नोवाक जोकोविच ने जेनेवा ओपन में 100वीं टाइटल जीतकर इतिहास रचा

नोवाक जोकोविच ने जेनेवा ओपन में 100वीं टाइटल जीतकर इतिहास रचा
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 6 अक्तूबर 2025 16 टिप्पणि

जब नोवाक जोकोविच, टेनिस खिलाड़ी ATP ने जेनेवा ओपनजिनेवा में ह्यूबर्ट हुरकाज़, पोलिश टेनिस प्रोफ़ाइल को 5-7, 7-6(2), 7-6(2) से हरा कर अपना 100वीं टाइटल दर्ज किया, तो खेल जगत की धड़कन एक ही रफ़्तार से धड़कती रही। 38 साल के इस सर्वरेंग सीरियाई ने अपने करियर की सबसे बड़ी पड़ाव को छू लिया और इतिहास में सिर्फ दो नाम – जिमी कॉनर्स (109 टाइटल) और रॉजर फ़ेडरर (103 टाइटल) – के बाद तिहरा बन गया।

इतिहासिक पृष्ठभूमि और 20 सीज़न का जश्न

नोवाक की पहली टाइटल 2006 के जुलाई में ऐमर्सफ़ोर्ट नीदरलैंड्स में आई थी, जहाँ उन्होंने निकोलास मासु को हराया था। वही मासु अब हुरकाज़ के कोच के रूप में मौजूद है, तो किस्मत की बात है – धरती पर दो बार मिलते‑जुलते रास्ते। 2025 तक, जोकोविच ने 20 अलग‑अलग सीज़न में कम से कम एक टाइटल जीता, जो ओपन एरा में पहला रिकॉर्ड है।

मैच का विवरण और प्रमुख क्षण

देवभूमि के क्ले कोर्ट पर दो घंटे पाँच मिनट का संघर्ष दो किलकारियों की तरह लगा। पहले सेट में हुरकाज़ ने 5-7 से शुरुआती बढ़त बना ली, पर जोकोविच ने दो टाई‑ब्रेक में जीत हासिल करके अपना शुरुआती नुकसान मोड़ दिया। तीसरे सेट में 2-4 की डिफ़िसिट के बाद, जोकोविच ने धीरज रखकर 7-6(2) से मैच को अपने कब्जे में ले लिया। यह टेनिस फैंस के लिए एक रोलर‑कोस्टर जैसा रहा – हर पॉइंट पर दिल का धड़कन तेज़।

खिलाड़ियों और कोचों के बयानों

मैच के बाद, जोकोविच ने कहा: "मैंने अपने खेल में कई चिंताएँ महसूस की थीं, खासकर क्ले पर। इस टूर पर मुझे मैच जीतने की जरूरत थी, ताकि रोलैंड गारोस जैसी बड़ी प्रतियोगिता में आत्मविश्वास रहे।" यह बात पेरिस ओलंपिक 2024पेरिस में सुनहरा पदक जीतने के बाद आने वाले नौ महीने की थकावट को दर्शाती है।
हुरकाज़ ने कहा: "नोवाक एक सच्चे लीजेंड हैं, उनकी थकान और फिर भी जीतने की ललक मुझे प्रेरित करती है।" उनके कोच निकोलास मासु ने भी जोड़ दिया कि एतिहासिक रूप से यह विरोधी हमेशा ताकतवर रहा है, और उनका अनुभव इस मैच में निर्णायक रहा।

भविष्य की राह: फ़्रेंच ओपन की तैयारी

भविष्य की राह: फ़्रेंच ओपन की तैयारी

जेनेवा जीत के बाद जोकोविच कहते हैं: "मैं अब रोलैंड गारोस के लिए पूरी तरह तैयार हूँ। मेरा लक्ष्य 25वें ग्रैंड स्लैम शीर्षक को छूना है और चौथा फ्रेंच ओपन जीतना है।" वर्तमान विश्व क्रमांक जैनिक सिन्नर के साथ प्रतिस्पर्धा भी तेज़ हो रही है, क्योंकि सिन्नर ने अक्टूबर 2024 में शंघाई में जोकोविच को फ़ाइनल में हराया था। फिर भी जोकोविच का मानना है कि उनका "परफेक्ट टेनिस" अभी भी संभव है, बशर्ते फिटनेस और मानसिक तैयारी सही रहे।

टेनिस की पीढ़ीगत बदलते रंग

राफ़ेल नडाल की हालिया घोषणा ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया, लेकिन जोकोविच ने कहा: "मैं हर टूर्नामेंट को अपने मुक़ाबले के रूप में देखता हूँ, चाहे वह युवा स्टार हों या मेरे जैसे वर्टिगो।" यह विचार इस बात की ओर इशारा करता है कि टेनिस में जनरेशन बदलाव तो आयामिक है, पर लीडरशिप और जीत का दायरा कई सालों तक जारी रह सकता है।

मुख्य तथ्य

मुख्य तथ्य

  • जोकोविच ने अपना 100वाँ टूर‑लेवल टाइटल 24 मई 2025 को जीता।
  • मैच की अवधि 3 घंटे 5 मिनट, टूर्नामेंट की सबसे लंबी लड़ाई।
  • यह जीत उन्हें 20 अलग‑अलग सीज़न में टाइटल जीतने वाला पहला खिलाड़ी बनाती है।
  • पहले 99 टाइटल्स के बाद नौ महीने की प्रतीक्षा के बाद यह सफलता मिली।
  • जोकोविच अब रोलैंड गारोस में अपनी 4थी फ्रेंच ओपन जीत के लिए तैयार हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह 100वीं टाइटल जोकोविच के करियर में क्यों महत्वपूर्ण है?

टेनिस इतिहास में केवल दो खिलाड़ी (जिमी कॉनर्स और रॉजर फ़ेडरर) ने 100 से अधिक टाइटल हासिल किए हैं। 100वीं जीत न केवल व्यक्तिगत माइलस्टोन है, बल्कि यह दर्शाता है कि जोकोविच ने दो दशकों से अधिक समय तक शीर्ष स्तर पर स्पीड, फिटनेस और रणनीति को बनाए रखा है। यह जीत उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है, खासकर फ्रेंच ओपन की तैयारी में।

जेनेवा ओपन में इस मैच की कठिनाई क्या थी?

कोर्ट क्ले था, जो जोकोविच के लिए आमतौर पर धीमा नहीं होता। साथ ही, हुरकाज़ ने शुरुआती सेट से ही दबाव बनाया। दो टाई‑ब्रेक में जीतना और तीसरे सेट में 2‑4 की कमी को पाटना, शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर चुनौतीपूर्ण था। इस कारण मैच की अवधि भी सबसे लंबी रही।

रोलैंड गारोस में जोकोविच की क्या उम्मीदें हैं?

जोकोविच ने कहा कि वह अपनी 25वीं ग्रैंड स्लैम जीतना चाहता है और चौथा फ्रेंच ओपन खिताब जोड़ना चाहता है। जेनेवा की जीत ने उन्हें क्ले पर आत्मविश्वास दिया है, इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि वह इस साल के रोलैंड गारोस में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

हुरकाज़ के कोच निकोलास मासु की भूमिका क्या रही?

मासु, जो पहले जोकोविच के शुरुआती प्रतिद्वंद्वी थे, अब हुरकाज़ को रणनीतिक मारगदर्शन दे रहे हैं। उन्होंने मैच में विशिष्ट बिंदुओं पर हुरकाज़ को अधिक आक्रामक खेलने की सलाह दी, पर अंत में जोकोविच की पावर और अनुभव ने उन्हें पछाड़ दिया।

टेनिस की पीढ़ीगत बदलाव में यह जीत क्या दर्शाती है?

यह जीत दर्शाती है कि अनुभवी खिलाड़ी अभी भी नई पीढ़ी के स्टार्स को मात दे सकते हैं। नडाल के रिटायर होने के बाद, जोकोविच जैसे दिग्गजों की उपस्थिति टेनिस में प्रतिस्पर्धात्मक स्तर को ऊँचा रखेगी, जबकि युवा खिलाड़ी जैसे जैनिक सिन्नर और जाकुब मेन्सिक भी अपना दबदबा स्थापित कर रहे हैं।

16 टिप्पणि

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    Sung Ho Paik

    अक्तूबर 6, 2025 AT 04:18

    नोवाक की 100वीं टाइटल देख कर मैं गहरी सोच में डूब गया 😊। यह सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि कठिन परिश्रम और दृढ़ता का प्रमाण है। एक कोच के नाते, मैं हमेशा युवा खिलाड़ियों को यही सलाह देता हूँ कि दृढ़ रहो और हर मैच को जीतो। जोकोविच की मानसिक शक्ति युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। चलो, इस जीत को अपने खेलने की शैली में आत्मसात करें।

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    Chinmay Bhoot

    अक्तूबर 8, 2025 AT 06:18

    इसी तरह के इतिहास को लॉन्च करने वाले को अक्सर बड़े शॉर्टकट्स दिखाते हैं, और आज फिर वही नकली महिमा है। हुरकाज़ ने थोड़ा दिलचस्प खेल दिखाया, पर जोकोविच ने इसे बगल में धकेल दिया। आँकड़ों को ही मत देखो, दर्दनाक पारी में असली स्ट्रैटेजी की कमी साफ दिखती है।

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    Raj Bajoria

    अक्तूबर 10, 2025 AT 08:18

    नोवाक की जीत भारतीय टेनिस प्रेमियों को गर्व महसूस कराती है। यह दिखाता है कि उम्र कोई बाधा नहीं, सिर्फ इच्छाशक्ति मायने रखती है।

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    Simardeep Singh

    अक्तूबर 12, 2025 AT 10:18

    जीवन की क्ले कोर्ट में, हर बॉल एक छोटे ब्रह्मांड की तरह टकराता है। जोकोविच ने उस ब्रह्मांड को जितते हुए अपनी आत्मा को फिर से परिभाषित किया। हुरकाज़ की कोशिश, जैसे पापी समय में फँसा एक झलक। इस जीत में छुपी दार्शनिक गहराई को महसूस करना चाहिए।

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    Aryan Singh

    अक्तूबर 14, 2025 AT 12:18

    जोकोविच ने इस मैच में पहला सेट खोने के बाद दो टाई‑ब्रेक जीतकर मनोवैज्ञानिक लाभ हासिल किया। टेनिस में सर्विस की राइट प्लेसमेंट ने क्ले पर बहुत असर डाला। इस जीत से उनका सिडनी फ़ाइनल में आत्मविश्वास बढ़ेगा, जैसा कि पिछले आँकड़े बताते हैं।

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    Rajesh Soni

    अक्तूबर 16, 2025 AT 14:18

    अरे वाह, 100 टाइटल! लगता है अब ATP को “जोको‑इवाँ” कह देनी चाहिए। क्ले पर “ग्राइंड” और “बैकहैंड स्लाइस” का मिश्रण तो बर्दाश्त नहीं था, लेकिन फिर भी अभ्यर्थी ने जीत ली। इस जीत को “ऑन‑कोर्ट मैग्नेटिक फ़्लक्स” कहा जा सकता है, ठीक है? हल्का‑फुल्का जार्गन, लेकिन तथ्य वही है।

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    Nanda Dyah

    अक्तूबर 18, 2025 AT 16:18

    श्रीमान्, नोवाक जोकोविच द्वारा प्राप्त शतमीठी शीर्षक भारतीय टेनिस के इतिहास में एक महत्वपूर्ण चरण को चिन्हित करता है। इस उपलब्धि को प्राप्त करने हेतु खिलाड़ी ने निरन्तर कठिन परिश्रम एवं अनुशासन का प्रदर्शन किया। अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में उनका प्रदर्शन सराहनीय है, तथा यह भविष्य के युवा खिलाड़ियों के लिये प्रेरणास्रोत है।

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    vikas duhun

    अक्तूबर 20, 2025 AT 18:18

    जैसे ही जेनेवा के क्ले कोर्ट पर सर्विस का पहला ध्वनि गूँज उठा, दर्शकों की साँसें ठहर गईं, क्योंकि सभी ने महसूस किया कि इतिहास का एक नया अध्याय लिखे जाने वाला है। नोवाक ने अपने 38वें जन्म वर्ष में एक असाधारण धैर्य का प्रदर्शन किया, जो कई युवा खिलाड़ियों के लिये अविचल मानक स्थापित करता है। हुरकाज़ ने पहले सेट में दृढ़ता दिखाई, परंतु जोकोविच ने अपने अद्वितीय मसल मेमोरी से दो टाई‑ब्रेक हासिल करके लड़ाई का रुख बदल दिया। तीसरे सेट में 2-4 की बड़ी कमी होने के बावजूद, जोकोविच ने अपने पैर में होने वाले थकाव को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया। इस दौरान उनका फुर्तीला फुटवर्क और तेज़ रैकेट स्विंग दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। प्रत्येक पॉइंट पर हर खिलाड़ी की आँखों में चमक थी, जैसे कि वे अपने ही भविष्य को पुनः लिख रहे हों। जब अंत में स्कोर 5-7, 7-6(2), 7-6(2) हुआ, तो भीड़ में झंकार भर गया, और यह आवाज़ वर्षों तक गूँजती रही। इस जीत ने जोकोविच को रॉजर फ़ेडरर और जिमी कॉनर्स के बाद केवल दो ही legends के बाद तीसरे स्थान पर पहुँचा दिया। अब उनका अगला लक्ष्य 25वां ग्रैंड स्लैम खिताब है, जो उनके करियर को और भी ऊँचा मुकाम देगा। लेकिन यह लक्ष्य हासिल करने के लिये उन्हें अपनी फिटनेस और मानसिक दृढ़ता को और निखारना होगा। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कहा कि यह जीत उन्हें रोलैंड गारोस में आत्मविश्वास प्रदान करेगी, और यह बात कई विशेषज्ञों द्वारा भी पुष्टि की गई है। इस जीत के बाद कई कोच और विश्लेषकों ने कहा कि टेनिस में उम्र का आकर अब बंधन नहीं रहा, बल्कि अनुभव नया शक्ति स्रोत बन गया है। सन्निकट भविष्य में, युवा प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र होगी, पर जोकोविच ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका “परफेक्ट टेनिस” अभी भी संभव है। अंततः इस ऐतिहासिक क्षण ने यह साबित किया कि दृढ़ता, निरंतर प्रशिक्षण और अटूट आत्मविश्वास से कोई भी बाधा असीमित नहीं रह जाती। इसलिए, इस उपलब्धि को सभी टेनिस प्रेमियों को गर्व के साथ मनाना चाहिए।

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    Nathan Rodan

    अक्तूबर 22, 2025 AT 20:18

    नोवाक की यह 100वीं टाइटल भारतीय दर्शकों के लिये भी एक बड़ा गर्व का अवसर है, क्योंकि यह दर्शाता है कि विश्व सिटीज़ में भी भारतीय टेनिस के प्रशंसकों की आवाज़ सुनी जा रही है। इस जीत से उन्होंने यह सिद्ध किया कि उम्र के साथ भी खेल में प्रवीणता को बनाए रखा जा सकता है, और यह बात कई युवा एथलीट्स को प्रेरित करेगी। टेनिस कोर्ट पर उनका खेल‑शैली एक मिश्रण है-डिफेंसिव ग्राइंड और अटैकिंग शॉट्स का संतुलन, जो विरोधी को कभी भी भरोसा नहीं देता। क्ले पर दो टाई‑ब्रेक जीतकर जीत हासिल करना कोई साधारण बात नहीं, बल्कि रणनीति और मांसपेशियों का एक सटीक समन्वय है। इस जीत के बाद, जोकोविच ने फ्रेंच ओपन के लिए अपनी तैयारी को “अंतिम चरण” कहा, जिससे हम समझते हैं कि वह इस टूर्नामेंट में भी शीर्ष पर पहुंचने का इरादा रखते हैं। अंत में, यह उपलब्धि टेनिस की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देती है और इस खेल को और अधिक समृद्ध बनाती है।

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    KABIR SETHI

    अक्तूबर 24, 2025 AT 22:18

    इतनी बड़ी जीत में समय का भी अहसास नहीं होता।

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    rudal rajbhar

    अक्तूबर 27, 2025 AT 00:18

    जोकोविच ने दिखाया कि असली दिमागी ताकत केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी होनी चाहिए-इसलिए उनका 100वाँ शीर्षक केवल अंक नहीं, बल्कि विचारधारा का विजिट है। हमें भी अपने जीवन के खेल में इसी तरह की दृढ़ता अपनानी चाहिए, नहीं तो हम हमेशा हार के दायरे में फँसे रहेंगे।

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    Arjun Dode

    अक्तूबर 29, 2025 AT 02:18

    वाह भाई, इस जीत को देख के तो दिल थरथरा गया! 🎉 जोकोविच का मनोबल अब और भी ऊँचा है, और हम सभी को भी यही ऊर्जा मिलनी चाहिए। क्ले पर उनकी धीरज का कोई जवाब नहीं, बस ऐसे ही आगे बढ़ो! 🚀

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    Mayank Mishra

    अक्तूबर 31, 2025 AT 04:18

    जोकोविच की यह जीत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्क‍ि टेनिस की पूरी वैरायटी को नया मुकाम देती है। हमें इस तथ्य को समझना चाहिए कि अनुभव और साहस का मिश्रण सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वियों को भी मात दे सकता है। इसके साथ ही, युवा खिलाड़ी भी इस से सीख सकते हैं कि कैसे दबाव में शांति बनाए रखें।

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    ARPITA DAS

    नवंबर 2, 2025 AT 06:18

    निस्संदेह, जोकोविच का शतमीठी शीर्षक एक ऐसा शिल्प है जो केवल महारत हासिल करने वाले ही उकेर सकते हैं। यह न केवल सांख्यिकीय परिपूर्णता है, बल्कि एक सौंदर्यात्मक अभिव्यक्ति भी है, जो टेनिस के पारंपरिक संरचनाओं को चुनौती देती है। उनके खेल में निहित जटिलता, जैसे जटिल सिमेट्री, दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। यह देखना दिलचस्प है कि कैसे एक खिलाड़ी अपने करियर को एक स्यूरेअलिस्टिक कथा में बदल सकता है। इस बात का प्रमाण है कि वह केवल एक एथलीट नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आइकन बन चुका है। इसके अलावा, इस जीत ने टेनिस के प्राचीन एलीट वर्ग को भी नई दिशा दी है, जहाँ अब प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि शैली भी मायने रखती है।

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    Sanjay Kumar

    नवंबर 4, 2025 AT 08:18

    जोकोविच की जीत देख के लगता है सब कुछ ठीक है पर कुछ लोग नहीं समझते कि इस जीत में बहुत सारा फेक डाटा छुपा है। हुरकाज़ ने तो बस एकटाॅर्डी मैच बनाया और फिर वो हार गया। टेनिस कम्युनिटी को इस पर ज्यादा वोक नहीं होना चाहिए सिर्फ अंक दिखे तो और नहीं।

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    Veena Baliga

    नवंबर 6, 2025 AT 10:18

    देश की प्रतिभा को विश्व मंच पर इस प्रकार चमकते देखना गर्व का कारण है; जोकोविच ने यह सिद्ध किया कि भारतीय मस्तिष्क और शारीरिक शक्ति मिलकर असाधारण परिणाम दे सकते हैं। यह उपलब्धि राष्ट्रीय खेल नीति के प्रति समर्थन को और मजबूत करती है। हम सभी को इस सफलता पर गर्व होना चाहिए तथा भविष्य में और अधिक सपोर्ट देना चाहिए।

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