जब मदर'स डे 2025भारत की सुबह आई, तो देश के प्रमुख हिंदी लाइफ़स्टाइल पोर्टल्स ने भावनात्मक कोट्स, शायरी और मैसेज की बौछार कर दी। Jagran.com ने विशेष रूप से तैयार किए गए छह‑पार्ट संदेशों की श्रृंखला लॉन्च की, जबकि TheFirstParents.com, JanSatta.com और Herzindagi.com ने अपने‑अपने शायरी संग्रह से सोशल मीडिया को भर दिया। यह सामूहिक प्रयास इस बात का संकेत है कि डिजिटल युग में भी भारतीय मातृभक्ति ने नए रूप ले लिए हैं।
मदर'स डे 2025 का सांस्कृतिक महत्व
भारत में मदर'स डे पहली बार 1950 के दशक में लोकप्रिय हुआ, लेकिन 2020 के बाद डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने इसे हर साल एक बड़े शौक़ीन उत्सव में बदल दिया। इस साल की तारीख 12 मई तय की गई, जो कई प्रमुख स्कूलों और कंपनियों में माताओं के सम्मान में विशेष कार्यक्रमों की भी मेजबानी करती है।
Jagran.com की विशेष कोट्स श्रृंखला
Jagran.com ने "माँ, आप मेरा आज भी हैं और मेरा हर कल भी" जैसे कोट को प्रमुखता दी। पूरी श्रृंखला में कुल छह संदेश थे, जिनमें से एक में लिखा है, "मां है तो क्या फिकर हमारा। हैप्पी मदर'स डे 2025!" यह लाइन जल्दी ही व्हाट्सएप स्टेटस और इंस्टाग्राम रील्स पर ट्रेंड बन गई।
- पहला संदेश: "मां, आप मेरा आज भी हैं और मेरा हर कल भी। आपके बिना ये ज़िंदगी अधूरी सी लगती है।"
- दूसरा संदेश: "मां है तो क्या फिकर हमारा। हैप्पी मदर'स डे 2025!"
- तीसरा संदेश: "जब भी कोई मुश्किल आई, मां ने सबसे पहले आवाज़ लगाई। उसके आँचल में छिपकर, हमने राहत की सांस पाई।"
जागरन की इन पंक्तियों ने लाइव चैट में 2.3 लाख व्यूज़ और 15 हज़ार रीशेयर हासिल किए।
दूसरे प्लेटफ़ॉर्म की शायरी संग्रह
TheFirstParents.com ने "माँ के कदमों में ही जन्नत बसती है" जैसी शायरी को शीर्षक किया। इस शायरी को फॉलोअर्स ने चित्र में लिखकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, और अब तक 7 हज़ार लाइक्स मिल चुकी हैं। वहीँ JanSatta.com ने "हर मर्ज की दवा होती है मां" को उत्सव का मंत्र बना दिया। इन पंक्तियों को कई लोग अपने बीते हुए दर्द और संघर्ष को साझा करने के लिए उपयोग कर रहे हैं।
Herzindagi.com ने विशेष रूप से "चलती फिरती हुई आँखों से अज़ां देखी है मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है, माँ देखी है" को आकर्षक फ़ॉन्ट में प्रकाशित किया। इस शायरी को एक छोटे वीडियो में बदला गया, जिसे यूट्यूब पर 120 हजार व्यूज मिले।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और उपयोग
इन पोर्टल्स के कंटेंट को देखते ही भारतीय उपयोगकर्ता अपनी स्टेटस, बायो और डिप्लायमेंट ग्राफ़िक में नकल करने लगे। ट्विटर पर #MothersDay2025 हैशटैग ने 48 हज़ार टवीट्स और 1.2 मिलियन इम्प्रेशन्स पार कर ली। इंस्टाग्राम पर #मदरडे2025 ट्रेंड में शीर्ष 10 में रहा, जहाँ सबसे अधिक लाइक्स वाले पोस्ट ने 95 हज़ार लाइक्स हासिल किए।
काफी मॉडरेटर्स ने बताया कि ये शायरी और कोट्स विशेष रूप से छोटे शहरों और गांवों में लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि वे सादा भाषा में गहरी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं।
भविष्य में कोट्स और शायरी ट्रेंड
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल तक AI‑जनित शायरी और निजीकरण किए गए मैसेज भी इस फॉर्मेट में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इस साल के डेटा से साफ़ है कि मूल, भावनात्मक भाषा अभी भी सबसे प्रभावी माध्यम है।
- वृद्धि: इस वर्ष कोट्स पर 37 % वृद्धि दर्ज हुई।
- उपयोगकर्ता सहभागिता: औसत शेयरिंग टाइम 22 सेकंड।
- भौगोलिक वितरण: उत्तर भारत में 58 % उपयोग, दक्षिण में 27 %।
अगले कदम
जागरन, द फर्स्ट पैरेंट्स, जांसत्ता और हर्ज़िंदगी ने अगले महीने तक नई थीम‑आधारित शायरी लॉन्च करने का वादा किया है, जिसमें "माँ के साथ पहली नौकरी" और "घर से बाहर पहली बार" जैसे विषय शामिल होंगे। इस तरह की पहल से उम्मीद है कि अगले साल मदर'स डे का डिजिटल जश्न और भी विस्तृत रहेगा।
Frequently Asked Questions
मदर'स डे 2025 के कोट्स कौन-कौन से पोर्टल्स ने शेयर किए?
Jagran.com, TheFirstParents.com, JanSatta.com और Herzindagi.com ने प्रमुख कोट्स और शायरी प्रकाशित किए। प्रत्येक साइट ने अपने‑अपने शैलियों में मातृभक्ति को उजागर किया, जिससे सोशल मीडिया पर बड़ी प्रतिक्रिया मिली।
क्या ये शायरी केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं?
ज्यादातर सामग्री डिजिटल रूप में जारी की गई है, लेकिन कुछ वेबसाइट्स ने प्रिंटेड बैनर और पोस्टर्स भी स्थानीय पुस्तक दुकानों और स्कूलों में वितरित किए हैं।
इन कोट्स का सोशल मीडिया पर क्या प्रभाव रहा?
#MothersDay2025 हैशटैग ने 48 हज़ार ट्वीट्स और 1.2 मिलियन इम्प्रेशन्स हासिल किए। इंस्टाग्राम पर सबसे लोकप्रिय पोस्ट को 95 हज़ार लाइक्स मिले, जो दर्शाता है कि ये शायरी भावनात्मक जुड़ाव के लिए बहुत प्रभावी हैं।
मदर'स डे 2025 के कोट्स में सबसे ज़्यादा कौन सा थीम देखा गया?
सुरक्षा और सतत समर्थन की थीम प्रमुख रही, जैसे "माँ के कदमों में ही जन्नत बसती है" और "हर मर्ज की दवा होती है मां"। ये पंक्तियाँ मातृस्नेह को जीवन के मूल स्तंभ के रूप में दर्शाती हैं।
भविष्य में मदर'स डे की शायरी में क्या बदलाव आने की उम्मीद है?
विशेषज्ञों का मानना है कि AI‑जनित शायरी और व्यक्तिगत मैसेज अगले साल के ट्रेंड में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इस साल के डेटा से ऐसा स्पष्ट है कि भावनात्मक और सादे स्वर अभी भी सबसे अधिक पसंद किए जा रहे हैं।