फ़हीम अशरफ़ ने दिया मज़ेदार जवाब, बाबर‑रिज़वान नहीं थे हायर

फ़हीम अशरफ़ ने दिया मज़ेदार जवाब, बाबर‑रिज़वान नहीं थे हायर
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 29 सितंबर 2025 14 टिप्पणि

जब फ़हीम अशरफ़, ऑल‑राउंडर पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने अफगानिस्तान के खिलाफ 18‑रन की हार के बाद पत्रकारों के सवाल को चुटीले अंदाज़ में उलटा दिया, तो सभी ने उसकी बातों पर हँसी रोक नहीं पाए। यह प्रसंग शारजाह त्रिकोणीय श्रृंखलाशारजाह, संयुक्त अरब अमीरात में हुआ, जहाँ पाकिस्तान ने 170 रन के लक्ष्य को 151 पर गिरा दिया।

मैच की पृष्ठभूमि और टॉस का नतीजा

त्रिकोणीय श्रृंखला में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और यूएई तीनों टीमें भाग ले रही थीं। पहले दो मैचों में पाकिस्तान ने यूएई को 31 रन से हराया था, जबकि अफगानिस्तान लगातार दोनों मैच जीत चुका था। इस शाम को टॉस में पाकिस्तान को बैटिंग करने का विकल्प मिला, लेकिन शुरुआती ओवरों में विकेटों की बौछार ने टीम को धक्का दे दिया।

पाकिस्तान की रन‑ढूंढ और हार की मुख्य बातें

  • लक्ष्य: 170 रन
  • पाकिस्तान की कुल स्कोर: 151/9 (20 ओवर)
  • हारीस राउफ़ का फिनिश: 30 रन (12 बॉल, 4 चौके, 2 छक्के)
  • हारे‑जाने का अंतर: 18 रन

बातचीत के दौरान, बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान दोनों को इस टुर्नामेंट से बाहर रखा गया था। कोच लकीर खान ने कहा था कि दोनों बल्लेबाज़ों की असंगत फ़ॉर्म ने चयनकों को इस कठिन फ़ैसले पर मजबूर किया। इस कारण ही पत्रकारों ने सीधे पूछताछ की, “क्या बाबर‑रिज़वान की कमी महसूस हुई?”

फ़हीम अशरफ़ का चुटीला जवाब

फ़हीम ने एकदम दिल से जवाब दिया: "देखिए, मैच के दौरान हमें सिर्फ यह पता होता है कि हमें कितने रन चाहिए और कितनी गेंदें बची हैं। यहाँ बैठके हमें घर वालों की याद आती है, पर मैच के दौरान घर वालों की भी याद नहीं आती, तो आप हमारे साथियों की बात कर रहे हैं। बस यही सोचते हैं, पाकिस्तान को कैसे जीताया जाए।" इस जवाब ने सभी को हँसी‑हँसी में लपेट दिया और सवाल का सीधे‑सपाट उत्तर देने से बचा भी।

खिलाड़ियों और विशेषज्ञों के दृष्टिकोण

हारीस राउफ़ के देर‑आख़िरी ओवरों में प्रहार को देखते हुए, कई विशेषज्ञों ने कहा कि उसकी आक्रमक पिचिंग ने हार को बड़ा नहीं होने दिया। टेलीविज़न विश्लेशनकर्ता अहमद हसन ने कहा, "राउफ़ ने 12 बॉल में 30 रन बना कर टीम को फिर से दिलचस्प बना दिया, लेकिन शुरुआती विकेट गिरना और बैंटम में खपत न होना ही मूल कारण रहा।"

दूसरी ओर, पाकिस्तान के बेंच में मौजूद युवा ऑल‑राउंडर हसन बारेलु ने कहा, "हम हर पारी में सीखते हैं, बाबर‑रिज़वान की कमी तो है, पर हमारी टीम का आत्मविश्वास अभी भी मजबूत है। अगले मैच में हमें यूएई के खिलाफ फिर से साबित करना होगा कि हम आय एशिया कप के लिए तैयार हैं।"

बाबर‑रिज़वान के बाहर रहने के पीछे का चयन कारण

पिछले कुछ महीनों में बाबर आज़म की स्ट्राइक‑रेट 130 से नीचे गिर गई थी, जबकि रिज़वान ने कई बिसी 100‑सेंटर नहीं बना पाए। चयनकों ने इस रणनीतिक बदलाव को "भविष्य की तैयारियों" के हिस्से के रूप में बताया। इस बदलाव से अस्थायी तौर पर टीम की ताकत में अंतर आया, पर युवा बल्लेबाज़ों को अवसर मिलने से टीम में नई ऊर्जा का संचार हुआ।

आगामी मैच और एशिया कप की तैयारी

पाकिस्तान का अगला सामना संयुक्त अरब अमीरात के साथ 4 सितंबर को तय हुआ है। यदि वे इस बार जीतते हैं, तो ट्रायंगल सीरीज में उनकी स्थिति सुधर सकती है और एशिया कप में आत्मविश्वास का स्तर बढ़ेगा। एशिया कप 2025 में भारत में आयोजित होगा, जहाँ बाबर‑रिज़वान दोनों ही बिना नामांकन के रहेंगे। यह नया परिदृश्य चयनकों के लिये एक बड़ा जोखिम भी बनता जा रहा है।

निष्कर्ष: टीम का मनोबल और आगे की दिशा

फ़हीम अशरफ़ का हल्का‑फुल्का जवाब सिर्फ़ एक चुटीला जवाब नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि टीम ने एफ़ड्रैगज़ेब्रीज़ मोमेंट से बच कर मुख्य लक्ष्य—जित—पर ध्यान केंद्रित किया है। दो बड़े सितारों की अनुपस्थिति में भी, पाकिस्तान की युवा पीढ़ी और अनुभवी खिलाड़ी मिलकर सकारात्मक ऊर्जा बनाये रख रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या ये सकारात्मक ऊर्जा अगले मैच में भी दिखेगी और एशिया कप में पाकिस्तान को फिर से मंहगा पात्र मिल पाएगा।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

फ़हीम अशरफ़ ने बाबर‑रिज़वान के बारे में क्या कहा?

फ़हीम ने कहा कि मैच के दौरान उन्हें केवल रन और आवश्यक गेंदों की परवाह होती है, परिवार या साथियों की याद नहीं आती, इसलिए बाबर‑रिज़वान के बारे में पूछना प्रासंगिक नहीं है। उनका जवाब हल्का‑फुल्का था और सभी ने हँसी में डाल दिया।

बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान क्यों बाहर रखे गए?

उन्हें हाल के T20I में असंगत प्रदर्शन और कम स्ट्राइक‑रेट के कारण टीम से बाहर किया गया। चयनकों ने युवा प्रतिभाओं को मौका देने और टीम की दीर्घकालिक रणनीति को देखते हुए यह कदम उठाया।

पाकिस्तान ने इस हारी‑जाने में कौन‑से प्रमुख खिलाड़ी खड़े हुए?

हारीस राउफ़ ने अंतिम ओवरों में 30 रन बनाकर टीम को करीब लाने में मदद की। साथ ही, कप्तान बिलाल अम्रन ने मध्य‑क्रम में दो फिफ्टी बनाने की कोशिश की, लेकिन विकेटों की कमी की वजह से वह नहीं बन पाए।

आने वाला मैच यूएई के खिलाफ क्यों महत्वपूर्ण है?

यूएई के खिलाफ जीतने से पाकिस्तान को त्रिकोणीय श्रृंखला में आत्मविश्वास वापस मिलेगा और एशिया कप के लिए तैयारियों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह टीम के नए मिश्रण की जांच का भी अवसर है।

अफ़गानिस्तान की यह जीत किस दिशा में संकेत देती है?

अफ़गानिस्तान की लगातार जीतें दिखाती हैं कि उनकी T20I टीम अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर प्रतिस्पर्धी बन गई है, खासकर शारजाह जैसे न्यूट्रल टर्नामेंट में। यह भारत‑पाकिस्तान के अलावा नई प्रतिस्पर्धा का संकेत भी है।

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    ONE AGRI

    सितंबर 29, 2025 AT 21:11

    तुम लोग हमेशा वही बात दोहराते हो कि टीम का प्रदर्शन क्यों गिरा, पर असली सवाल तो यह है कि पाकिस्तान का क्रिकेट दिल से ही लड़ता है, चाहे कोई भी नाम हो याद में। फ़हीम का जवाब सिर्फ़ मज़ाक नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि हम अपने खिलाड़ियों को बिना दबाव के खेलते देखते हैं। जब बाबर‑रिज़वान को बाहर रखा गया, तो वह सिर्फ़ आँकड़े थे, लेकिन हमारी राष्ट्रीय गरिमा कभी नहीं हटेगी। इस जीत के बाद हमें अपनी ध्वज को और ऊँचा करके गूँजना चाहिए, क्योंकि शत्रु हमेशा हमारे भीतर की कमजोरी देखना चाहते हैं। हमें याद रखना चाहिए कि हर पारी में शौर्य और साहस का जल्ला जलता रहना चाहिए। यही कारण है कि मैं कहता हूँ, हमारे लिए सिर्फ़ रन नहीं, देश का सम्मान भी है। फुटबॉल की तरह, क्रिकेट भी हमारी राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा है, और हम इस पहचान को कभी नहीं खोने देंगे। इसलिए अगली बार जब हम मैदान में उतरेंगे, तो हम सब एक आवाज़ में कहेंगे: पाकिस्तान हमेशा जीतेगा!

  • Image placeholder

    Himanshu Sanduja

    अक्तूबर 2, 2025 AT 04:44

    भाई, फ़हीम का जवाब बिल्कुल सही था, वो बस खेल पर फ़ोकस कर रहा था। बैटिंग की रणनीति और गेंदों की गिनती ही सबसे ज़रूरी चीज़ें हैं। बाकी बातों को हटा देना चाहिए, तभी जीत की राह साफ़ होती है। ऐसे ही टीम में माहौल बनेगा तो अगले मैच में अज़र भी जीतेंगे।

  • Image placeholder

    Kiran Singh

    अक्तूबर 4, 2025 AT 12:18

    😂 यार फ़हीम का जवाब देख कर पूरे स्टेडियम में हँसी आ गई! सच में, खेल के दौरान तो बस रन और बॉल की गिनती रखनी चाहिए। बाकी सब फालतू की बातें हैं। चलो, अगली बार यूएई के खिलाफ जीतने की दुआ करते हैं! 🙌

  • Image placeholder

    Vibhor Jain

    अक्तूबर 6, 2025 AT 19:51

    बाबर‑रिज़वान को बाहर रखे, तो क्या? टीम की ताकत तो अभी भी मैदान में है, बस थोड़ी रणनीति बदलनी पड़ती है। फ़हीम की बात भी वैसी ही थी, खाली बातों में टाइम बर्बाद न करो।

  • Image placeholder

    Trupti Jain

    अक्तूबर 9, 2025 AT 03:24

    फ़हीम की टिप्पणी का विश्लेषण करते हुए, यह स्पष्ट है कि वह खेल की बारीकियों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहा है। चयन मंडल की रणनीति को समझना कठिन नहीं है; बाबर‑रिज़वान की अनुपस्थिति में युवा खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है। इस संदर्भ में, टीम के प्रदर्शन को आंकड़ा‑आधारित देखना चाहिए, न कि व्यक्तिगत प्रशंसा पर।

  • Image placeholder

    Rashi Jaiswal

    अक्तूबर 11, 2025 AT 10:58

    अरे वाह! फ़हीम का जवाब तो बिलकुल बिंदास था, पर सच में अब टीम की एनर्जी देखके मन खुश हो गया। बाबर‑रिज़वान के बिना भी, नई पीढ़ी की ताज़गी देखी तो लग रहा है कि जीत हमारी ही है।

  • Image placeholder

    Maneesh Rajput Thakur

    अक्तूबर 13, 2025 AT 18:31

    देखो, इस बात को समझना ज़रूरी है कि चयन प्रक्रिया में बहुत सारे छिपे राज़ होते हैं। अक्सर प्रमुख खिलाड़ी बाहर रखे जाते हैं ताकि कोई बड़ा साजिश रिफ़ॉर्म हो सके। इसलिए फ़हीम का जवाब सिर्फ़ प्यारा नहीं, बल्कि एक संकेत है कि पीछे की गुप्त साजिश को समझना बहुत ज़रूरी है।

  • Image placeholder

    Hariprasath P

    अक्तूबर 16, 2025 AT 02:04

    आख़िर सांच पूछिए तो, के भइया साजिश का जोक बकवास है, टीम के कोच भी तो बस गूँड रहे होते हैं। फ़हीम का जवाब तो ठीक है, पर ऑनलाइन सब बाता को उलझान मत बना दो।

  • Image placeholder

    Rashi Nirmaan

    अक्तूबर 18, 2025 AT 09:38

    फ़हीम की यह चतुर टिप्पणी बयानों की एक श्रृंखला को उभारती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उपस्थिति का महत्व केवल अभिव्यक्ति में नहीं बल्कि रणनीति में भी निहित है। टीम में दो प्रमुख बल्लेबाज़ों की अनुपस्थिति न केवल तकनीकी पहलुओं को प्रभावित करती है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव की भावना को भी झकझोरती है। इस परिप्रेक्ष्य से, यह देखना आवश्यक है कि चयनकर्ता किस तरह के मापदंडों को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि यह दीर्घकालिक विकास की दिशा को निर्धारित करता है।

  • Image placeholder

    Ashutosh Kumar Gupta

    अक्तूबर 20, 2025 AT 17:11

    ओह, क्या मौज है! फ़हीम ने जैसे सबको हँसाते‑हँसाते जवाब दे दिया, पर देखिए असली ड्रामा तो चयन बोर्ड की मीटिंग में है। जब तक वे लोग खुद को अंधा नहीं बना लेते, तब तक मैदान पर असली ड्रामा चल ही रहेगा।

  • Image placeholder

    fatima blakemore

    अक्तूबर 23, 2025 AT 00:44

    फ़हीम सही कह रहे हैं, सिर्फ़ रन और गेंदों की गिनती ही मायने रखती है।

  • Image placeholder

    vikash kumar

    अक्तूबर 25, 2025 AT 08:18

    फ़हीम की टिप्पणी को विश्लेषण करने के लिये हमें कई आयामों पर गौर करना होगा। प्रथम, वह यह स्पष्ट कर रहे हैं कि पिच की स्थितियों और बॉल की लम्बाई को समझना ही एक सफल बैटिंग रणनीति की कुंजी है। द्वितीय, उनका यह बयान यह इंगित करता है कि व्यक्तिगत खिलाड़ियों के निजी मुद्दे अक्सर सार्वजनिक मंच पर लाए नहीं जाने चाहिए, क्योंकि वे समूह के मनोबल को प्रभावित कर सकते हैं। तृतीय, यह भी दर्शाता है कि टीम की सामूहिक सोच और सहयोगी भावना ही अर्ध-शताब्दी पुराने क्रिकेट परम्पराओं को पुनः स्थापित कर सकती है। चौथा, बाबर‑रिज़वान की अनुपस्थिति का उल्लेख यह संकेत देता है कि चयन प्रक्रिया में एक नया सन्देश है, जहाँ युवा प्रतिभा को अवसर प्रदान करने के लिये पारम्परिक स्टार पावर को न्यूनतम किया गया है। पाँचवा, इस बदलाव के पीछे आर्थिक और राजनैतिक कारक भी हो सकते हैं, जो अक्सर सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं होते। छठा, इस प्रकार की रणनीतिक बदलावों से खिलाड़ियों को अधिक स्वतन्त्रता मिलती है कि वे अपने आत्मविश्वास को पुनः स्थापित कर सकें। सातवां, फ़हीम का भोज शब्दों में जटिलता यह दर्शाता है कि वह दर्शकों को केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि गहराई से सोचने को भी प्रेरित करना चाहते हैं। अष्टम, इस मंच पर बातों के ताने‑बाने को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि टीम मैनेजमेंट को भी ऐसी ही स्पष्टता से अपने निर्णयों को प्रस्तुत करना चाहिए। नवम्, इस प्रकार के उत्तर से हमें यह सीख मिलती है कि जब भी किसी खिलाड़ी को बाहर रखा जाता है, तो उसकी वैधता और भविष्य को ध्यान में रख कर पुनः मूल्यांकन किया जाना चाहिए। दशम्, इस परिप्रेक्ष्य से हम देख सकते हैं कि क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान और सामाजिक संरचना का प्रतिबिंब है। एकादश, इस प्रकार के विचार हमें यह भी याद दिलाते हैं कि खेल की राजनीति भी कभी‑कभी वास्तविक राजनीति से भी अधिक जटिल हो सकती है। द्वादश, अंततः, फ़हीम की टिप्पणी में यह स्पष्ट होता है कि वह टीम को निरंतर सुधार की दिशा में ले जाने के लिये एक संवेदनशील, परन्तु दृढ़ आवाज़ प्रदान कर रहे हैं। त्रयोदश, यह मनोवैज्ञानिक प्रभाव दर्शाता है कि जब खिलाड़ी अपने कर्तव्यों पर केंद्रित होते हैं, तो बाहरी विचलन कम होते हैं। चौदहवाँ, इसके साथ ही यह भी संकेत मिलता है कि जीत की चाह में कभी‑कभी व्यक्तिगत कहानियों से हटकर केवल टीम के लक्ष्य पर ध्यान देना आवश्यक होता है। पंद्रहवाँ, इस सबका समग्र परिणाम यह है कि फ़हीम का उत्तर न केवल एक चुटीला जवाब, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है, जो सभी को खेल की सच्ची परिभाषा की ओर ले जाता है।

  • Image placeholder

    Anurag Narayan Rai

    अक्तूबर 27, 2025 AT 15:51

    बहुत ही विस्तृत विश्लेषण है आपका, पर मैं इस बात को जोड़ना चाहूँगा कि फ़हीम का उत्तर बड़े खेल के दायरे को दर्शाता है। यह स्पष्ट है कि एक खिलाड़ी के शब्दों में निहित निहित भावनाएँ और टीम की रणनीतिक दिशा के झलक दर्शाती हैं। जब हम चयन मंडल की गतिशीलता को देखते हैं, तो यह भी समझ में आता है कि युवा खिलाड़ी अब अधिक अवसर प्राप्त कर रहे हैं। इस परिवर्तन का असर केवल मैदान पर नहीं, बल्कि दर्शकों की मनोस्थिति पर भी पड़ता है। इस प्रकार के संवाद सत्र हमें इस बात की प्रेरणा देते हैं कि हम खेल को केवल स्कोर बोर्ड तक सीमित नहीं रख सकते।

  • Image placeholder

    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 29, 2025 AT 23:24

    सच में, आपका जवाब हमें यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्रिकेट में व्यक्तिगत भावनाएँ और राष्ट्रीय गर्व कितनी गहराई तक जुड़े हुए हैं। यह एक तरह का दार्शनिक प्रतिबिंब है कि कैसे छोटे‑छोटे शब्द बड़े‑बड़े आंदोलन की नींव बनते हैं।

एक टिप्पणी लिखें