डायवाली – रोशनी, पूजा और उमंग का त्योहार
जब डायवाली, हिंदुओं का पाँच‑दिनों का प्रकाश‑उत्सव है जो अंधकार पर प्रकाश की जीत को दर्शाता है. इसे अंधकार‑विजय के नाम से भी जाना जाता है, और अक्सर दीपावली कहा जाता है। यह त्योहार परिवार, मित्र और समाज को साथ लाता है, और हर साल कई तरह की खबरें, विश्लेषण और रोचक तथ्य लेकर आता है।
डायवाली रौशनी से घिरा रहता है। रौशनी, दीप, लाइटिंग और आतिशबाज़ी के रूप में मनाई जाती है का महत्व इस बात में है कि अंधेरे को दूर करने के लिए दीपक जलाई जाती है। इसीलिए हर घर पर मिट्टी के दीप, एलईडी लैंप और सजावट के लिए रंग‑बिरंगी लाइट्स लगाई जाती हैं। दीपक की रौशनी न केवल धार्मिक मान्यताओं को साकार करती है, बल्कि वातावरण को भी गर्म और स्वागतयोग्य बनाती है। यही कारण है कि कई समाचार लेखों में रौशनी के नए ट्रेंड और सुरक्षा उपायों को विशेष रूप से बताया जाता है।
डायवाली की पूजा और परम्पराएँ
पूरा उत्सव पूजा, लक्ष्मी‑गणेश अथवा परम्परागत घर की दीपावली पूजा से शुरू होता है। घर में सफ़ाई, रंगोली बनाना और देवी लक्ष्मी की आरती करके धन‑सम्पदा की कामना की जाती है। इस पूजा में विशेष दान‑पान, फलों और मिठाई का वितरण भी शामिल है। आजकल डिजिटल युग में ऑनलाइन पूजा सेवाएँ और मोबाइल ऐप‑आधारित रिमाइंडर भी लोकप्रिय हो रहे हैं, जिससे युवा वर्ग भी आसानी से भाग लेता है। कई लेख बताते हैं कि कैसे आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पूजा का मेल इस त्योहारी माहौल को और भी समृद्ध बनाता है।
डायवाली के साथ मिठाई का अनुपालन भी अनिवार्य है। मिठाई, सेवइयाँ, लड्डू, फरन और अन्य नाश्ते केवल स्वाद के लिए नहीं, बल्कि खुशियों को बाँटने का प्रतीक हैं। कई शहरों में विशेष मिठाई की दुकानें सीमित समय के लिए नए वैरायटी लॉन्च करती हैं, और इस पहल को समाचार में अक्सर उजागर किया जाता है। यह दिखाता है कि मिठाई की विविधता और घर‑घर में बनी रेसिपी कैसे एक सामाजिक लिंक बनती हैं।
फटाके और पटाखे, यानी फटाके, भी डायवाली का अभिन्न हिस्सा हैं। फटाका, पेट्रोल, स्टिक और लाइटिंग उपकरण जो ध्वनि और रोशनी उत्पन्न करते हैं का प्रयोग उत्सव के शिखर को दर्शाता है, लेकिन सुरक्षा के कारण इनका उपयोग सीमित हो रहा है। सुरक्षा दिशा‑निर्देश, पर्यावरण‑सुरक्षा और सरकारी नियमों को लेकर कई रिपोर्टें इस पर प्रकाश डालती हैं, जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके।
इन सारी तत्वों के बीच डायवाली का मुख्य संदेश है – सकारात्मकता और आशा की रोशनी फैलाना। यही कारण है कि हम यहाँ कई प्रकार की खबरें एकत्रित कर रहे हैं: खेल, व्यापार, सामाजिक पहल और सांस्कृतिक कार्यक्रम, सभी में डायवाली के प्रभाव को देख सकते हैं। नीचे दी गई सूची में आप पढ़ेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में इस त्योहार ने बदलाव लाया, किस तरह से नई तकनीक ने पूजा को सरल बनाया, और कौन‑से व्यापारिक अवसर उत्सव के साथ आए।
आगे चलकर आप इन लेखों में देखें कि किस तरह से विविध क्षेत्रों में डायवाली ने अपनी छाप छोड़ी – चाहे वह क्रिकेट मैदान हो या वित्तीय बाजार। इस संग्रह को पढ़कर आपको त्योहार की पूरी पैमाना समझ आ जाएगी और आप अपना दीया जलाते समय नई जानकारी पर भी गर्व महसूस करेंगे।
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