निर्देशक सुदा कोंगरा की दूसरी हिंदी-भाषा की फिल्म, 'सर्फिरा', अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका में है। यह फिल्म सुदा की ही तमिल फिल्म 'सूरराई पोटरु' (2020) का रीमेक है। फिल्म का आधार जी आर गोपीनाथ की अंग्रेजी मेमॉयर 'सिम्पली फ्लाई: ए डेक्कन ओडिसी' है। इसमें वायुसेना छोड़ने वाले वीर की कहानी दिखाई गई है, जो अपने समाज में किफायती हवाई सेवा लाने का सपना देखता है।
फिल्म में अक्षय कुमार वीर के रूप में नजर आते हैं, जो हर समय दर्शकों के दृष्टिगत रहते हैं। उनकी भूमिका ऐसी है कि वह अपनी अधिकतम स्क्रीन टाइम लेते हुए दिखाए गए हैं। उनकी उपस्थिति हर दृश्य में इतनी प्रमुख है कि सहायक कलाकारों का छाया में रहना स्वाभाविक हो जाता है।
फिल्म की सहयोगी कलाकार इरावती हर्षे मायदेव हैं, जिनकी प्रतिभा को सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया है। उनका चरित्र काफी संभावनाओं से भरा हुआ है, लेकिन उसे विस्तृत रूप में दिखाने की बजाय छोटे दृश्यों में सीमित कर दिया गया है।
फिल्म की कुल लंबाई 155 मिनट है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखने के लिए काफी लंबी है। फिल्म में जोरदार संगीत और जोर-जोर से बोले जा रहे संवाद भरे हुए हैं, जो कभी-कभी कानों के लिए असहनीय हो जाते हैं। फिल्म का स्वर इतना तेज और हावी है कि संवादो के बीच की असल बातचीत खो जाती है।
फिल्म का सबसे बड़ा भाग अक्षय कुमार के प्रशंसकों के लिए है, जो उनके स्टार पावर को पसंद करते हैं। वही, फिल्म की कहानी और उसकी प्रस्तुति में एकरूपता की कमी है। कहानी में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जो दर्शकों को एक भावनात्मक यात्रा पर ले जा सकते थे, लेकिन उन्हें सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया है।
फिल्म एक जोरदार और हावी अनुभव प्रदान करती है, जिसमें अधिकतर ध्वनि और संगीत शामिल है। यह उन दर्शकों के लिए हो सकती है जो केवल अक्षय कुमार के अभिनय को पसंद करते हैं, लेकिन जिनको असली कहानी में रुचि है, उन्हें जी आर गोपीनाथ की किताब पढ़ने की सलाह दी जाती है।
फिल्म 'सर्फिरा' एक उभरते हुए एंटरप्रेन्योर की कहानी है जो किफायती हवाई सेवा लाने का सपना देखता है। हालांकि फिल्म की प्रस्तुति कई जगहों पर कमजोर हो जाती है। अक्षय कुमार की ज़रूरत से ज़्यादा हावी उपस्थिति और सहायक कलाकारों के सीमित उपयोग से फिल्म अपनी प्रभावशीलता खो देती है। एक भावनात्मक और प्रेरक कहानी को अच्छे तरीके से पेश करने में फिल्म असफल रह जाती है।
जो दर्शक अक्षय कुमार के फैन हैं, उन्हें फिल्म पसंद आ सकती है, लेकिन जो कहानी में गहराई और वास्तविकता देखने के इच्छुक हैं, उनके लिए यह फिल्म थोड़ी निराशाजनक साबित हो सकती है।