क्रिकेट के मैदान पर अक्सर कुछ ऐसे अद्भुत क्षण आते हैं जो दर्शकों को हैरत में डाल देते हैं। और जब बात ऐसे समय की हो, जब खिलाड़ी लंबे वक्त बाद वापसी कर रहा हो, तो वह पल और भी खास हो जाता है। ऐसा ही कुछ नज़ारा बुकि बाबू टूर्नामेंट में झारखंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन ने दिखाया।
ईशान किशन ने लाल गेंद क्रिकेट में धमाकेदार वापसी करते हुए 86 गेंदों में शतक जड़ा और इस शतक को पूरा करने के लिए उन्होंने एक हाथ से छक्का मारा। यह छक्का इतना अविश्वसनीय था कि सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ईशान ने मध्य प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए यह कारनामा किया। उनके इस प्रदर्शन में 107 गेंदों में 114 रन शामिल थे, जिसमें 10 छक्के और 5 चौके शामिल थे।
सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाले शॉट में ईशान ने आढ़ेर प्रताप सिंह की गेंंद को लाँग ऑफ और मिड विकेट के बीच एक हाथ से फ्लिक करते हुए छक्के के रूप में भेजा। यह शॉट इतना शानदार था कि जैसे ही बल्लेबाजी कर रहे थे, ईशान का संतुलन बिगड़ा, फिर भी उन्होंने एक हाथ से छक्का मारते हुए अपने शतक को पूरा किया।
यह प्रदर्शन खास इसलिए भी था क्योंकि इसका असर ईशान के भविष्य के चयन पर भी पड़ सकता है। अगले महीने बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की घरेलू श्रृंखला होनी है और इस सीरीज के लिए टीम का चयन होना है। ईशान किशन का यह प्रदर्शन चयनकर्ताओं का ध्यान आवश्यक रूप से आकर्षित करेगा।
ईशान किशन का यह प्रदर्शन उनकी निरंतरता का एक प्रमाण है। इससे पहले भी आईसीसी अंडर-19 विश्व कप और आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन के जरिए उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है। घरेलू क्रिकेट में भी ईशान लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं।
श्रीलंकाई श्रृंखला के दौरान उन्हें नजरअंदाज किया गया था क्योंकि उन्होंने बीसीसीआई के निर्देशों का पालन नहीं किया था। बोर्ड ने स्पष्ट किया था कि खिलाड़ियों को राष्ट्रीय ड्यूटी के अलावा घरेलू क्रिकेट में भी भाग लेना अनिवार्य है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि चयन के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना जरुरी है।
ईशान किशन की इस नवीतम प्रस्तुति ने उनकी संभावनाओं को एक अलग मुकाम पर ला खड़ा किया है। बुकि बाबू टूर्नामेंट के इस प्रदर्शन के बाद उन्हें आने वाले दलीप ट्रॉफी में टीम डी का हिस्सा बनाया गया है, जिसका नेतृत्व श्रेयस अय्यर करेंगे।
खेल के प्रशंसक और विशेषज्ञ, दोनों ईशान किशन के इस प्रदर्शन से उत्साहित हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में जगह मिलती है या नहीं। न्यूकमर्स के साथ, विट्रॉन और संभावित रिकॉल्स के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, और यह देखना भी मिलेगा कि ईशान अपने स्थान को कैसे सुनिशचित करते हैं।
इस प्रदर्शन ने सबको यह संदेश दिया है कि जब भी मौका मिले, उनका प्रदर्शन हमेशा शीर्ष स्तर का ही रहने वाला है। ईशान की यह वापसी न सिर्फ उनके समर्थकों के लिए बल्कि पूरी टीम और बीसीसीआई के लिए भी प्रेरणा है।