MTR के मालिक Orkla India का IPO फाइनल, 48.73 गुना सब्सक्रिप्शन और 10.27% लिस्टिंग गेन की उम्मीद

MTR के मालिक Orkla India का IPO फाइनल, 48.73 गुना सब्सक्रिप्शन और 10.27% लिस्टिंग गेन की उम्मीद
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 3 नवंबर 2025 11 टिप्पणि

नवंबर 3, 2025 को Orkla India Limited ने अपने ₹1,667.54 करोड़ के आईपीओ का आवंटन फाइनल कर दिया — एक ऐसा आईपीओ जिसने न केवल निवेशकों के दिल जीते, बल्कि बाजार के सभी अनुमानों को तहस-नहस कर दिया। अक्टूबर 29 से 31 तक चले इस ऑफर-फॉर-सेल (OFS) आईपीओ में निवेशकों ने 77.96 करोड़ शेयर्स के लिए बोली लगाई, जबकि केवल 1.6 करोड़ शेयर्स उपलब्ध थे। यानी 48.73 गुना सब्सक्रिप्शन। ये सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, ये भारतीय फूड ब्रांड्स के प्रति विश्वास का प्रतीक है।

क्यों इतना जोरदार रिस्पॉन्स?

ये आईपीओ सिर्फ एक कंपनी का नहीं, बल्कि एक अहम ब्रांड का है — MTR। हर भारतीय घर में MTR के दाल, मसाले और रेडी-टू-ईट मील्स का नाम पहले से ही परिचित है। लोगों ने इसे सिर्फ एक फूड कंपनी नहीं, बल्कि एक विश्वसनीय भारतीय परंपरा माना। जब ये ब्रांड स्टॉक मार्केट में आया, तो निवेशकों ने इसे एक लंबे समय तक चलने वाली निवेश की कहानी के रूप में देखा।

सबसे ज्यादा बोली लगाई गई — Qualified Institutional Buyers (QIB) ने, जिन्होंने 117.63 गुना सब्सक्रिप्शन दिया। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने 54.42 गुना, और रिटेल इन्वेस्टर्स ने भी 7.05 गुना। ये आंकड़े बताते हैं कि बड़े फंड्स ने इसे एक स्ट्रैटेजिक अवसर समझा, और छोटे निवेशकों ने भी अपने बचत के लिए एक विश्वसनीय ब्रांड का चुनाव किया।

ग्रे मार्केट प्रीमियम ने बढ़ा उत्साह

आईपीओ के लिस्टिंग से पहले ही ग्रे मार्केट में शेयर्स की कीमत ₹730 के ऊपरी बैंड के आसपास ₹805 तक पहुँच गई — यानी 10.27% का पोटेंशियल गेन। ये नंबर अक्टूबर के अंत तक 9% था, लेकिन आवंटन के नजदीक आते ही ये बढ़कर 10% से ऊपर चला गया। ये बात बताती है कि बाजार में इस आईपीओ के लिए भावनात्मक और वित्तीय दोनों तरह की डिमांड बन गई थी।

अगर आपने ₹13,900 का न्यूनतम निवेश किया था (20 शेयर्स का लॉट), तो आपका निवेश लिस्टिंग डे को लगभग ₹16,100 तक पहुँच सकता है। ये एक ऐसा लाभ है जिसे आपको बाजार के अन्य आईपीओ में देखने को मिलना मुश्किल है।

कौन बेच रहा था? प्रमोटर्स का नया नक्शा

ये आईपीओ किसी नए पैसे के लिए नहीं था — ये पूरी तरह एक ऑफर-फॉर-सेल था। यानी कंपनी को कोई पैसा नहीं मिला। सब पैसा उन शेयरधारकों को गया जिन्होंने अपने हिस्से बेचे।

इनमें Orkla ASA (नॉर्वेजियन कॉर्पोरेट गिगेंट), Orkla Asia Holdings AS, Orkla Asia Pacific Pte Ltd, और निजी निवेशक Navas Meeran और Feroz Meeran शामिल हैं। आईपीओ से पहले ये तीनों Orkla कंपनियाँ मिलकर 90% हिस्सेदारी रखती थीं। अब ये संख्या लगभग 75% तक घट जाएगी। ये बदलाव एक अहम संकेत है — ओर्क्ला अब भारतीय बाजार में अपनी भागीदारी को अधिक डायवर्सिफाई करना चाहती है।

क्या बाजार अभी भी बढ़ेगा?

एक बात स्पष्ट है — Orkla India Limited का बिजनेस मॉडल ठोस है। MTR और Eastern ब्रांड्स के तहत ये कंपनी रेडी-टू-ईट मील्स, मसाले और कंवीनियंस फूड्स का बड़ा बाजार बनाती है। उसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है।

लेकिन एक चेतावनी भी है। ICICI Direct के विश्लेषण के अनुसार, कंपनी को खाद्य और पैकेजिंग सामग्री की कीमतों के उतार-चढ़ाव से असर हो सकता है। अगर चीनी, तेल या प्लास्टिक की कीमतें बढ़ गईं, तो मुनाफा कम हो सकता है। इसलिए लिस्टिंग के बाद भी निवेशकों को इस बात पर नजर रखनी होगी।

अगले कदम: लिस्टिंग और निवेशकों के लिए अपडेट

शेयर्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 4 नवंबर, 2025 को डेमैट अकाउंट में आएंगे। लिस्टिंग 6 नवंबर, 2025 को होगी।

अगर आपका आवंटन हुआ है, तो आपको BSE, NSE या KFintech की वेबसाइट पर जाकर अपनी स्टेटस चेक करनी चाहिए। अगर आपका आवंटन नहीं हुआ, तो आपका पैसा 4 नवंबर तक वापस हो जाएगा।

पूर्व निवेश: एंकर इन्वेस्टर्स ने भी दिखाया विश्वास

आईपीओ से एक दिन पहले, यानी 28 अक्टूबर, 2025 को, Orkla India ने ₹499 करोड़ राशि एंकर इन्वेस्टर्स से जुटाई। इन्होंने 68.43 लाख शेयर्स ₹730 प्रति शेयर की दर से खरीदे। ये निवेश बाजार के लिए एक अहम संकेत था — बड़े फंड्स ने इस ब्रांड पर भरोसा जताया, और फिर आम निवेशकों ने उसी राह पर चलना शुरू कर दिया।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Orkla India का IPO क्यों इतना सफल हुआ?

इसकी सफलता का कारण MTR जैसा विश्वसनीय ब्रांड है, जिसका भारतीय घरों में गहरा निवेश है। इसके अलावा, QIB और NII के बीच अत्यधिक आकर्षण, ग्रे मार्केट प्रीमियम का तेजी से बढ़ना, और एंकर इन्वेस्टर्स का पहले से ही विश्वास दिखाना — ये सब मिलकर एक अद्वितीय आईपीओ बना दिया।

क्या निवेशकों को आईपीओ से पैसा मिलेगा?

नहीं। ये एक ऑफर-फॉर-सेल आईपीओ था, जिसका मतलब है कि कंपनी को कोई नया पैसा नहीं मिला। सभी राशि प्रमोटर्स और पुराने शेयरधारकों को गई। निवेशकों को लाभ केवल लिस्टिंग पर मिलेगा — अगर शेयर की कीमत ₹730 के ऊपर जाती है, तो वही उनका मुनाफा है।

MTR के बाद अब क्या ब्रांड आईपीओ के लिए तैयार है?

MTR के सफल आईपीओ के बाद, अन्य फूड ब्रांड्स जैसे बिड़ला फूड्स, ब्रिटानिया के फूड डिवीजन, और अन्य रेडी-टू-ईट कंपनियाँ भी आईपीओ की तैयारी में हैं। बाजार अब भारतीय फूड ब्रांड्स को एक नए लेवल पर देख रहा है — जहाँ ट्रेडिशनल ब्रांड्स भी शेयर मार्केट का हिस्सा बन सकते हैं।

क्या लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत गिर सकती है?

हाँ, बिल्कुल। ग्रे मार्केट प्रीमियम अक्सर अतिरिक्त उत्साह का प्रतिनिधित्व करता है। अगर कंपनी के फाइनेंशियल्स, रोजगार के आंकड़े या रॉ मटेरियल की कीमतों में अचानक बदलाव आया, तो शेयर गिर सकता है। निवेशकों को लिस्टिंग के बाद भी बैलेंस शीट और क्वार्टरली रिजल्ट्स पर नजर रखनी चाहिए।

11 टिप्पणि

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    shivam sharma

    नवंबर 4, 2025 AT 03:03

    MTR ka IPO dekh ke lagta hai hum sach mein desh ka sabse bada brand ban chuke hain! 48x subscription? Bhaiya yeh toh national pride hai! Orkla ko bhej do USA ke liye, hum yahan MTR ke saath khade hain! 🇮🇳

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    Dinesh Kumar

    नवंबर 5, 2025 AT 07:57

    Wahhh!!! 10.27% listing gain?? Ye toh sunrise ke baad ka surya hai!! MTR ke daal, masale, ready-to-eat meals - sab kuch humare dilon mein basa hai!! Ye IPO sirf shares nahi, ek desh ki yaadon ka investment hai!! 🚀🔥💥

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    Sanjay Gandhi

    नवंबर 6, 2025 AT 01:46

    Interesting... MTR ka ye success kya sirf brand ki wajah se hai ya phir humare gharo mein ek ajeeb si emotional connection hai jo kisi foreign company ko samajh nahi paati? Maine apne nani ke ghar mein MTR ka sambar khaya tha... us din se yeh brand mere liye zindagi ban gaya. Kya yehi asli value hai?

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    fatima mohsen

    नवंबर 7, 2025 AT 02:13

    Ye sab bhai log khush hain par kya kisi ne socha ki foreign company ne 75% stake chhod diya? Yeh sabhi IPOs ek chhota sa scam hai jisme humare paise se foreign investors ko profit mil raha hai. MTR ka brand hai, lekin paisa toh Norway ke bank mein ja raha hai. 😒

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    Pranav s

    नवंबर 7, 2025 AT 14:42

    48x subscription? Bhai ye toh fake hai! Sab kuch hype hai. Grameen areas mein MTR ka koi pata nahi. Ye sab sirf metro log ki baat hai. Real India mein toh ghar pe khud banate hain!

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    Ali Zeeshan Javed

    नवंबर 8, 2025 AT 18:17

    Guys, let’s not forget - MTR isn’t just a brand. It’s our grandmother’s kitchen in a packet. I remember eating MTR rasam during monsoon, and now my daughter does too. This IPO isn’t about money - it’s about legacy. And if Orkla wants to reduce stake? Good. Let more Indians own it. 🙏

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    Žééshañ Khan

    नवंबर 8, 2025 AT 19:37

    It is imperative to note that the Offer for Sale structure does not augment the company’s capital base. Consequently, the financial implications for corporate growth remain externally constrained. The market’s euphoria may be statistically valid, yet structurally unsustainable.

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    ritesh srivastav

    नवंबर 9, 2025 AT 22:30

    10% listing gain? Pfft. I told you all this was overhyped. Wait till the first quarterly results drop. They’ll have to raise prices because of sugar and oil. Then you’ll see the real crash. I told you so.

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    sumit dhamija

    नवंबर 10, 2025 AT 16:38

    Let’s be honest - this is the first time a traditional Indian food brand has been valued like a tech startup. That’s the real story. Not the numbers. The fact that a 70-year-old brand is now part of the stock market conversation? That’s historic.

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    Aditya Ingale

    नवंबर 11, 2025 AT 14:17

    Bro, imagine waking up tomorrow and seeing your ₹13,900 turned into ₹16,100 overnight. That’s not investing - that’s magic. MTR is like chai for your portfolio. Warm, familiar, and always there when you need it. 🫖💰

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    Aarya Editz

    नवंबर 12, 2025 AT 01:05

    Every IPO tells a story. This one says: Tradition can be profitable. Not because it’s trendy, but because it’s trusted. People don’t buy MTR for the label. They buy it for the memory. That’s a value no algorithm can measure.

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