20वीं किस्‍त: क्या है और क्यों महत्त्वपूर्ण?

जब आप लोन या EMI की बात करते हैं, तो "20वीं किस्त" अक्सर सुनाई देती है। लेकिन इसका असल मतलब क्या होता है? आसान भाषा में कहें तो यह आपका बीसवा भुगतान चक्र है – चाहे वह गृह‑ऋण हो या कार का फाइनेंस। इस चरण पर ब्याज और मूलधन दोनों के साथ-साथ अतिरिक्त चार्ज भी जुड़ सकते हैं, इसलिए समझदारी से योजना बनानी चाहिए.

बैंकों की नई नीतियाँ

1 अगस्त 2025 से UPI लेन‑देनों में कड़ी सख्ती आ रही है। इसका असर सीधे आपके EMI पेमेंट्स पर पड़ेगा – अब ट्रांजेक्शन लिमिट कम और वैरिफ़िकेशन प्रोसेस तेज होगा। साथ ही PNB ने KYC डेडलाइन तय कर दी, तो देर से जमा करने वाले ग्राहकों को दण्ड का सामना करना पड़ सकता है.

अगर आप अभी 20वीं किस्त के करीब हैं, तो अपने बैंक की नयी सूचनाओं को फॉलो करें और पेमेंट मोड अपडेट रखें। इससे लेट फ़ी या असुविधा से बचा जा सकेगा.

शेयर मार्केट में 20वीँ किस्‍त का असर

बाजार के माहौल को समझते समय कई निवेशक अपने पोर्टफ़ोलियो की "किस्त" देख कर निर्णय लेते हैं। उदाहरण के तौर पर, 19 अक्टूबर 1987 की ब्लैक मंडे गिरावट ने दिखाया कि एक ही दिन में 22% गिरना कितना भयावह हो सकता है। आज भी जब ट्रेडिंग एल्गोरिद्म और सेंट्रल बैंकों की तरलता बढ़ी है, फिर भी अल्पकालिक उतार‑चढ़ाव का जोखिम बना रहता है.

यदि आपका लोन या कर्ज़ शेयर मार्केट से जुड़ा हुआ है, तो 20वीं किस्त के समय बाजार में किसी बड़े बदलाव (जैसे ट्रम्प टैरिफ) को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। इस चरण पर पोर्टफ़ोलियो री‑बैलेंसमेंट करके जोखिम कम किया जा सकता है.

संक्षेप में, चाहे आप लोन का भुगतान कर रहे हों या निवेश की योजना बना रहे हों, 20वीं किस्त एक महत्वपूर्ण मोड़ होती है. नई बैंकिंग नीतियों को समझें, बाजार के संकेतों पर नजर रखें और समय‑समय पर अपने वित्तीय लक्ष्य अपडेट करें। इस तरह आप अपनी आर्थिक राह में स्थिरता बनाए रख पाएँगे.

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PM-Kisan योजना: 20वीं किस्त जल्द, जानें किसानों के लिए जरूरी बातें और प्रक्रिया
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 19 जुलाई 2025 0 टिप्पणि

PM-Kisan योजना: 20वीं किस्त जल्द, जानें किसानों के लिए जरूरी बातें और प्रक्रिया

PM-Kisan योजना की 20वीं किस्त के लिए करोड़ों किसान इंतजार कर रहे हैं। किस्त जुलाई 2025 में आने की संभावना है। पात्र किसानों के खाते में ₹2,000 जमा होंगे, इसके लिए eKYC व आधार लिंकिंग जरूरी है। किस्त स्थिति ऑनलाइन पोर्टल से चेक की जा सकती है।