पेरिस ओलंपिक 2024: रामिता जिंदल की सफलता, एलावेनिल का दिल टूट गया महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग क्वालीफायर में

पेरिस ओलंपिक 2024: रामिता जिंदल की सफलता, एलावेनिल का दिल टूट गया महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग क्वालीफायर में
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 28 जुलाई 2024 5 टिप्पणि

पेरिस ओलंपिक 2024: भारतीय निशानेबाजी में मिश्रित भावनाएं

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय महिला निशानेबाजों के लिए यह एक विषम दिन रहा। एक ओर रामिता जिंदल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में अपनी जगह पक्की की, वहीं दूसरी ओर, एलावेनिल वालारिवन ने अपने आखिरी शॉट के दौरान निराशाजनक रूप से मौका गंवा दिया। यह दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए उत्साह और निराशा दोनों का परिदृश्य लेकर आया।

रामिता जिंदल का उत्कृष्ट प्रदर्शन

रामिता जिंदल ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग क्वालीफायर में अपनी उत्कृष्ट निशानेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 631.5 अंकों के साथ पांचवां स्थान हासिल किया। यह उनके लिए एक शानदार वापसी थी, खासकर तब, जब उन्होंने इससे पहले मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल क्वालीफायर में अर्जुन बाबूता के साथ केवल एक अंक से हार का सामना किया था। उनकी इस जीत ने उन्हें न केवल व्यक्तिगत मुकाबले में आगे बढ़ने की खुशी दी, बल्कि उनके समर्थकों के लिए भी गर्व का क्षण साबित हुआ।

एलावेनिल वालारिवन का दिल टूटना

वहीं दूसरी ओर, एलावेनिल वालारिवन के लिए यह दिन निराशाजनक रहा। 59वें बुलेट पर उनके द्वारा किया गया 9.8 शॉट उन्हें शीर्ष 8 में जगह बनाने से रोक दिया। वह 10वें स्थान पर खिसक गईं और उनका ओलंपिक सपना टूट गया। अंतिम क्षणों में इस तरह से बाहर होना किसी भी एथलीट के लिए संवेदनशील होता है और एलावेनिल ने भी इस कठिनाई का सामना किया।

भविष्य की रणनीति

अब रामिता जिंदल के सामने मेडल राउंड का चैलेंज है, जो 29 जुलाई को दोपहर 1 बजे IST पर खेला जाएगा। उनके प्रदर्शन से भारतीय खेल प्रेमियों को बड़ी उम्मीदें हैं। भारतीय ओलंपिक टीम अब उनके इस मौके को सफल बनाने के लिए जुटेगी।

बाकी खेलों की स्थिति

निशानेबाजी के अलावा, भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने भी अपने ग्रुप स्टेज मैच में शानदार शुरुआत की है। उनके मजबूत प्रदर्शन ने भारतीय दल को और हौसला दिया है। ओलंपिक के दौरान अन्य भारतीय एथलीट भी अपने-अपने मुकाबलों में जुटे हुए हैं और देश भर के लोग उनके अच्छे प्रदर्शन की कामना कर रहे हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल का प्रदर्शन पर ध्यान देना दिलचस्प रहेगा। यह खेल आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक चलेगा और विभिन्न इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा जारी रहेगी। भारतीय एथलीट्स की तैयारियां पहले ही चरम पर हैं, और हम आशा करते हैं कि वे अपने-अपने मुकाबलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।

5 टिप्पणि

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    guneet kaur

    जुलाई 28, 2024 AT 19:43

    रामिता जिंदल की क्वालिफ़ायर में पांचवाँ स्थान तो ठीक है, लेकिन असली प्री‑ऑलम्पिक टाइम्स से तुलना करे तो उनका स्कोर थोड़ा औसत लग रहा है। वह सिर्फ़ एक अंक से अर्जुन बाबूता को हरा पाई, जिससे लगता है कि उनकी फ़ॉर्म के साथ कमी है। वह सिर्फ़ एक अंक से अर्जुन बाबूता को हरा पाई, जिससे लगता है कि उनकी फ़ॉर्म के साथ कमी है। एलावेनिल की गलती को इतना ज़ोर देना भी अस्थायी तथ्य को बढ़ा‑चढ़ा कर पेश करता है। भारतीय निशानेबाजी को अब बुनियादी तकनीकी सुधारों की ज़रूरत है, न कि एक‑एक शॉट पर सिलेब्रेट करने की। कुल मिलाकर, हमें प्रदर्शन के पीछे की आँकड़ों को देख कर ही राय बनानी चाहिए।

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    PRITAM DEB

    जुलाई 28, 2024 AT 19:53

    वह चाहें तो अगली राउंड में मेडल जीत सकती है।

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    Saurabh Sharma

    जुलाई 28, 2024 AT 20:03

    पहले तो यह स्पष्ट है कि 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में ट्रिगर टाइमिंग और एरोडायनामिक स्थिरता प्रमुख पैरामीटर होते हैं। रामिता का 631.5 का स्कोर कई वैरिएबल फ़ैक्टर्स को इंटीग्रेट करके आया है। उनमें शॉट ग्रुपिंग, न्यूनतम ट्रांज़िशन ड्रैफ़्ट और स्थिर हाउज़िंग पोस्टुर एरर का सम्मिलन देखा गया। उसके पिछले क्वालिफ़ायर में 0.2 सेकंड की लेटेंसी से डिक्रीमेंट हुआ था। एलावेनिल के 9.8 शॉट में बुलेट वैरिएंस और एंगुलर मोमेंटम का एरर प्रमुख था। इस प्रकार दोनों एथलीट्स के डाटा सेट में माइक्रो‑जिटर और रेफ़्रैक्टिव इंडेक्स में अंतर पाया गया। भारतीय टीम ने भी टार्गेट रेफरेंस मेट्रिक को पुनः कैलिब्रेट किया है। आगामी मेडल राउंड में शॉट‑सिलेक्टिविटी मॉड्यूल को ऑप्टिमाइज़ किया जाना चाहिए। एनालिटिकल सिमुलेशन से पता चलता है कि 0.3% पॉज़िशनल एरर को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा वॉटर‑सेंडिंग प्रोटोकॉल की इम्प्लीमेंटेशन से रेफ्लेक्टिव लाइटकोन्ट्रास्ट को स्थिर किया जा सकता है। ट्रेनिंग सत्र में बायो‑फीडबैक लूप को एम्बेड करने से माइंड‑फ़ोकस में वृद्धि होगी। इन सुधारों को इंटीग्रेट करने पर स्कोर में संभावित दो अंकों की वृद्धि हो सकती है। कोचेज़ ने भी बताया कि शॉट‑टाइम इंटेंसिटी को माइक्रो‑सेकंड लेवल पर मॉनिटर करना आवश्यक है। खिलाड़ी की फिजिकल कंडिशनिंग और एरोबिक कैपैसिटी भी परिणाम को प्रभावित करती है। इसलिए कुल मिलाकर, डेटा‑ड्रिवेन अप्रोच को अपनाने से भारतीय निशानेबाजी का ग्लोबल कंपिटिटिव एज़ाइलिटी बढ़ेगा। अंततः, निरंतर वैलिडेशन और रियल‑टाइम बायो‑इन्फॉर्मेटिक्स को सेल्फ‑एडजस्टमेंट लूप में सम्मिलित किया जाए तो सफलता की संभावना बहुत अधिक होगी।

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    Suresh Dahal

    जुलाई 28, 2024 AT 20:16

    आधिकारिक तौर पर रामिता जिंदल के इस प्रदर्शन को देखकर हमें भारतीय निशानेबाजी के भविष्य पर गर्व होता है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि दृढ़ संकल्प और निरंतर अभ्यास से अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा संभव है। भारतीय ओलंपिक समिति भी इस सफलतापूर्ण कदम को समर्थन सहित आवश्यक संसाधन प्रदान कर रही है। हम सभी को आशा है कि वह अगले चरण में और अधिक उत्कृष्टता प्राप्त करेंगी।

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    Krina Jain

    जुलाई 28, 2024 AT 20:26

    बहुत अच्छा है आज का अपडेट क्षमा करो typo रहेगा पर एथलीट्स को सुपोर्ट चाहिए

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