तमिलनाडु के काल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 58 हो चुकी है। इस घटना से प्रदेश में हड़कंप मच गया है और लोग भयभीत हैं। इस त्रासदी में 156 लोग अभी भी अस्पताल में हैं और उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर लगातार इन मरीजों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए SP शांताराम के नेतृत्व में तमिलनाडु सीबी-सिड ने जांच शुरू कर दी है। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनसे पूछताछ जारी है। जांच में पता चला है कि यह जहरीली शराब महज एक क्षेत्र में नहीं बल्कि कई इलाकों में बिक रही थी। यही कारण है कि मृतकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों का संबंध किसी बड़े शराब माफिया गिरोह से हो सकता है, जिसने इस जहरीली शराब का उत्पादन और वितरण किया था। मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस और सीबी-सिड की टीमें संयुक्त रूप से काम कर रही हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने घोषणा की है कि जिन बच्चों ने इस हादसे में अपने माता-पिता खो दिए हैं, उनके शिक्षा और होस्टल के खर्चे राज्य सरकार उठाएगी। इसके अलावा, ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए और उन्होंने जांच को निष्पक्ष और तेजी से पूरा करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस ऐलान से पीड़ित परिवारों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन वे अभी भी सदमे में हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इस घटना को लेकर विपक्षी AIADMK पार्टी ने भी राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। AIADMK नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है और उनकी लापरवाही के कारण ही इतनी बड़ी त्रासदी हुई है।
इसके अलावा, BJP ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। तमिलनाडु राज्य के BJP अध्यक्ष के अन्नामलाई ने राज्यपाल रवि से मुलाकात कर इस घटना की CBI जांच की मांग की है। BJP का कहना है कि राज्य की पुलिस और सीबी-सिड पर भरोसा नहीं किया जा सकता और मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।
BJP के प्रमुख जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस त्रासदी पर कांग्रेस नेतृत्व मौन है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस मामले पर लिखित में पत्र भेजा है और प्रतिक्रिया मांगी है।
इस पूरे घटनाक्रम ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है। राज्य सरकार को जहां आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं विपक्ष और अन्य पार्टियां इस मुद्दे को लेकर तल्ख रुख अपना रही हैं।
कुल मिलाकर, इस जहरीली शराब त्रासदी ने न केवल तमिलनाडु को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे देश का ध्यान भी इस ओर आकर्षित किया है। अब यह देखना बाकी है कि यह मामला किस दिशा में जाता है और क्या वाकई दोषियों को सजा मिल पाती है या नहीं।
इस घटना के बाद भविष्य में भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी खतरनाक और जहरीली चीजें बाजार में न पहुंचे और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ न किया जाए। समाज के हर वर्ग को इस दिशा में जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि कोई भी ऐसी त्रासदी का शिकार न हो सके।