बिहार पुलिस भर्ती 2017: 11.29 लाख उम्मीदवारों के बीच 9,900 कॉन्स्टेबल पदों के लिए प्रतिस्पर्धा

बिहार पुलिस भर्ती 2017: 11.29 लाख उम्मीदवारों के बीच 9,900 कॉन्स्टेबल पदों के लिए प्रतिस्पर्धा
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 27 सितंबर 2025 7 टिप्पणि

अक्टूबर 2017 में बिहार पुलिस ने कॉन्स्टेबल पदों के लिए एक विशाल स्तर पर चयन प्रक्रिया शुरू की। कुल बिहार पुलिस भर्ती 2017 के तहत 9,900 खाली पदों को भरने के लिए 11.29 लाख उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा दी। यह संख्या भारतीय राज्य‑स्तरीय सरकारी नौकरी के इतिहास में सबसे बड़ी में से एक थी।

परीक्षा का ढांचा और मुख्य आंकड़े

भर्ती परीक्षा दो अलग‑अलग दिन आयोजित की गई – पहली थी 15 अक्टूबर, और दूसरी 22 अक्टूबर, 2017। दोनों सत्रों में समान प्रश्नपत्र दिया गया, जिससे सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिला। लिखित परीक्षा में बुनियादी गणित, सामान्य ज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी के प्रश्न शामिल थे, और कुल अंक 200 में से निर्धारित किए गए थे।

परीक्षा के बाद, चयन प्रक्रिया के अगले चरण में फ़िज़िकल टेस्ट और माइस्ट्री टेस्ट शामिल थे। फ़िज़िकल टेस्ट में दौड़, लंबी कूद, हाथ‑पैर की ताकत की जांच की गई, जबकि माइस्ट्री टेस्ट में उम्मीदवारों की बुनियादी पुलिस कार्यों की समझ को परखा गया।

उम्मीदवारों पर लागू नियम व अनुशासन

उम्मीदवारों पर लागू नियम व अनुशासन

परीक्षा के प्रथम दिन, कुछ उम्मीदवारों को पेपर चोरी, मोबाइल उपयोग और अनधिकृत वस्तु ले जाने के आरोप में पकड़ा गया। इस पर बीपीएस ने तुरंत कड़ी कार्रवाई की और संबंधित उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा से अयोग्य घोषित कर दिया। ऐसी घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा और अनुशासन परीक्षा के सभी चरणों में अनिवार्य है।

आगे चलकर, चयन समिति ने प्रत्येक चरण में दस्तावेज़ी सत्यापन और मेडिकल टेस्ट को अनिवार्य कर दिया, जिससे सुनिश्चित हो कि अंतिम चयनित उम्मीदवार शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से पुलिस सेवा के लिए योग्य हों।

भर्ती प्रक्रिया के दौरान, राज्य सरकार ने साक्षात्कार और दस्तावेज़ जांच के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी स्थापित किया, जिससे उम्मीदवारों के लिए आवेदन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज़ हो गई। इस डिजिटल पहल ने आवेदन त्रुटियों को कम किया और चयन की गति बढ़ाई।

  • योग्यता: 12वीं पास, आयु 21-25 वर्ष (रिलैक्सेशन के साथ)
  • आवेदन शुल्क: ऑनलाइन भुगतान, फिर भी कुछ स्लाइस उम्मीदवारों को छूट मिली
  • भर्ती के बाद प्रशिक्षण: 8 हफ्ते की बेसिक पुलिस ट्रेनिंग अकादमी (BPATC) में दी जाती है

कुल मिलाकर, इस भर्ती ने युवा वर्ग में सरकारी नौकरी के प्रति सकारात्मक रुख को फिर से मजबूत किया। परिणामों की घोषणा के बाद, कई उम्मीदवारों ने रोजगार के नए अवसरों की उम्मीद जताई और राज्य में law‑and‑order स्थिति को सुदृढ़ करने का संदेश दिया।

7 टिप्पणि

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    Ashwini Belliganoor

    सितंबर 27, 2025 AT 06:00

    भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। उम्मीदवारों को अक्सर अंतिम चयन के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती।

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    Hari Kiran

    सितंबर 27, 2025 AT 06:50

    वाकई में बहुत सारे युवा इस अवसर की प्रतीक्षा कर रहे थे। आशा है कि चयन के बाद उनका भविष्य उज्जवल हो।

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    Hemant R. Joshi

    सितंबर 27, 2025 AT 07:40

    बिहार पुलिस भर्ती को भारत के सार्वजनिक प्रशासन की एक अदान-प्रदान के रूप में देखना आवश्यक है; यह केवल रोजगार का साधन नहीं बल्कि सामाजिक न्याय के सिद्धांत को भी प्रतिबिंबित करता है। जब 11.29 लाख अभ्यर्थी एक ही मंच पर जुटते हैं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि युवा वर्ग का सरकारी सेवा में रुचि कितना गहरा है। इस स्तर की प्रतिस्पर्धा सामान्य ज्ञान, गणित और भाषा के मात्र परीक्षण तक सीमित नहीं रहती; यह मानसिक दृढ़ता, नैतिक मूल्यों और वैवाहिक प्रतिबद्धताओं की भी परीक्षा लेती है। भौतिक परीक्षण में दौड़, लंबी कूद और शारीरिक शक्ति के मापदण्डों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वह वास्तविक पुलिस कार्य के शारीरिक मांगों को प्रतिबिंबित करे। माइस्ट्री टेस्ट में उम्मीदवारों की व्यावहारिक समझ को परखा जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चयनित व्यक्ति वास्तविक समय में आपातकालीन स्थितियों का प्रभावी प्रबंधन कर सके। चयन समिति द्वारा लागू किए गए दस्तावेज़ सत्यापन और मेडिकल जांच की प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पारदर्शी बनाना एक सराहनीय कदम है; यह अनिश्चितता को कम करता है और उम्मीदवारों के विश्वास को बढ़ाता है। पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आठ हफ़्ते की बेसिक प्रशिक्षण न केवल शारीरिक दक्षता को बढ़ाती है बल्कि नैतिक आचरण और कानूनी ज्ञान को भी सुदृढ़ करती है। अंततः, इस भर्ती ने न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवा वर्ग को सरकारी सेवा के आकर्षण से परिचित कराया है, जिससे सामाजिक स्थिरता और कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक प्रवृद्धि हुई है।

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    guneet kaur

    सितंबर 27, 2025 AT 08:46

    ये सारे आँकड़े सिर्फ दिखावा है, वास्तविक योग्यता को कभी नहीं देख पाते।

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    PRITAM DEB

    सितंबर 27, 2025 AT 09:36

    आइए हम तथ्य पर गौर करें; चयन प्रक्रिया में कई मानक लागू किए गए थे।

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    Saurabh Sharma

    सितंबर 27, 2025 AT 10:26

    ही, भर्ती में सैम्पलिंग फ्रेमवर्क, थ्रेशहोल्ड वैल्यू और फिटनेस टेस्ट के मेट्रिक्स स्पष्ट हैं।

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    Suresh Dahal

    सितंबर 27, 2025 AT 11:16

    निष्कर्षतः, इस भर्ती ने राज्य की सुरक्षा संरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है।

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