SPARC की SCD-044 फेज‑2 विफलता ने शेयरों को गिरा दिया 20%

SPARC की SCD-044 फेज‑2 विफलता ने शेयरों को गिरा दिया 20%
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 27 सितंबर 2025 0 टिप्पणि

फेज 2 क्लिनिकल ट्रायल में क्या हुआ?

Sun Pharma Advanced Research Company Ltd, जिसे आमतौर पर SPARC कहा जाता है, ने 4 जून को बताया कि उनका प्रमुख इम्यूनोलॉजी प्रोजेक्ट – SCD-044 (विबोज़िलिमोड) – दो मध्यम‑स्तर के परीक्षणों में लक्ष्य नहीं मिला। SOLARES PsO (सोरियासिस) और SOLARES AD (एटोपिक डर्मेटाइटिस) दोनों ट्रायल में लक्ष्य रहे PASI और EASI स्कोर में 75% सुधार, लेकिन उपचार ने इन मानकों को नहीं छुआ।

सोरियासिस ट्रायल में 263 मरीजों को तीन डोज़ और एक प्लेसबो समूह में बाँटा गया, जबकि एटोपिक डर्मेटाइटिस में 250 रोगियों को वही योजना अपनाई गई। दोनों अध्ययन रैंडमाइज़्ड, डबल‑ब्लाइंड, प्लेसबो‑कंट्रोल्ड थे, पर अंत में डेटा ने दिखाया कि दवा ने अपेक्षित क्लिनिकल सुधार नहीं दिखाया।

  • सोरियासिस समूह में 75% सुधार की आशा थी, लेकिन वास्तव में औसत सुधार 40‑45% रहा।
  • एटोपिक डर्मेटाइटिस में भी EASI स्कोर में सुधार 42% तक सीमित रहा, जहाँ लक्ष्य 75% था।
  • दोनों ट्रायल में कोई गंभीर सुरक्षा समस्या नहीं मिली, लेकिन प्रभावशीलता में कमी ने कंपनी को आगे की दिशा तय करने पर मजबूर किया।

इन परिणामों के बाद, Sun Pharma ने एटोपिक डर्मेटाइटिस के लिए SCD-044 के विकास को रोक दिया और सम्पूर्ण दवा पर अगले कदमों की समीक्षा शुरू की।

बाजार पर असर और कंपनी की वर्तमान स्थिति

बाजार पर असर और कंपनी की वर्तमान स्थिति

निवेशकों ने इस खबर पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। NSE पर SPARC के शेयर 185 रुपये से ओपन होकर 156.14 रुपये के नीचले स्तर तक गिरे, अर्थात् लगभग 20% की गिरावट। दोपहर तक शेयर 159.55 रुपये पर ट्रेड हो रहे थे, जो पिछले क्लोज़ 195.18 रुपये से 18% नीचे थे। पैरेंट कंपनी Sun Pharma के शेयर भी 2% तक गिरे, न्यूनतम 1,649 रुपये पर पहुँचे।

यह नुकसान सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि कंपनी के दो साल के निराशाजनक ट्रायल रिकॉर्ड का हिस्सा है। 2024 के अप्रैल में SPARC ने अपने पार्किंसन ड्रग Vodobatinib को भी रोक दिया था, क्योंकि 442‑मरीज़ पर हुए इंटर्मिडिएट विश्लेषण में कोई लाभ नहीं दिखा। अब SCD-044 के साथ दो बड़ी विफलताएँ कंपनी की इम्यूनोलॉजी रणनीति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं।

वित्तीय तौर पर SPARC ने हालिया तिमाही में राजस्व में 64% की बढ़त दिखा कर ₹27.19 करोड़ तक पहुँचाया, पर सालाना राजस्व में 5% गिरावट के साथ कुल ₹71.77 करोड़ रहा। शुद्ध नुकसान FY 2024‑25 में ₹342.51 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के ₹387.21 करोड़ की तुलना में सुधार दिखाता है, फिर भी बड़े नुकसान की स्थिति बनी हुई है।

इन परिणामों के बीच कंपनी ने लागत‑संकुचन पर ध्यान दिया है। 2023‑24 में अमेरिका में क्लिनिकल स्टाफ सहित 20% से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया गया, और R&D को अधिक फोकस्ड एवं लीन मॉडल में बदला गया। यह कदम शेयरधारकों को दिखाने के लिए है कि कंपनी द्वितीयक खर्चों को कम करके मुख्य शोध कार्य पर ध्यान देगी।

भविष्य में SPARC को दो प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पहला, SCD-044 के लिए वैकल्पिक सुझाव या फॉर्मुलेशन विकसित करना, ताकि इम्यूनोलॉजी पोर्टफोलियो में अंतर न आए। दूसरा, निवेशकों का भरोसा पुनः जीतना, जो लगातार दो बड़े क्लिनिकल झटकों से डगमगा रहे हैं।

जब तक कंपनी नई रणनीति नहीं पेश करती, बाजार में अस्थिरता जारी रहने की संभावना है। लेकिन अगर नियामक अनुमति और नई क्लिनिकल डेटा सकारात्मक निकलते हैं, तो SPARC के शेयरों को पुनः उठाने की राह खुल सकती है। इस समय, SPARC शब्द निवेशकों के लिए हर खबर में नज़र में रहेगा, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक।