कंपनियां हमारे भविष्य को जलाती रहेंगी
Anurag Sadhya
जून 2, 2024 AT 14:45मैं देख रहा हूँ कि कई युवा अभी भी धुएँ के साथ ही दोस्ती बनाते हैं, 😔 इसलिए हम सबको मिलकर एक सहायक नेटवर्क बनाना चाहिए जिससे वे स्वस्थ विकल्प चुन सकें। साथ साथ, स्कूलों में नियमित रूप से सत्र आयोजित करके जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।
Sreeramana Aithal
जून 2, 2024 AT 20:18यह बहुत ही शर्म की बात है कि आज भी लोग तंबाकू को सामान्य समझते हैं, जबकि यह एक जुलूम है जो गरीबों को और भी अधिक पीड़ित बनाता है। हमें इस दुष्ट व्यापार को खत्म करना चाहिए, नहीं तो भविष्य में एक पीढ़ी की...
Anshul Singhal
जून 3, 2024 AT 01:51तंबाकू से लड़ना केवल व्यक्तिगत संघर्ष नहीं, बल्कि एक सामाजिक मिशन है। जब हम देखते हैं कि किशोर उम्र के बच्चे ही सिगरेट पकड़ लेते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा अंतर है। पहला कदम यह होना चाहिए कि स्कूल के पाठ्यक्रम में तंबाकू के हानिकर प्रभावों को विज्ञान के साथ जोड़कर पढ़ाया जाए। दूसरा, शिक्षकों को इस विषय पर विशेष प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि वे छात्रों के प्रश्नों का सही और संवेदनशील जवाब दे सकें। इसके अलावा, पैरेंटल वर्कशॉप आयोजित कर माता‑पिता को जागरूक किया जाना चाहिए, क्योंकि घर का माहौल बच्चे के निर्णय पर गहरा प्रभाव डालता है। तंबाकू कंपनियों द्वारा लागू किए गए फ्लेवर और आकर्षक पैकेजिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि ये युवा मन को धोखा देते हैं। सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान प्रतिबंध केवल कागज़ी नियम नहीं, बल्कि इसे ठोस तौर पर लागू करना चाहिए, जैसे निरंतर पुलिस जांच और जुर्माने। टैक्स वृद्धि से मूल्य बढ़ाने के साथ-साथ, उस अतिरिक्त राजस्व को विशेष रूप से युवाओं के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लगाना चाहिए। सरकार को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर तंबाकू विज्ञापन को ब्लॉक करने के लिए AI‑आधारित मॉनीटरिंग सिस्टम विकसित करना चाहिए। साथ ही, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को तंबाकू‑मुक्त जीवन शैली को प्रमोट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह एक बहु‑स्तरीय रणनीति का परिणाम होगा, जिसमें हर स्तर पर जागरूकता और नियंत्रण दोनों सम्मिलित हों। जब युवा देखेंगे कि उनका समुदाय तंबाकू‑फ्री बन रहा है, तो वे स्वाभाविक रूप से इस प्रवृत्ति को अपनाएंगे। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि धूम्रपान छोड़ने की प्रक्रिया में मनोवैज्ञानिक सहायता आवश्यक है, इसलिए काउंसलिंग सेंटर्स को विस्तारित किया जाना चाहिए। अंत में, प्रत्येक शहर में एक ‘नो‑टॉबाको’ दिवस मनाया जा सके, जहाँ सभी सार्वजनिक कार्यक्रम तंबाकू‑मुक्त रहें। इस सामूहिक प्रयास से ही हम आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख पाएंगे।
DEBAJIT ADHIKARY
जून 3, 2024 AT 07:25आदरणीय महोदय, तंबाकू प्रतिबंध हेतु राष्ट्रीय नीति का कड़ाई से पालन अनिवार्य है, एवं इस दिशा में सभी संबंधित प्राधिकरणों को निरंतर निरीक्षण करना चाहिए।
abhay sharma
जून 3, 2024 AT 12:58ओह वाह, और एक नई सिगरेट टैक्स बढ़ाने की योजना, बिल्कुल नया विचार
Abhishek Sachdeva
जून 3, 2024 AT 18:31तुम्हारी यह बात बिल्कुल बेकार है क्योंकि तंबाकू को लेकर कोई भी सच्ची डेटा नहीं दिखाते, इसलिए इस मुद्दे पर सबको चुप रहना चाहिए।