1 अगस्त से बदलेंगे वित्तीय नियम: UPI ट्रांजेक्शन की सख्ती, PNB KYC डेडलाइन और SBI कार्ड में बदलाव

1 अगस्त से बदलेंगे वित्तीय नियम: UPI ट्रांजेक्शन की सख्ती, PNB KYC डेडलाइन और SBI कार्ड में बदलाव
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 2 अगस्त 2025 0 टिप्पणि

1 अगस्त 2025 से बैंकिंग और भुगतान सेवाओं में बड़े बदलाव

अगर आप UPI इस्तेमाल करते हैं या किसी बड़े बैंक के ग्राहक हैं, तो अगले महीने से आपकी रोजमर्रा की फाइनेंशियल आदतों में कई चीजें बदलने जा रही हैं। इस बार नियमों की फेहरिस्त लंबी है—और हर बदलाव सीधे आपकी जेब पर असर डालेगा। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI नियमों में सख्ती लाते हुए कई बड़े अपडेट दिए हैं।

पहला बदलाव UPI से जुड़ा है। अब आप अपने खाते का बैलेंस बार-बार नहीं देख पाएंगे, क्योंकि NPCI ने डेली बैलेंस इंक्वायरी पर लिमिट सेट की है। वजह बड़ी साफ है—हर दिन 613 मिलियन से ज्यादा ट्रांजैक्शन हो रहे हैं और इससे सिस्टम पर काफी दबाव पड़ता है। बैलेंस इंक्वायरी की लिमिट खास तौर पर उन समय पर लागू रहेगी जब ट्रैफिक बहुत ज्यादा होता है या छुट्टियों में लेनदेन बढ़ जाता है। साथ ही, ऑटोपे पर भी अब सख्ती होगी—कई बार देखा गया है कि ऑटोपे मैंडेट फेल हो जाते हैं और यूजर्स को परेशानी होती है; अब नए नियमों के तहत बैंक इन ट्रांजैक्शन्स को और कसे हुए तरीके से प्रोसेस करेंगे।

UPI से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण बदलाव है—अगर आपके खाते से UPI के जरिए किसी क्रेडिट लाइन या ओवरड्राफ्ट की सुविधा जुड़ी है, तो अब हर ट्रांजैक्शन और डीटेल पर अच्छी-खासी निगरानी होगी। इससे फर्जीवाड़े के रिस्क पर लगाम लगाने का दावा किया जा रहा है। सिस्टम के लिए API के इस्तेमाल को भी कंट्रोल किया जा रहा है, ताकि जरूरत से ज्यादा अनुरोध के चलते बैंकिंग सर्वर क्रैश न हों।

सिर्फ UPI ही नहीं, बड़े बैंकों की भी सख्ती और बदलाव

अगर आप पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के ग्राहक हैं और अब तक KYC अपडेट नहीं किया, तो आपको 8 अगस्त 2025 तक की मोहलत मिली है। इसके बाद आपका खाता लिमिटेड यूज हो सकता है—मतलब, पैसे निकालने या ट्रांसफर करने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए जिन्होंने 30 जून 2025 तक KYC पेंडिंग छोड़ी थी, उनके लिए ये आखिरी मौका है। बैंक लगातार ग्राहकों को रिमाइंड भी कर रहा है।

इस बीच, जिन लोगों के पोर्टफोलियो में रेपो ट्रेडिंग या ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) का इस्तेमाल है, उनके लिए टाइमिंग बढ़ गई है। अब ये मार्केट 9 बजे सुबह से 4 बजे शाम तक खुले रहेंगे, यानी एक घंटा ज्यादा समय मिलेगा, जिससे निवेशक संभावनाएं और ऑप्शन दोनों बढ़ा सकते हैं।

दूसरी तरफ, अगर आपके पास एसबीआई का को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड है तो एक मायूसी की खबर है। 11 अगस्त 2025 से SBI अपने कुछ कार्ड्स पर फ्री एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस नहीं देगा। जिन लोगों के लिए यह बीमा एक मुख्य लाभ था, उनके लिए कार्ड की कीमत अब दोबारा आंकनी पड़ेगी।

FASTag के सेक्शन में भी हलचल है। जल्द ही FASTag यूजर्स के लिए सालाना पास का ऑप्शन आएगा, जिससे टोल पेमेंट आसान और फ्लैट रेट पर हो सकेगा। अभी इसकी डिटेल्स लागू होनी बाकी हैं, लेकिन भारी-भरकम ट्रैफिक और लंबी दूरी वालों को राहत मिलने की उम्मीद है।

ये सब बदलाव मिलकर ट्रांजेक्शन में पारदर्शिता, सुरक्षा और ऑफिसियल प्रोसेस को मजबूत करने की तरफ इशारा करते हैं। अब देखना है आम लोग इन कड़े नियमों के साथ कैसे तालमेल बिठाते हैं—क्योंकि फाइनेंशियल इंडस्ट्री अब छोटे-छोटे घोटालों और सिस्टम फेलियर के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहती।