जब डायवाली मुहूर्त ट्रेडिंगमुंबई शुरू हुआ, भारतीय शेयर बाजार ने इतिहास रची। Sensex ने 84,656.56 का इंट्राडे हाई बनाया, अंत में 84,363 पर बंद हुआ, जबकि Bank Nifty ने 58,261.55 का रिकॉर्ड हाई छुआ। Nifty 50 भी 25,926 तक पहुँच कर 25,843 पर क्लोज़ हुआ। यह चौथे लगातार बुलिश दिन की निशानी था, और निवेशकों के चेहरे पर उत्साह की लकीरें साफ़ दिख रही थीं।
डायवाली मुहूर्त ट्रेडिंग की पृष्ठभूमि
डायवाली के पहले ट्रेडिंग दिन को भारतीय बाजार में हमेशा खास माना जाता है। पिछले दशक में, Nifty 50 ने इस दिन 80 % बार ऊपर बंद किया है, औसत लाभ लगभग 0.5 % रहा। इस साल भी वही परिदृश्य दोहराया गया, लेकिन बढ़त की गति पहले से कहीं तेज़ थी।
उछाल के प्रमुख कारण
आर्थिक टाइम्स ने इस रैली के आठ मूल कारणों को उजागर किया। नीचे मुख्य बिंदुओं की सूची है:
- विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का बड़े पैमाने पर शेयर खरीदना – 7 Oct से 14 Oct 2025 तक शुद्ध ₹3,000 करोड़।
- अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट, जिससे वैश्विक लिक्विडिटी सस्ते दरों पर उपलब्ध हुई।
- भारतीय रुपये की मजबूती, जिसने विदेशी पूंजी को आकर्षित किया।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज़, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े कंपनियों की तिमाही कमाई में सुधार।
- इतिहासिक मुहूर्त ट्रेंड जो अक्सर सकारात्मक मोमेंटम देता है।
- 14‑दिन का RSI 69 पर, जो तेज़ गति का संकेत देता है।
- मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले की साप्ताहिक रैली, जिसने अतिरिक्त भरोसा दिलाया।
- तकनीकी ब्रेकआउट – गिरते रेजिस्टेंस ट्रेंडलाइन और जून स्विंग हाई से ऊपर का क्लोज़।
विशेषज्ञों की राय
Anand James, Chief Market Strategist Geojit Investments ने कहा, "Nifty 50 अब 26,000 की सीमा के नज़दीक पहुँच रहा है, और मुहूर्त ट्रेडिंग के ऐतिहासिक डेटा इसे और भी भरोसेमंद बनाते हैं।" उनका अनुमान है कि अगले कुछ हफ्तों में यदि इंडेक्स 25,740 के बायनरी गैप के ऊपर टिकता रहा, तो 26,300‑26,500 की नई ऊँचाई संभव है।
दूसरी ओर, Ruchit Jain, Vice President – Technical Research Motilal Oswal Financial Services ने बताया, "तीन‑दिन की निरंतर रैली के बाद Nifty 50 ने गिरते रेजिस्टेंस को तोड़ दिया है, और अब 25,740 के नीचे का समर्थन 25,500 पर है। अगर यह स्तर टूटता नहीं, तो अगले महीने 26,000‑26,300 की रेंज लक्ष्य बन सकती है।"
सेक्टर्स और प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 2,108 शेयर ऊपर और 1,835 नीचे रहे। राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 15 सेगमेंट में से 11 ने भी बढ़त दर्ज की। कुछ प्रमुख सेगमेंट की झलक:
- PSU Bank इंडेक्स +2.6 % – सरकारी बैंकों में प्रवाह स्पष्ट।
- Oil & Gas, Private Bank, Pharma, IT, Realty और अन्य सभी 0.5‑1.4 % के बीच रैलियां दर्ज कीं।
सबसे बड़ी स्टॉक्स में Reliance Industries ने 1.8 % की बढ़त दिखाई, जो उनके Q2‑FY 25‑26 के ₹18,165 करोड़ नेट प्रॉफिट (10 % YoY) से जुड़ी है। HDFC Bank और State Bank of India भी बैंकरों की तेज़ खरीदारी से लाभान्वित हुए। दूसरी ओर, ICICI Bank और Ultratech Cement जैसी कंपनियों में मामूली गिरावट देखी गई।
आगे का रास्ता और संभावित जोखिम
सत्र के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर रूसी तेल आयात पर बड़े टैरिफ लगाने का इशारा किया। यह खबर बाजार में हल्की झजक़ी का कारण बनी, पर बुलिश ट्रेंड को नहीं तोड़ पाई। यदि अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक नीति में अधिक स्थिरता आती है और यूरो‑डॉलर यील्ड्स में और कमी आती है, तो भारतीय बाजार के लिए “क्लीन बैकड्रॉप” बन सकता है।
वहीं, अगर विदेशी फंड्स की रिवर्सल फिर से तेज़ी से शुरू हो जाती है, तो Nifty 50 को 25,500‑25,600 के समर्थन स्तर पर वापस नीचे झुकना पड़ सकता है। लेकिन वर्तमान तकनीकी संकेतक और मुहूर्त ट्रेडिंग की ऐतिहासिक गतिकी के अनुसार, बाजार का रुझान अगले दो‑तीन हफ्तों में भी बुलिश रहने की संभावना है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डायवाली मुहूर्त ट्रेडिंग का भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ता है?
इतिहासिक तौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले के सप्ताह में यदि बाजार में सकारात्मक रुझान रहता है, तो Nifty 50 ने पिछले 10 साल में 80 % बार रिस्ट्रेट के बाद ऊँचा बंद किया है, औसत लाभ 0.5 % रहा है। इस साल भी यही परिदृश्य देखा गया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और फंड फ्लो में इजाफ़ा हुआ।
Bank Nifty के रिकॉर्ड हाई के पीछे कौन‑से कारक हैं?
मुख्य कारणों में FIIs की बड़ी खरीद, यू.एस. बॉन्ड यील्ड में गिरावट, रुपए की मजबूती और प्रमुख बैंकों की तिमाही कमाई शामिल हैं। तकनीकी तौर पर, गिरते रेजिस्टेंस ट्रेंडलाइन और जून स्विंग हाई से ऊपर का क्लोज़ भी बहुत महत्वपूर्ण रहा।
क्या Nifty 50 26,000 पॉइंट को पार कर पाएगा?
विशेषज्ञों का मानना है यदि इंडेक्स 25,740 के बायनरी गैप के ऊपर टिकता रहा, तो अगले महीने 26,000‑26,300 के लक्ष्य पर पहुंचना संभव है। समर्थन स्तर 25,500 पर है, इसलिए नीचे का जोखिम सीमित है।
विदेशी निवेशकों की शुद्ध खरीद कितनी है?
7 Oct‑14 Oct 2025 के दौरान FIIs ने शुद्ध ₹3,000 करोड़ की खरीद की, जबकि अक्टूबर के पहले दो हफ़्तों में कुल नेट फ्लो ₹6,480 करोड़ रहा। यह मई‑जुलाई के भारी आउटफ़्लो से स्पष्ट सुधार दर्शाता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की तिमाही कमाई कैसी रही?
Q2‑FY 25‑26 में रिलायंस ने ₹18,165 करोड़ का कॉन्सॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट रिपोर्ट किया, जो पिछले वर्ष के समान अवधि की ₹16,563 करोड़ से 10 % अधिक है। यह बेहतर मार्जिन और रिफाइनरी संचालन की मजबूत प्रदर्शन के कारण हुआ।
Chandra Soni
अक्तूबर 20, 2025 AT 22:58डायवाली मुहूर्त ट्रेडिंग की धूप में बाज़ार ने जबरदस्त बुलिश सिग्नल दिखाया।
Bank Nifty ने 58,261.55 का सर्वकालिक हाई छू लिया, जिससे क्रेडिट स्प्रेड्स में भी तीव्रता आई।
Sensex ने इंट्राडे में 84,656.56 तक पहुंच बनाया, जो इतिहास में दुर्लभ घटना है।
मुख्य ड्राइवर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारी खरीदारी रही, जो 3,000 करोड़ रुपये की शुद्ध प्रवाह दिखा रही है।
यूएस बॉन्ड यील्ड में गिरावट ने ग्लोबल कैश फ्लो को भारत की ओर मोड़ दिया।
रुपे की मजबूती ने अतिरिक्त विदेशी पूंजी को आकर्षित किया।
बैंकों की तिमाही कमाई में सुधार ने संस्थागत फंड को भरोसा दिलाया।
तकनीकी चार्ट में गिरते रेजिस्टेंस ट्रेंडलाइन का ब्रेकआउट एक क्लासिक ब्रीकआउट पैटर्न दर्शाता है।
RSI 69 पर होने के कारण मार्केट में ओवरबॉट संकेत भी नज़र आ रहा है, पर इस मोमेंटम को पकड़ना आवश्यक है।
पिछले चार ट्रेडिंग दिवसों में लगातार ऊपर बंद होना एक मजबूत अपट्रेंड की पुष्टि करता है।
निवेशकों को अब छोटे-छोटे एंट्री पॉइंट्स ढूंढने चाहिए, क्योंकि अल्पकालिक रिट्रेस्मेंट संभव है।
हेज फंड्स को इस अवसर पर पोर्टफोलियो रोटेशन का विचार करना चाहिए, ताकि रिटर्न मैक्सिमाइज़ हो सके।
अगर अगले दो‑तीन हफ़्तों में विदेशी फंड्स की इनफ़्लो बनी रही, तो Nifty 26,300‑26,500 की रेंज सुरक्षित कर सकता है।
हालाँकि, यदि अचानक जियो‑पॉलिटिकल जोखिम बढ़ते हैं, तो बाजार में एक छोटा कंडेंसेशन हो सकता है।
कुल मिलाकर, वर्तमान बाज़ार संरचना और मौद्रिक नीति का समर्थन देखते हुए, बुलिश ट्रेंड जारी रहने की संभावना अधिक है।