भारत सेवाश्रम संघ – क्या है और क्यों महत्त्वपूर्ण?

अगर आप सामाजिक काम में रुचि रखते हैं तो "भारत सेवाश्रम संघ" नाम सुनकर आपका दिमाग थोड़ा गड़बड़ा सकता है। असल में यह एक राष्ट्रीय मंच है जो विभिन्न क्षेत्रों के स्वयंसेवकों को जोड़ता है, ताकि जरूरतमंदों तक मदद जल्दी पहुँचे। यहाँ हम समझेंगे कि इस संघ की मुख्य गतिविधियाँ क्या हैं और आप कैसे जुड़ सकते हैं।

मुख्य कार्यक्रम और पहल

संघ हर साल कई बड़े दान‑कार्यक्रम आयोजित करता है, जैसे ग्रामीण स्कूलों में पुस्तक वितरण, शरणार्थियों के लिये खाद्य पैकेट, और स्वास्थ्य कैंप। पिछले महीने उन्होंने उत्तराखंड में बाढ़ से प्रभावित गांवों को 5,000 किट्स भेजे थे – ये आंकड़े दर्शाते हैं कि स्थानीय स्तर पर कैसे काम किया जा रहा है।

एक और दिलचस्प पहल है "सहयोगी स्वच्छता अभियान" जिसमें युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे अपने मोहल्लों में साफ‑सफाई बनाए रखें। इस तरह छोटे‑छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव का हिस्सा बनते हैं।

कैसे जुड़ें?

अगर आप भी योगदान देना चाहते हैं तो सबसे आसान तरीका वेबसाइट पर जाकर सदस्यता फॉर्म भरना है। कुछ घंटे की समयसारिणी तय करके आप स्थानीय कार्यक्रमों में हाथ बंटा सकते हैं। कई बार संघ ऑनलाइन वॉलंटियर ट्रेनिंग भी देता है, जिससे घर से ही सीख कर आप मददगार बन सकते हैं।

ध्यान रखें – आपको बड़े बजट या विशेष योग्यता की जरूरत नहीं होती। छोटा‑छोटा समय और इच्छाशक्ति पर्याप्त है। अगर आपके पास कोई वस्तु दान करने को है, तो बस उनका "डोनेशन बॉक्स" देख लें; अक्सर वे स्कूल, अस्पताल या वृद्धाश्रम में सीधे पहुँचाते हैं।

समाप्ति नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की तरह सोचें इस संघ के साथ जुड़ना। आप सिर्फ मदद नहीं कर रहे, बल्कि सामाजिक नेटवर्क का हिस्सा बनकर अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं। तो देर किस बात की? आज ही "भारत सेवाश्रम संघ" की वेबसाइट पर जाएँ और अपना पहला कदम उठाएँ।

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भारत सेवाश्रम संघ के संत ने ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा, 48 घंटे में माफी की मांग
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 21 मई 2024 0 टिप्पणि

भारत सेवाश्रम संघ के संत ने ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा, 48 घंटे में माफी की मांग

भारत सेवाश्रम संघ के संत स्वामी प्रदीप्तानंद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों पर बिना शर्त माफी मांगने और 48 घंटे के भीतर वापस लेने की मांग की गई है।