एशिया के सबसे अमीर लोग: किस तरह बना बनता है अरबपति?
जब हम एशिया के धनी लोगों की बात करते हैं तो नाम सुनते ही मन में दामादेह, मस्क या टाटा जैसे बड़े-बड़े शख्स दिखते हैं। लेकिन उनका सफर सिर्फ किस्मत नहीं, बल्कि कई सही फैसले और जोखिम लेने की हिम्मत से बना है। चलिए जानें कुछ प्रमुख अरबपतियों का करियर, उनका पैसा कैसे बढ़ता है और आगे क्या प्लान हो सकते हैं।
टॉप 5 एशियन अरबपति – कौन-कौन?
2024 में फोर्ब्स की सूची के अनुसार भारत, चीन, जापान और सिंगापुर जैसे देशों से ये पाँच नाम सबसे ऊपर थे:
- मुकेश अंबानी (इंडिया) – रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास 70 ट्रिलियन रुपये से अधिक संपत्ति।
- गौतम अडानी (इंडिया) – ऊर्जा, लॉजिस्टिक और पोर्ट्स में निवेश, अब कुल मिलाकर 55 ट्रिलियन रुपये।
- ज़ांग युहैन (चीन) – टेक्नोलॉजी कंपनी एरियलटेक के संस्थापक, लगभग 45 ट्रिलियन रुपये की संपत्ति।
- मैकोन बेंग (सिंगापुर) – रियल एस्टेट और वित्तीय सेवाओं में भारी निवेश, लगभग 40 ट्रिलियन रुपये।
- हेइरोशी यामाबुकी (जापान) – ऑटोमोबाइल सप्लायर टोक्यो मोटर्स के सीईओ, 35 ट्रिलियन रुपये।
इन सभी ने अपनी कमाई में विविधता रखी है – कुछ औद्योगिक उत्पादन में, तो कुछ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और रियल एस्टेट में। यह दिखाता है कि एक ही क्षेत्र पर टिके रहने से नहीं, बल्कि कई क्षेत्रों में निवेश करने से भी बड़ा फायदा होता है।
धन बढ़ाने की मुख्य रणनीतियाँ
इन अरबपतियों के पास कुछ सामान्य कदम होते हैं जो उन्होंने अपनाए:
- लंबी अवधि का विज़न: अधिकांश निवेश कई सालों तक चलने वाले प्रोजेक्ट्स में किए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, अंबानी ने रिफाइनरी और पेट्रोकैमिकल को दीर्घकालिक आधार दिया जिससे उनका व्यवसाय स्थिर रहा।
- टेक्नोलॉजी का उपयोग: ज़ांग युहैन ने एरियलटेक में AI और बिग डेटा को जोड़ा, जिससे कम लागत पर अधिक ग्राहकों तक पहुंचा।
- विविधीकरण: अडानी समूह के पास ऊर्जा, लॉजिस्टिक, पोर्ट्स और एग्रीकल्चर सभी सेक्टर्स हैं। जब एक सेक्टर में मंदी आती है तो दूसरे से पूरक मिल जाता है।
- स्थानीय समझ और ग्लोबल नेटवर्क: बेंग ने सिंगापुर के वित्तीय हब को इस्तेमाल करते हुए दक्षिण एशिया में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स लांच किए, जिससे दोनों बाजारों का फ़ायदा मिला।
इन कदमों से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ बड़ी पूंजी नहीं, बल्कि सही दिशा और सतत योजना ही सफलता देती है।
आगे क्या?
एशिया में अब भी कई उभरते बाजार हैं – ई-कॉमर्स, क्लीन एनर्जी और हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी। यदि आप इस सूची में अगला नाम बनना चाहते हैं तो इन क्षेत्रों पर ध्यान देना फायदेमंद रहेगा। साथ ही, सरकारों के द्वारा शुरू किए जा रहे स्टार्ट‑अप इन्क्यूबेशन प्रोग्राम्स का लाभ उठाना चाहिए, क्योंकि वे अक्सर वित्तीय समर्थन और नेटवर्किंग अवसर देते हैं।
तो अगली बार जब आप एशिया के सबसे अमीर लोगों की बात सुनें, तो याद रखें कि उनका सफर सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि लगातार सीखना, जोखिम लेना और नई संभावनाओं को पकड़ने से बना है। आपके पास भी वही मौका है – बस सही रणनीति बनाएं और आगे बढ़ें।
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गौतम अदानी ने मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने
गौतम अदानी ने मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का स्थान प्राप्त किया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, अदानी की शुद्ध संपत्ति $111 बिलियन है, जबकि अंबानी की शुद्ध संपत्ति $109 बिलियन है। अदानी समूह के शेयरों में भारी वृद्धि के कारण यह परिवर्तन हुआ है, जिससे समूह का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 17.51 लाख करोड़ रुपये हो गया है।