यूनिस खान ने बाबर आज़म पर साधा निशाना, कहा विराट कोहली से सीखें पाकिस्तान के कप्तान

यूनिस खान ने बाबर आज़म पर साधा निशाना, कहा विराट कोहली से सीखें पाकिस्तान के कप्तान
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 17 सितंबर 2024 9 टिप्पणि

यूनिस खान की खुलकर आलोचना

पूर्व पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान यूनिस खान ने बीते दिनों अपनी बेबाक राय रखते हुए वर्तमान कप्तान बाबर आज़म की जमकर आलोचना की है। उनके अनुसार बाबर और टीम के अन्य शीर्ष खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत फायदों को टीम के लक्ष्यों पर प्राथमिकता देते हैं। यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब बाबर आज़म खुद अपने प्रदर्शन और नेतृत्व दोनों को लेकर सवालों के घेरे में हैं।

बाबर आज़म ने अपनी पिछली 16 टेस्ट पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है, और इस खराब फॉर्म के चलते उन्हें काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा है। यूनिस ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाड़ी बातचीत में सक्रिय होते हैं जबकि प्रदर्शन में पीछे रह जाते हैं।

विराट कोहली का उदाहरण

यूनिस खान ने बाबर को सलाह दी है कि वे भारतीय कप्तान विराट कोहली से सीखें और क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें। उनके मुताबिक, कोहली ने अपने शर्तों पर कप्तानी छोड़ी और इसके बाद उन्होंने विश्वभर में कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। यूनिस ने बताया कि कोहली ने देशहित को हमेशा अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों से ऊपर रखा और इसका ही परिणाम है कि वे इतने सफल हुए हैं।

यूनिस ने बाबर को फिटनेस और कड़ी मेहनत पर ध्यान देने की सलाह दी, यह बात बताते हुए कि ऐसे मौके बार बार नहीं आते। बाबर को कप्तान इसलिए बनाया गया था क्योंकि वे अपने समय के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी थे और उनसे बहुत उम्मीदें थीं।

सोशल मीडिया पर संयम

यूनिस खान ने खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर संयम बरतने की भी सलाह दी और कहा कि उनकी मैदान पर की गई परफॉरमेंस अपने आप बोलेगी। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के खिलाड़ियों को सोशल मीडिया से अपनी दूरी रखनी चाहिए और अपने प्रदर्शन से सबको जवाब देना चाहिए।'

कोचों का समर्थन

पाकिस्तान के राष्ट्रीय मुख्य कोच गैरी कर्स्टन और जैसन गिलेस्पी ने भी कप्तानी के फैसले को लेकर संयम बरतने की सलाह दी है। हाल की खराब प्रदर्शनों के बावजूद उन्होंने कहा है कि कप्तानी में बदलाव के इच्छुक निर्णय न करें।

याद दिला दें कि बाबर को 2023 के ODI विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद श्वेत गेंद प्रारूप की कप्तानी से हटा दिया गया था। उनके स्थान पर नियुक्त शाहीन शाह अफरीदी को भी एक श्रृंखला के बाद हटा दिया गया था। टेस्ट प्रारूप में भी बाबर के इस्तीफे के बाद शान मसूद को कप्तान बनाया गया था, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ 0-2 की श्रृंखला हार के बाद उनकी भी आलोचना हो रही है।

PCB का रुख

हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के एक सूत्र के मुताबिक, कप्तानी को लेकर कोई भी चर्चा नहीं की गई है और इस निर्णय को मुख्य कोचों और चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया गया है।

यूनिस खान की यह बेबाक राय और सुझाव पिछले कुछ समय से प्रदर्शन में गिरावट देख रहे पाकिस्तान क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। देखना यह होगा कि बाबर आज़म और टीम के खिलाड़ी यूनिस की इस सलाह को किस तरह से अपनाते हैं और इसका असर उनके आगामी प्रदर्शन पर कैसे पड़ता है।

9 टिप्पणि

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    Anshul Singhal

    सितंबर 17, 2024 AT 08:00

    यूनिस खान की बात सुनकर लगता है कि क्रिकेट सिर्फ मैदान नहीं, बल्कि एक सामाजिक प्रयोग है। उनका मानना है कि कप्तानी का दायित्व व्यक्तिगत शोहरत से बढ़कर है। उन्होंने बबर आज़म को बताया कि टीम के हित का पहला स्थान होना चाहिए। फिटनेस, अनुशासन और कठोर परिश्रम को प्राथमिकता देना जरूरी है। विराट कोहली की शैली को अपनाने से आध्यात्मिक नेतृत्व का उदाहरण मिल सकता है। कोहली ने अपने करियर में कई बार अपने व्यक्तित्व को टीम के ऊपर रखा है। इससे बबर को यह समझना चाहिए कि व्यक्तिगत आँकड़े नहीं, बल्कि टीम का कलेक्टिव प्रदर्शन मायने रखता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की शोर से दूर रहना चाहिए, क्योंकि असली आवाज़ मैदान में आती है। बबर की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए यह सलाह समय पर लगती है। यदि वह इन बिंदुओं को गंभीरता से अपनाएगा तो भविष्य में बेहतर परिणाम देखना संभव है। इसके अलावा, कोचों के साथ मिलकर रणनीति बनाना भी आवश्यक है। खिलाड़ी अपनी व्यक्तिगत रियायतों को पीछे छोड़कर टीम लक्ष्य पर ध्यान दें। इस विचारधारा को अपनाने से पाकिस्तान क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जाया जा सकता है। अंत में, यूनिस ने कहा कि असली नेतृत्व वह है जो चुनौती के समय में स्थिर रहता है। इस संदेश को समझना और लागू करना सभी के लिए फायदेमंद रहेगा।

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    DEBAJIT ADHIKARY

    सितंबर 17, 2024 AT 21:54

    आपके विचार में टीम के व्यक्तिगत हितों को पीछे छोड़ना आवश्यक है। यह दृष्टिकोण क्रिकेट के इतिहास में कई बार सिद्ध हुआ है। हालांकि, इसे लागू करने में व्यवस्थित योजना की जरूरत होती है। अधिकारियों को भी इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने चाहिए। अंततः, सामूहिक सफलता ही सर्वोपरि है।

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    abhay sharma

    सितंबर 18, 2024 AT 06:14

    ओह यूनिस की राय सुनकर सबको किनारा मिल गया हाँ बस यही चाहिए। बबर की बिनस्टॉप आलोचना से ही सबकी उम्मीदें नई उड़ान भरेंगी।

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    Abhishek Sachdeva

    सितंबर 18, 2024 AT 22:54

    यूनिस की टिप्स सुनकर लगता है कि बस शब्दों में ही नहीं, कार्रवाई में भी उतरना चाहिए। बबर आज़म को चाहिए कि वह अपनी खुद की सीमा को पहचानें और उसे पार करें। फिटनेस की कमी को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता, यह खेल का मूल नियम है। टीम को व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठाना हर कप्तान की जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया पर कम बोलना और मैदान में अधिक मेहनत करना ही एकमात्र समाधान है। अगर कोहली का मॉडल अपनाया जाए तो नेतृत्व में सुधार स्पष्ट दिखेगा। PCB को चाहिए कि वह इस सलाह को रणनीति में शामिल करे। अन्यथा, निरंतर गिरावट ही आगे का रास्ता रहेगा।

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    Janki Mistry

    सितंबर 19, 2024 AT 10:00

    डेटा-ड्रिवेन एनालिटिक्स से बबर के परफॉर्मेंस मैट्रिक्स में सुधार संभव है।

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    Akshay Vats

    सितंबर 19, 2024 AT 19:44

    यूनिस की सलाह में बहुत सच्चाई है पर कुछ बिंदु छूट गये हैं। सबसे पहले बबर को अपनी मेन्टल स्ट्रेन्थ पर काम करना चाहिए। दूसरा, कोहली का फॉर्म सिर्फ़ टैक्टिकल नहीं, बल्कि माइंडसेट भी है। यह बात कोचों को भी समझनी चाहिए। तीसरा, टीम में इंटर्नल कम्युनिकेशन को सुदृढ़ करना जरूरी है। अंत में, PCB को फैसलों में जल्दीबाज़ी नहीं करनी चाहिए।

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    Anusree Nair

    सितंबर 20, 2024 AT 08:14

    क्रिकेट सिर्फ़ खेल नहीं, लोगों को जोड़ने का जरिया भी है। यूनिस की बात को समझते हुए हमें बबर को सकारात्मक दिशा दिखानी चाहिए। टीम में एकता और सहयोग को बढ़ावा देना सबसे अधिक असर देगा। फिटनेस और डिसिप्लिन दोनों को समान महत्व देना चाहिए। सोशल मीडिया से दूर रहकर मैदान में अपना काम करना सबसे अच्छा रहेगा। इस तरह की सोच से पाकिस्तान क्रिकेट फिर से उछाल लेगा।

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    Bhavna Joshi

    सितंबर 20, 2024 AT 18:47

    यूनिस ने जिस जियोपॉलिटिकल फ्रेमवर्क का उल्लेख किया वह वास्तव में कप्तान की निर्णय क्षमता को परिभाषित करता है। बबर को चाहिए कि वह स्ट्रैटेजिक थिंकिंग को अपनी लीडरशिप में इंटीग्रेट करे। इस प्रक्रिया में इंडिविजुअल पर्फॉर्मेंस सेंट्रिक माइंडसेट को कम करके टीम-ओरिएंटेड एप्रोच अपनाए। इससे न केवल मैच रेज़ल्ट्स में सुधार होगा बल्कि फैन एंगेजमेंट भी बढ़ेगा। अंततः, यह संपूर्ण इकोसिस्टम को सस्टेनेबल बनाता है।

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    Ashwini Belliganoor

    सितंबर 21, 2024 AT 03:40

    उल्लेखित मुद्दे पर गहरी चर्चा की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान में यह टिप्पणी बहुत ही सतही लगती है।

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