राष्ट्रीय कर नीति में एक बड़ा बदलाव हुआ है। ITR दाखिल करना अब 31 जुलाई 2025 तक सीमित नहीं रहेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयुक्त वर्ष 2025-26 के लिए नई समयसीमा घोषित की, जिससे लाखों करदाताओं को राहत मिलती दिख रही है।
ITR दाखिल करने की नई अंतिम तिथि
पहले 31 जुलाई को अंतिम दिन माना जाता था, लेकिन आयकर पोर्टल पर लगातार तकनीकी समस्याओं के कारण पहला विस्तार 15 सितंबर और फिर अगले दिन 16 सितम्बर तक हो गया। विभाग ने बताया कि 15 सितंबर तक 7 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल हो चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि करदाता इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।
अब CBDT ने स्पष्ट कर दिया है कि व्यक्तिगत करदाता, हाफ़िसदार यूनिट (HUF), एओपी और बीओआई (जिनको ऑडिट की जरूरत नहीं) के लिए 16 सितंबर अंतिम तिथि है। जबकि ऑडिट वाले व्यवसायों को 31 अक्टूबर तक और ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट वाली कंपनियों को 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।
विभिन्न वर्गों के लिए विस्तृत समयसीमा
समय सीमा को वर्गीकरण करने से करदाताओं को अपने विशेष मामलों के अनुसार योजना बनाने में आसानी होगी। नीचे प्रमुख वर्ग और नई अंतिम तिथि दी गई है:
- व्यक्तिगत, HUF, AOP, BOI (बिना ऑडिट) – 16 सितंबर 2025
- ऑडिट की आवश्यकता वाले व्यवसाय – 31 अक्टूबर 2025
- ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट जमा करने वाले – 30 नवंबर 2025
- सेप्टेम्बर 16 के बाद भी रिटर्न – 31 दिसंबर 2025 तक (विलंब शुल्क के साथ)
यदि करदाता 16 सितंबर तक फाइल नहीं कर पाते, तो भी वे 31 दिसंबर तक बेतरतीब रिटर्न जमा कर सकते हैं। लेकिन इस मामले में सेक्शन 234F के तहत देर से फाइलिंग शुल्क और सेक्शन 234A के अनुसार बकाया टैक्स पर 1% प्रति माह ब्याज लागू होगा।
आयकर विभाग ने इस अवधि में 24×7 सहायता सुनिश्चित की है। हेल्पडेस्क, कॉल सेंटर, लाइव चैट, वेबएक्स सत्र और सोशल मीडिया के माध्यम से करदाताओं को तकनीकी समस्याओं से बचाने के लिए निरंतर मदद दी जा रही है। विभाग के आधिकारिक संदेशों में कहा गया है कि तकनीकी बग्स को हल करने के लिए लगातार अपडेट जारी किए जा रहे हैं, जिससे करदाता बिना किसी रुकावट के अपना रिटर्न फाइल कर सकें।
एक और महत्वपूर्ण विकास के तौर पर, राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्रीय सरकार और CBDT को टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाने का निर्देश दिया है। इससे चार्टर्ड अकाउंटेंट और ऑडिट के तहत रहने वाले व्यवसायों को अतिरिक्त समय मिलेगा, ताकि वे सभी नियामकीय मानदंडों को सही ढंग से पूरा कर सकें।
संक्षेप में, नई समयसीमा ने करदाताओं को तकनीकी कठिनाइयों से उबरने का मौका दिया है, जबकि विभाग ने सुनिश्चित किया है कि समर्थन के सभी साधन उपलब्ध हों। अब बस बारी है करदाताओं की, जो इन नई तारीखों को ध्यान में रखते हुए अपना ITR समय पर जमा कर सकते हैं।
Akshay Vats
सितंबर 26, 2025 AT 02:23भाई लोगो, टैक्स रिटर्न भुलने वालों को अब डांट पड़ेगी, नया डेट भी तोहह वाक़ई में सारा क़लपुर्गी खतम करने वाला है।
Anusree Nair
अक्तूबर 5, 2025 AT 08:43ITR की नई डेडलाइन देखकर दिल थोड़ा हल्का हो गया। अब हम सबको बिन झंझट के फाइलिंग का टाइम मिल गया है। पूरे देश में जब सभी लोग इसे सही समय पर जमा करेंगे, तो टैक्स विभाग की भी कार्यक्षमता बेहतर होगी। चलिए, इस बदलाव को गले लगाते हैं और समय पर तैयारी शुरू करते हैं।
Bhavna Joshi
अक्तूबर 14, 2025 AT 15:03वास्तव में, नई समयसीमा का परिचालनात्मक प्रभाव मैक्रो-ट्रेंड्स के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। यह परिवर्तन कॉम्प्लायंस फ्रेमवर्क को री-शेप करने की दिशा में एक कदम है, जो एंटरप्राइज़ रिस्क मैनेजमेंट को अनुकूलित करेगा। हालांकि, असुरक्षित सेक्टरों को अतिरिक्त ग्रेडिएंट्स की जरूरत होगी। इसलिए, विस्तृत विश्लेषण और रणनीतिक एलायनसेस आवश्यक हैं।
Ashwini Belliganoor
अक्तूबर 23, 2025 AT 21:23नई तिथियां निश्चित रूप से एक राहत हैं लेकिन यह भी देखना होगा कि तकनीकी बग्स पूरी तरह से ठीक हुए हैं। विभाग का समर्थन नेटवर्क पर्याप्त है।
Hari Kiran
नवंबर 2, 2025 AT 03:43सही कहा आपने, लेकिन मैं देख रहा हूँ कि कई छोटे व्यवसायों को अभी भी पोर्टल पर लॉगिन समस्या आती है। अगर हम एक स्थानीय हेल्पडेस्क सेटअप कर दें तो सबको मदद मिल सकती है। चलिए, एक साथ मिलकर इस असुविधा को दूर करें।