पेरिस ओलंपिक 2024: अर्जेंटीना ने मोरक्को के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ खेलकर क्वार्टर फाइनल की उम्मीद जगाई

पेरिस ओलंपिक 2024: अर्जेंटीना ने मोरक्को के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ खेलकर क्वार्टर फाइनल की उम्मीद जगाई
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 25 जुलाई 2024 9 टिप्पणि

पेरिस ओलंपिक 2024 का रोमांचक उद्घाटन

पेरिस ओलंपिक 2024 का उद्घाटन समारोह पूरी दुनिया की नज़रों में आकर्षण का केंद्र बना रहा, और इसके फुटबॉल टूर्नामेंट का पहला मैच अर्जेंटीना और मोरक्को के बीच हुआ। इस मैच ने दर्शकों को एक थ्रिलिंग ड्रॉ देखने का मौका दिया। मैच की शुरुआत में दोनों टीमें एकदूसरे पर हावी नजर आईं, लेकिन समय के साथ मोरक्को ने अपनी रणनीति का सही इस्तेमाल करते हुए अर्जेंटीना की रक्षात्मक पंक्ति को चुनौती दी।

पहले हाफ का संघर्ष

मोरक्को की टीम के अनुभवी खिलाड़ी अशरफ हकिमी ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल किया। मैच के पहले हाफ में सोफियान रहीमी ने मोरक्को के लिए पहला गोल दागा, जब उन्होंने दायें किनारे से आई एक लो-ड्रिवन क्रॉस को सफलतापूर्वक गोल में बदल दिया। इस गोल से मोरक्को ने बढ़त हासिल कर ली और अर्जेंटीना की टीम पर दबाव बना दिया।

पहले हाफ के समाप्त होते-होते मोरक्को ने अर्जेंटीना को कोई मौका नहीं दिया। हालांकि, अर्जेंटीना ने भी कई कोशिशें कीं लेकिन वे मोरक्को की डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे।

दूसरा हाफ: नाटकीय मोड़

दूसरे हाफ की शुरुआत में ही मोरक्को ने अपनी बढ़त को और पुख्ता कर लिया। सोफियान रहीमी ने पेनाल्टी शॉट का फायदा उठाते हुए एक और गोल दागा। इस एक्शन के बाद मैच का रोमांच और बढ़ गया। अर्जेंटीना की टीम अब दो गोल से पिछड़ गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

अर्जेंटीना ने अपने अनुभवी खिलाड़ियों को मैदान में उतारा, जिनमें जूलियन अल्वारेज़ भी शामिल थे। उन्होंने अपने खेल से टीम को नई ऊर्जा दी। आखिरी आधे घंटे में सिमेओने ने एक आसान गोल करके मोरक्को की बढ़त को आधा कर दिया।

अंतिम समय की ड्रामा

मैच के अंतिम समय में चोटों के कारण 15 मिनट का अतिरिक्त समय जोड़ा गया। इन 15 मिनटों में खेलने का स्तर और भी ऊंचा हो गया। अर्जेंटीना ने भरसक कोशिश जारी रखी और उसके प्रयास सफल रहे। मैच के आखिरी मिनटों में मेदिन ने एक शानदार गोल करके स्कोर को बराबरी पर ला दिया।

अर्जेंटीना की उम्मीदें जिंदा

इस नाटकीय ड्रॉ के परिणामस्वरूप अर्जेंटीना की क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें जिंदा हैं। इस मैच से अर्जेंटीना को एक जरूरी अंक मिला है और इससे टीम को आत्मविश्वास भी मिला है।

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के इस स्तर पर इस तरह के मैच खेल प्रेमियों के लिए बेहद उत्साहजनक होते हैं। इस तरह के मैच न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी अविस्मरणीय अनुभव बन जाते हैं।

आगे के मैचों में अर्जेंटीना और मोरक्को की टीमें कैसा प्रदर्शन करेंगी, यह देखने वाली बात होगी। दोनों टीमों के पास अपने-अपने दर्शकों की उम्मीदों को पूरा करने का शानदार मौका है।

9 टिप्पणि

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    Vakil Taufique Qureshi

    जुलाई 25, 2024 AT 08:15

    अर्जेंटीना ने फिर से दिखा दिया कि हार नहीं मानते।

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    Jaykumar Prajapati

    अगस्त 16, 2024 AT 02:15

    क्या कहा यार! मोरक्को की रणनीति तो पूरी साजिश जैसा लग रहा है, शायद किसी अज्ञात ताकत ने पाथर लाया है। औ वो दो गोल? बस यही तो बात थी, असली खेल तो अभी बाक़ी है!
    देखते हैं कौन जीतता है, लेकिन याद रखो, ओलंपिक में सब कुछ हो सकता है।

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    PANKAJ KUMAR

    सितंबर 6, 2024 AT 20:15

    मैच का ज़्यादा रोमांचक पल वो था जब मेदिन ने आख़िरी मिनट में बराबरी का गोल किया, सच में टीम की आत्मा को जाग्रत कर दिया। दोनों पक्षों ने जीतने की इच्छा दिखायी, और यही फुटबॉल का असली मज़ा है。

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    Anshul Jha

    सितंबर 28, 2024 AT 14:15

    ये अर्जेंटीना का ढोंगी खेल है उन्होंने सिर्फ दिखावा किया अपना काबिलियत दिखाने के लिए उनके पास असली जीत की भावना नहीं है

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    Anurag Sadhya

    अक्तूबर 20, 2024 AT 08:15

    सभी को नमस्ते 🙏 इस ड्रॉ से ये साफ़ है कि दोनों टीमें बराबर की लड़ाई लड़ रही हैं, आइए हम सब मिलकर उनका समर्थन करें और खेल को और भी रोमांचक बनाएं! 😊

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    Sreeramana Aithal

    नवंबर 11, 2024 AT 02:15

    भाई साहब, ये सिर्फ एक सामान्य ड्रॉ नहीं, ये तो फुटबॉल का जज्बा‑है‑जंग है! सुनो, अगर मोरक्को ने अपने लीवर को सही दिशा में नहीं घुमा रखा तो अर्जेंटीना का 'क्वार्टर' सिर्फ हवा में बकवास रहेगा।

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    Anshul Singhal

    दिसंबर 2, 2024 AT 20:15

    यह ड्रॉ वास्तव में ओलंपिक फुटबॉल की अनिश्चितता को दर्शाता है।
    अंतिम मिनटों में हुईं टर्न्स ने दर्शकों के दिलों को धड़कन तक पहुँचा दिया।
    जब मेदिन ने बराबरी के लिए गोल किया, तो पूरी स्टेडियम में खुशी की लहर दौड़ गई।
    ऐसे मुकाबले न केवल खिलाड़ियों की कौशल को दिखाते हैं, बल्कि टीम की मानसिक दृढ़ता भी परखते हैं।
    अर्जेंटीना की अनुभवी लाइन‑अप ने कठिन परिस्थितियों में भी अपना संघर्ष नहीं छोड़ा।
    इसी तरह मोरक्को ने भी युवा ऊर्जा और रणनीतिक बुद्धिमत्ता से खेल को संतुलित रखा।
    इन्हीं छोटे‑छोटे फेवरों ने क्वार्टर‑फ़ाइनल के द्वार खुले रखे।
    अब अगला मुलाक़ात देखना होगा, क्या दोनों टीमें अपनी‑अपनी शैलियों से जीत पाएँगी।
    फुटबॉल प्रशंसकों को इस तरह की नाटकीय ड्रॉ बहुत पसंद आती है।
    यह हमें याद दिलाता है कि खेल में कभी‑कभी एक पल सब कुछ बदल देता है।
    जैसे ही अतिरिक्त समय शुरू हुआ, खिलाड़ी अपनी‑अपनी सीमाओं को पार कर दिखा रहे थे।
    वास्तव में, यह मैच दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया है।
    भविष्य में यदि दोनों टीमें इस उत्साह को बनाए रखें, तो ओलंपिक इतिहास में नई कहानियाँ लिख सकती हैं।
    आइए हम इस उत्सव को आगे भी समर्थन दें और खेल की भावना को बढ़ावा दें।
    समापन में, यह कहा जा सकता है कि ड्रॉ ने सभी को आशा और उत्साह से भर दिया है।

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    DEBAJIT ADHIKARY

    दिसंबर 24, 2024 AT 14:15

    प्रकाशित विचारों में गहरी अंतर्दृष्टि निहित है; तथापि, उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अगली जीत के लिए प्रत्येक टीम को अपनी रक्षा को सुदृढ़ करना होगा।

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    abhay sharma

    जनवरी 15, 2025 AT 08:15

    अरे वाह, ड्रॉ हुआ तो क्वार्टर फाइनल में जाओगे, बस यही सबके लिए बड़े सीन प्लॉट है, हाहा

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